मेनोपॉज (पीरियड हमेशा के लिए ख़त्म होना) की ओर बढ़ती औरतों के लिए एक ज़रूरी बात
30 की उम्र के बाद आपका शरीर लगातार बदलता है.
हिंदुस्तानी औरतों में कैल्शियम की भारी कमी होती है. (फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर) अगर आप एक औरत हैं और आपकी उम्र 30 से ऊपर है, या आपको मेनोपॉज़ (यानी पीरियड हमेशा के लिए ख़त्म) होने वाला है तो मैं आपसे बात कर रही हूं. आप ख़तरे में हैं. आपकी हड्डियां कमज़ोर होने वाली हैं. आगे जाकर फ्रैक्चर हो सकता है. यहां तक की ऑस्टियोपोरोसिस भी. ये हड्डियों की ही एक बीमारी होती है. अरे, हम आपको डरा नहीं रहे. बस सच्चाई से रूबरू करवा रहे हैं. अच्छा ये बताइए, आप रोज़ कैल्शियम के लिए क्या खाती हैं. और कितना? नहीं मालूम ना?
दरअसल, आप अकेली नहीं है. पूरा हिंदुस्तान कैल्शियम खाने के मामले में काफ़ी पीछे है.
ग्लोबल कैल्शियम मैप के मुताबिक, हिंदुस्तान में लोग हर दिन 400 ग्राम से कम कैल्शियम खाते हैं. ख़ासतौर पर औरतें.
हिंदुस्तान में औरतें कैल्शियम क्यों नहीं खातीं?
ये कोई राज़ की बात नहीं है कि हिंदुस्तान में काफ़ी ग़रीबी है. काफ़ी परिवार ऐसे हैं जो लो इनकम ग्रुप में आते हैं. यानी उनकी आमदनी काफ़ी कम है. अब कैल्शियम का सबसे बेहतरीन ज़रिया है दूध. ये हड्डियों के लिए भी काफ़ी अच्छा होता है. पर एक लीटर अमूल दूध की कीमत लगभग 42 रुपए है. एक लीटर मदर डेयरी की कीमत भी लगभग उतनी ही है. अब आपका दूधवाला आपको कितने में दूध देता है वो अलग बात है. दूध की ये कीमत कई परिवारों के लिए काफ़ी ज्यादा है. इसलिए कई परिवारों में दूध नहीं पिया जाता. और अगर नसीब होता भी है तो आदमियों और बच्चों को. मांएं, बीवियों, बेटियों को नहीं मिलता.
हेल्थ क्लूज़ नाम की एक वेबसाइट है. उसपर छपी खबर के मुताबिक ग़रीबी रेखा ये तय करती है कि महीने में कितना दूध पिया जाता है. और वो है 1.61 लीटर. यानी हर दिन का 50 मिलीलीटर. हालांकि हर इंसान को हर दिन 200 मिलीलीटर दूध पीना चाहिए. यानी लगभग एक पाव. पर दूध के बढ़ते दामों ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
हालांकि सिर्फ़ पैसों की कमी ही इकलौती वजह नहीं है. कुछ और भी वजहें हैं जिनके कारण हिन्दुस्तानी औरतों में कैल्शियम की कमी होती है.

