वो औरतें जो हमें चांद पर लेकर जा रही हैं
पहली बार इस तरह के स्पेस प्रोजेक्ट को दो महिलाएं लीड कर रही हैं.
'सितारे मुझे बचपन से ही अपनी ओर खींचते थे. मैं सोचती इस अंधेरे अंतरिक्ष के उस पार क्या है. विज्ञान मेरे लिए सिर्फ एक विषय नहीं एक जुनून था. जो मुझे अपने लक्ष्य की ओर खींच रहा था.'
ये बात रितु करिधाल श्रीवास्तव ने कही थी. शाहरुख खान के शो टेड टॉक्स इंडिया में. साल 2018 में. वह 20 सालों से इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन में काम कर रही हैं. सीनियर वैज्ञानिक हैं और इसरो के कई बड़े मिशनों का हिस्सा रह चुकी हैं.
रितु करिधाल श्रीवास्तव उन दो वैज्ञानिकों में से एक हैं जो चंद्रयान 2 मिशन को लीड कर रही हैं. दूसरी वैज्ञानिक हैं वनिता मुथैया. इनमें से एक पूरे प्रोजेक्ट पर नजर रख रही हैं. वहीं दूसरी लॉन्चिंग के फाइनल और सबसे मुश्किल प्रोसेस को लीड कर रही हैं. ये दोनों ही करीब 20 साल से इसरो से जुड़ी हैं. कई सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग और उनके निर्माण का हिस्सा रह चुकी हैं.
चंद्रयान 2 की घोषणा करते हुए इसरो के चेयरमैन के सिवन ने बताया, 'ये पहली बार है जब किसी प्लैनेटरी मिशन की इंचार्ज दो महिलाएं हैं. इससे पहले कम्युनिकेशन या अन्य सैटेलाइट लॉन्च प्रोग्राम को महिला वैज्ञानिक लीड कर चुकी हैं.'
इसरो 15 जुलाई को चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग करने वाला है
पहले जान लेते हैं कि इस मिशन में इन दोनों वैज्ञानिकों का काम क्या है.
- वनिता इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इंजीनियर हैं. वो इस चंद्रयान की प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं. यानी पूरा प्रोजेक्ट यही देख रही हैं.
- इंडियन एक्सप्रेस ने पूर्व इसरो चेयरमैन के राधाकृष्णन के हवाले से लिखा है कि प्रोजेक्ट इंजीनियर एकदम शुरुआत से प्रोजेक्ट का हिस्सा बनता है.
- प्रोजेक्ट के लिए क्या-क्या जरूरतें हैं. सारे इंस्ट्रूमेंट हैं या नहीं, उनकी एसेंबली सही तरीके हुई है या नहीं. उनको रिव्यू करना. चेक करना. सब
- प्रोजेक्ट डायरेक्टर पूरे प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी अथॉरिटी होता है. यानी प्रोजेक्ट से जुड़ा हर फैसला उनकी परमिशन से ही किया जाता है.
- वनिता को अभी 18 महीने पहले ही इस प्रोजेक्ट का डायरेक्टर बनाया गया है. वह पहले इस प्रोजेक्ट में एसोसिएट डायरेक्टर थीं.
- एम अन्नादुराई प्रोजेक्ट डायरेक्टर थे. उनका प्रमोशन हो गया. जिसके बाद वनिता को प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया गया.
- 2006 में एस्ट्रोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया ने उन्हें बेस्ट वुमन साइंटिस्ट का अवॉर्ड दिया था.
- वो इसरो के सैटेलाइट लॉन्च के कई प्रोजेक्ट्स को लीड कर चुकी हैं.
- इंटरनेशनल साइंस जर्नल ने 2019 के सबसे प्रॉमिसिंग साइंटिस्ट्स की लिस्ट में वनिता का नाम शामिल किया है.
अब इस मिशन की दूसरी लीड साइंटिस्ट के बारे में जान लेते हैं
- रितु करिधाल लखनऊ की रहने वाली हैं.
- एरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से.
- चंद्रयान 2 की वो मिशन डायरेक्टर हैं. यानी चंद्रयान 2 जब चांद के करीब पहुंचेगा तब उनका काम शुरू होगा.
- चंद्रयान को चांद पर सुरक्षित उतारने के लिए जो भी जरूरी कदम उठाने होंगे वो रितु करिधाल और उनकी टीम उठाएगी.
- सितंबर, 2014 में भारत का मंगलयान मंगल ग्रह के ऑर्बिट पर पहुंचा था.
- रितु इस मार्स मिशन की डिप्टी ऑपरेशन मैनेजर थीं.
- इन्होंने 1997 में इसरो जॉइन किया था.
- साल 2007 में उन्हें इसरो का यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड मिल चुका है.
🇮🇳#ISROMissions 🇮🇳#Chandrayaan2“The launch of Chandrayaan-2 is planned on July 15, 2019 at 02.51 Hrs from Sriharikota. Soft landing of Vikram lander on lunar surface is likely to be on September 06, 2019" Dr K Sivan announced in today's Press Meet pic.twitter.com/5R8dneN3lF
— ISRO (@isro) June 12, 2019
शाहरुख खान वाले शो में में करिधाल ने कहा था-
इस मिशन को स्त्री वैज्ञानिकों ने पुरुष वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कामयाब बनाया. जो कॉन्फिडेंस मुझे मेरे माता-पिता ने 20 साल पहले दिया था. आज मुझे लगता है कि वो हर लड़की को मिलना चाहिए. मुझे लगता है कि लड़का-लड़की का अंतर उतना रह नहीं गया है. लेकिन हां, अंदरूनी इलाकों में, गांव-कस्बों में अभी ये भावना नहीं आई है. लड़की बड़े शहर की हो या गांव-कस्बे की, पेरेंट्स का सपोर्ट हो तो वो बहुत आगे बढ़ सकती है.
चलते-चलते जान लेते हैं कि चंद्रयान 2 मिशन क्या है?
चंद्रयान 2 चांद पर जाने का भारत का मिशन है. इस पर इसरो काम कर रहा है. ये चांद के लिए भारत का दूसरा मिशन है. लेकिन चांद पर उतरने वाला पहला मिशन होगा. चंद्रयान 2 को एक रॉकेट की मदद से चांद तक भेजा जाएगा. ये चांद के उस हिस्से में कदम रखेगा जहां अब तक कोई नहीं गया है. इससे पहले भारत ने चंद्रयान मिशन लॉन्च किया था. 2008 में. तब भारत ने एक सैटेलाइट भेजा था. जो चांद के ऑर्बिट में यानी चांद के चारों तरफ घूमता था. वैसे ही जैसे हमारी धरती के चारों तरफ चांद घूमता है. ये मिशन पहले 15 जुलाई को लॉन्च होने वाला था. लेकिन तकनीकी खामी की वजह से इसे टाल दिया गया था. चंद्रयान 2 को 22 जुलाई की दोपहर पौने तीन बजे लॉन्च किया गया.
वैसे अच्छा है न. वक्त बदल रहा है. चांद के लिए जिन औरतों के गालों की उपमा दी जाती थी, वो आज चंद्रयान का प्रोजेक्ट लीड कर रही हैं.
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