5 आदतें जो आपको पेशाब का इन्फेक्शन दे सकती हैं
किस तरह और कब साफ़ करें अपनी वजाइना?
प्रियंका 18 साल की थी जब वो पहली बार हॉस्टल में रहने आई. सिर्फ एक ही चीज़ थी जो उसे रोज़ घर की याद दिलाती थी. नहीं, घर का खाना नहीं. टॉयलेट्स. दस कमरों के लिए एक टॉयलेट था. ज़ाहिर सी बात है उसे बहुत सारी लड़कियां इस्तेमाल करती थीं. और वो गंदा भी रहता था. एक दिन जब प्रियंका पेशाब करने गई, तो उसे बहुत तेज़ जलन महसूस हुई. पेशाब करने के बाद भी उसे ऐसा लग रहा था जैसे फिर से होने वाली है. कमर में दर्द भी शुरू हो गया. जब डॉक्टर को दिखाने गई तो पता चला UTI हो गया है. UTI बोले तो यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन. इस तरह का इन्फेक्शन आपके पेशाब के सिस्टम, यानी यूरिनरी सिस्टम में होता है. साथ में किडनी और ब्लैडर में भी होता है. ब्लैडर माने वो थैली, जिसमें शरीर के अंदर पेशाब स्टोर होती है.
क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है? ये हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योकि UTI औरतों में बहुत आम है. ज़्यादातर औरतों को ये एक से ज़्यादा बार भी होता है.
अब आपको कैसे पता चलेगा कि आपको UTI हो गया है?
अव्वल तो आपको पेशाब करते वक़्त जलन और दर्द होगा. साथ ही ऐसा लगेगा कि बस अभी पेशाब होने वाली है, पर होगी नहीं. और हां, तेज़ बुख़ार भी चढ़ सकता है.
अब आते हैं दूसरे ज़रूरी मुद्दे पे: UTI आख़िर कैसे होता है?
ज़्यादा साइंस में नहीं घुसते हैं. सरल शब्दों में कहें तो वजाइना की अंदरूनी सतह पर ये इन्फेक्शन हमला बोल देता है. जिससे पैदा होते हैं बैक्टीरिया. फिर ये बैक्टीरिया धीरे-धीरे आपके ब्लैडर की तरफ बढ़ने लगते हैं. फिर उसे इन्फेक्ट कर देते हैं.
डराने वाली बात ये है कि UTI होना बहुत आसान है. आप दिनभर में ऐसी कई चीज़े करती हैं, जिससे UTI हो सकता है. जैसे आखिरी बार टॉयलेट इस्तेमाल करने से पहले क्या आपने फ्लश किया था? या पानी डाल कर धोया? अगर नहीं, तो ये ज़रूर करें. क्युकि गंदा टॉयलेट इस्तेमाल करना UTI को न्योता देना है.
डॉक्टर वंदना गावड़ी, जो फोर्टिस मुंबई में स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं, ये 5 वजहें बताती हैं.
1. शौच के बाद ढंग से सफाई न करना
पेशाब या शौच के बाद ख़ुद को साफ़ करना बहुत ज़रूरी है. पर कैसे? कभी भी पीछे से आगे नहीं. समझे. मतलब पहले वेजाइना वाला एरिया साफ़ करें, फिर पीछे का हिस्सा. ये इसलिये ज़रूरी होता है क्योंकि शौच के बाद उस जगह काफ़ी जर्म्स होते हैं. अगर आप हाथ से या किसी कागज़ से पोछते हैं, तो आप वहां के कीटाणु वजाइना तक ले आते हैं.
2. बहुत देर तक पेशाब रोके रहना
भई ऐसा बिल्कुल मत करिए. बहुत बार ऐसा होता है कि घर से निकले तो पेशाब रोक लिया. सोचा घर वापस आकर ही करेंगे. ऐसा मत करिए. समय-समय पर पेशाब करती रहिए. और कोशिश करिए कि हर चार घंटे पर अपना ब्लैडर ख़ाली करती रहिए. यानी टॉयलेट जाती रहिए.
3. गलत टाइप की अंडरवियर पहनना
लेडीज, चाहे आपको सिंथेटिक और लेसी अंडरवियर कितनी ही ख़ूबसूरत क्यों न लगे, इन से थोड़ा दूर ही रहिए. बहुत ही कसी अंडरवियर मत पहनिए. और जो बहुत ही चिपकने वाले कपड़े होते हैं, जैसे पॉलिएस्टर, उनसे बनी अंडरवियर न पहनें. इस टाइप के मटीरियल के अंदर हवा पास नहीं होती है. जिससे पसीना सूख जाता है. और फिर पनपते हैं बैक्टीरिया. जिससे होता है इन्फेक्शन. तो सिंपल कॉटन अंडरवियर ही पहनें.
4. पेशाब के रंग पर ध्यान न देना
हां, अब पेशाब करते टाइम उसे देखना किसे ही पसंद होगा? पर रंग पर थोड़ा ध्यान देना ज़रूरी है. अगर पेशाब का रंग गाढ़ा पीला है. या हल्का भूरा हो गया है, तो फौरन पानी पीजिए. इन रंगों से पता चलता है कि आपके शरीर में पानी की कमी है. और पानी की कमी का मतलब हुआ... सही पकड़े हैं... UTI.
5. सेक्स के बाद पेशाब न करना
ये थोड़ा ज़रूरी है. सेक्स के बाद कई बार कुछ बैक्टीरिया ब्लैडर तक पहुंच जाते हैं. उनसे निपटने के लिए ज़रूरी है कि आप सेक्स के बाद पेशाब करें. भले ही आ रहा हो या नहीं. और हां, ख़ुद को पानी से धोना न भूलें.
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