दूध की कीमत कई परिवारों के लिए काफ़ी ज्यादा है. (फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)
क्या हैं वो वजहें
हमने डॉक्टर निशि त्रिवेदी से बात की. वो मैक्स हेल्थकेयर में जनरल फ़िज़िशियन हैं. उन्होंने बताया:
“मेनोपॉज़ के दौरान तो ख़ासतौर पर औरतों को ज़्यादा कैल्शियम खाना चाहिए. क्योंकि मनोपॉज़ के दौरान एस्ट्रोजेन नाम का हॉर्मोन शरीर में कम हो जाता है. इससे हड्डियां पतली होने लगती हैं. साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस होने का भी डर रहता है.”
कुछ और बातों का ध्यान रखना चाहिए-
जिन औरतों में कैल्शियम की कमी होती है, उनकी हड्डियां काफ़ी कमज़ोर होती हैं.
-जिन औरतों की उम्र 40 से ऊपर होती है उन्हें या तो मेनोपॉज़ हो चुका होता है या होने वाला होता है. उनका शरीर कम कैल्शियम सोखता है.
-30 साल के बाद उम्र की वजह से महिलाओं की हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं.
-जो औरतें केवल शाकाहारी खाना खाती हैं उनको कैल्शियम वैसे भी कम ही मिलता है.
-16 से 30 साल की लड़कियां जो डाइटिंग करती हैं या ज़्यादा वेट लूज़ करती हैं, उनमें कैल्शियम की कमी होने की संभावना रहती है.
-अगर शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, कैल्शियम भी शरीर में कम ही होता है. क्योंकि विटामिन डी ही शरीर में कैल्शियम सोखने में मदद करता है.

हर इंसान को हर दिन 200 मिलीलीटर दूध पीना चाहिए. (फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)
कैल्शियम की कमी से क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं
डॉक्टर निशि त्रिवेदी ने ये तीन बीमारियां बताईं-
ऑस्टियोपोरोसिस
ये हड्डियों की बीमारी होती है. हड्डियों का अंदरूनी हिस्सा एक शहद के छत्ते की तरह होता है. उनमें छोटे-छोटे छेद होते हैं. ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से इन छेदों का साइज़ बढ़ता रहता है. इस वजह से हड्डियां पतली होने लगती हैं और कमज़ोर हो जाती हैं.
ऑस्टियोपीनिया
ये एक तरह की कंडीशन होती है. इसमें हड्डियां अंदर से कमज़ोर होने लगती है. ये औरतों में आदमियों के मुक़ाबले ज्यादा होता है. वजह? मेनोपॉज़ के दौरान हॉर्मोन में बदलाव.
हाईपोकैल्शिमिया
ये ज़्यादातर उन औरतों में होता है जिन्हें मेनोपॉज़ होने वाला होता है. उस उम्र में एस्ट्रोजेन नाम के हॉर्मोन में गिरावट आ जाती है. इस वजह से हड्डियां और पतली होने लगती हैं.

30 साल के बाद महिलाओं की हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं. (फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)
कैल्शियम की कमी से कैसे निपटें
कैल्शियम की कमी पूरी करने के लिए आप कई चीज़ें कर सकती हैं. जैसे कैल्शियम की टेबलेट्स खा सकती हैं. यही नहीं, आपके किचन में कई ऐसी चीज़ें पड़ी होती हैं, जिनसे आपको भरपूर कैल्शियम मिल सकता है. इसके अलावा कुछ और हाई कैल्शियम चीजें हैं.
-रागी में भरपूर कैल्शियम होता है. आप अपने खाने में वो खा सकती हैं. 100 ग्राम रागी में 370 ग्राम कैल्शियम होता है.
-आप सोया भी खा सकती हैं. 100 ग्राम सोया बीन्स में 175 ग्राम कैल्शियम होता है.
-पालक तो है ही. नहीं पसंद तो भी खाइए. क्योंकि इसमें 90 मिलीग्राम कैल्शियम होता है. पर पालक पकाने से पहले उसे कम से कम एक मिनट तक उबालिए.
-आप अपना खाना नारियल के तेल में भी बना सकती हैं. ये आपके शरीर को कैल्शियम और मैग्नीशियम रीटेन करने मदद करता है.
-आखिरी बात. थोड़ी देर धूप में भी बैठा करिए. बस 20 मिनट बैठना है. विटामिन डी अगर शरीर में हो तो कैल्शियम आसानी से सोक हो जाता है. ये खासकर उन महिलाओं के लिए, जो पूरे दिन एसी दफ्तर में नौकरी करती हैं और धूप से उनका बिलकुल सामना नहीं होता.
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