वहीदा रहमान: वो एक्ट्रेस जिन्होंने 'शोले' के 'ठाकुर' की क्लास लगा दी थी

यही नहीं, विकिपीडिया वालों को मेल और फोन तक करने की नौबत आ गई थी एक बार

वहीदा रहमान. बॉलीवुड के सबसे जादुई चेहरों में से एक. वो एक्ट्रेस, जिसने चौदहवीं का चांद गाने को अपने होने भर से अमर कर दिया. जैसे ड्रीम गर्ल गाते हुए धर्मेन्द्र के स्क्रीन पर आने के समय हेमा मालिनी की छवि के सिवा कोई और छवि ध्यान में नहीं आती, वैसे ही वहीदा रहमान का चेहरा चौदहवीं के चांद की माफिक एक एनिग्मा बन गया. ब्लैक एंड वाईट फिल्मों के दौर में कुछ बेहद स्ट्रांग रोल करने वाली वहीदा खुद को कभी बेहद सुन्दर नहीं मानती थीं. लेकिन उनकी एक्टिंग की छाप ऐसी छूटी लोगों के दिलों पर, कि वहीदा का नाम अपने आप में एक तावीज बन गया. जिसके भीतर का मन्त्र कोई नहीं जानता. पर सब जानते हैं, उसके भीतर जादू भरा है.

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वैसे वहीदा रहमान को गुरु दत्त ने हैदराबाद में डिस्कवर किया था. उर्दू पर अच्छी पकड़ रखने वाली एक्ट्रेस की तलाश थी उन्हें. वहीदा में वो पूरी हो गई. प्यासा फिल्म में उन्होंने एक वेश्या का रोल किया था. गुरु दत्त को हमेशा अपना मेंटर मानती रहीं. लेकिन सबसे ख़ास बात ये थी, कि उन्होंने गुरु दत्त को एक डिरेक्टर के तौर पर ज्यादा पसंद किया. ये बात उन्होंने एक इंटरव्यू में भी स्वीकारी कि गुरु दत्त को अपने अपोजिट देखने की जगह वो उनसे डिरेक्ट होना ज्यादा पसंद करेंगी.

साहिब बीबी और ग़ुलाम, गाइड, CID कागज़ के फूल, प्यासा, चौदहवीं का चांद. ये सभी फिल्में ऐसी रहीं जिनमें वहीदा ने स्क्रीन पर जादू बिखेरा. इसके बाद दिल्ली 6 में भी नज़र आईं. लेकिन वो फिल्म कुछ ख़ास कर नहीं पाई. 

waheeda-pya_750x500_020319113959.jpgगुरु दत्त के साथ उन्होंने प्यासा फिल्म में काम किया था. उनके किरदार का नाम गुलाबो था.

वहीदा को सब एक बेहद शांत, गंभीर एक्ट्रेस के तौर पर जानते हैं. लेकिन उनकी शख्सियत के कुछ पहलू ऐसे भी हैं जिनके बारे में कई लोगों को नहीं पता. ऐसी ही बात उन्होंने रैन्देवू विद सिमी गारेवाल में बताई. बात खुद सिमी ने शुरू की. जब उन्होंने बताया कि वहीदा एक दिन शूट का वेट कर रही थीं. सुबह 9 बजे से तैयार होकर. ड्रेस, मेकअप वगैरह सब लगाकर. पूरे दिन शूट नहीं हुआ. रात को आकर किसी ने उन्हें बताया, कि उनका शूट नहीं हो पाएगा. ऐसी सिचुएशन में वहीदा ने गुस्सा होने के बजाय चुपचाप बस इतना पूछा, ‘अच्छा तो मैं चली जाऊं?’.

लेकिन फिर वहीदा ने एक बेहद मजेदार घटना बताई. वो संजीव कुमार के साथ शूट कर रही थीं. लेकिन संजीव की एक खराब आदत थी. वो कभी भी टाइम पर सेट नहीं पहुंचते थे. सारा यूनिट तंग आ गया था. यूनिट ने कहा, वहीदा जी, आप इस तरह बैठी रहेंगी तो कुछ नहीं होगा. एक दिन संजीव जी की गाड़ी आए तो आप अपना समान लेकर घर निकल जाना. प्रोड्यूसर डिरेक्टर ने भी कहा एक बार कर ही डालो.

waheeda-chau_750x500_020319114057.jpgचौदहवीं का चांद आज भी एक आइकोनिक गाना है, वहीदा रहमान उसकी आइकोनिक एक्ट्रेस.

तो अगले दिन वहीदा पूरा सामान वगैरह लेकर तैयार कि जैसे ही संजीव आएंगे, वो निकल जाएंगी. सब इसी के इंतज़ार में बैठे थे. जैसे ही संजीव कुमार की गाड़ी आई, वहीदा को सभी ने अलर्ट कर दिया. वो गाड़ी में निकल गईं. जाते हुए संजीव से नज़रें मिलीं. उन्होंने भौंचक होकर पूछा, कहां जा रही हो. वहीदा ने कहा, ‘घर’.

दो घंटे बाद सेट से फोन आया, संजीव जी ने कहा है आगे से कभी ऐसा नहीं होगा. आप आ जाइए. वहीदा ने कहा, आज तो मैं नहीं आऊंगी. आप संजीव से पूछिए वो कल कितने बजे आएंगे. उस वक़्त मैं पहुंच जाऊंगी.

वैसे एक बात और है. वहीदा रहमान के जन्मदिन को लेकर कई जगह कन्फ्यूजन तब तक बनी रही जब तक उन्होंने खुद इस बात को क्लियर नहीं किया. 2014 में दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि 14 मई को उनका जन्मदिन नहीं  होता. 3 फरवरी को होता है. लेकिन कई वेबसाइट्स पर 14 मई लिखा बताते हैं.  इस वजह से लोग उन्हें उस दिन विश करते हैं. वो माफ़ी मांग-मांग कर थक जाती हैं. विकिपीडिया को उन्होंने मेल किया. फोन किया. कई सालों तक उन्होंने कुछ नहीं किया. गुजारिश भी की कि उनका जन्मदिन तो सही लिख दें. बाद में जाकर ठीक किया. लेकिन कई जगहों पर अभी भी यही तारीख है.

वहीदा रहमान के जन्मदिन के मौके पर देखते जाइए उनका ये क्लासिक मास्टरपीस:

 

 

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