लड़की को सरदर्द हुआ, दवा लेकर सोने गई, उठी तो पता चला मां बन चुकी है

लड़की की उम्र 18 साल है.

कैसा लगेगा आपको, जब आप सोने जाएं. उठें तो पता चले आपने एक बच्चे को जन्म दे दिया है?

ऐसा ही कुछ हुआ ब्रिटेन की एबोनी स्टीवेंसन के साथ. एबोनी 18 साल की हैं. ब्रिटेन के ओल्डहैम नाम की जगह में रहती हैं. 2 दिसंबर 2018 को उनको सिरदर्द के दौरे पड़े. उसके बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसके बाद एबोनी कोमा में चली गईं.

जांच हुई तो पता चला कि उनको प्रीक्लेम्प्सिया नाम की बीमारी थी. इस वजह से उन्हें अचानक सर दर्द होने लग जाता था. प्रीक्लेम्प्सिया एक तरह की कंडीशन होती है जो प्रेग्नेंट औरतों में देखने को मिलती है. इसमें हाई ब्लड प्रेशर हो जाता है. हाथ-पैरों में सूजन, पेशाब में प्रोटीन का बढ़ना जैसे लक्षण इसमें देखने को मिलते हैं.

लेकिन एबोनी प्रेग्नेंट तो नहीं थीं? मतलब, उनको तो इस बारे में कुछ पता ही नहीं था.

होता भी कैसे. बच्चा उनके दूसरे यूट्रस में जो पल रहा था.

baby-750x500_022019053403.jpgतस्वीर: ट्विटर

जांच करने पर पता चला कि एबोनी के दो यूट्रस यानी गर्भाशय थे. मेडिकल साइंस में इस कंडीशन को यूट्रस डिडेलफिस (Uterus Didelphys)  कहा जाता है. ये तब होता है जब बच्चे के पेट में बनने के समय यूट्रस बनता है. उस समय दोनों तरफ की जो डक्ट्स होती हैं (ओवरीज से यूट्रस को जोड़ने वाली डक्ट्स) वो पूरी तरह से जुडती नहीं है. यानी फ्यूजन नहीं होता दोनों का. इस तरह दो अलग-अलग यूट्रस बन जाते हैं. एबोनी के केस में उसके बाईं तरफ के यूट्रस में बच्चा पल रहा था. वो बाईं तरफ झुका हुआ था, इसलिए बेबी बंप उतना पता नहीं चला. उसके पेट में जो बच्चा था वो पूरी तरह विकसित हो चुका था. एबोनी के अस्पताल में एडमिट होते ही उसका ऑपरेशन किया गया. एबोनी ने बच्ची को जन्म दिया. लेकिन उनको ये बात तीन दिन बाद पता चली जब वो कोमा से निकलकर होश में आईं.   

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ये एक नॉर्मल यूट्रस है. एक सर्विक्स. दो म्यूलर डक्ट्स. एक गर्भाशय. तस्वीर: पिक्साबे

एबोनी कॉलेज में स्पोर्ट्स फिजियोथेरपी का कोर्स कर रही हैं. जिस तरह उनको पता नहीं था कि उनके दो यूट्रस हैं, वैसे ही ये कंडीशन तब तक पता नहीं चलती जब तक जांच ना करवाई जाए. क्योंकि इसमें पीरियड्स वगैरह नॉर्मली आते रहते हैं. इस वजह से आम तौर पर चिंता नहीं होती. हालांकि इस तरह के केसेज बहुत रेयर होते हैं, फिर भी कुछ मामले सामने आते ही रहते हैं. कोमा के बाद भी एबोनी को सिर्फ यही याद था कि वो सिरदर्द की वजह से सोने गई थी.

एबोनी ने अपनी बच्ची का नाम एलोडी रखा है.

did-ut-750x500_022019053646.jpgये है यूट्रस डिडेलफिस कंडीशन वाला गर्भाशय. इसमें आपको ये दो हिस्सों में बंटा दिखाई दे रहा है. इसमें से ही एक तरफ के यूट्रस में एबोनी का बच्चा ठहर गया था. तस्वीर: विकिमीडिया

हमने इस कंडीशन के बारे में बात की डॉक्टर शिवानी चतुर्वेदी से. आगरा की मशहूर गाइनकॉलजिस्ट हैं. उन्होंने बताया,

‘इस कंडीशन में भी दो तरह के यूट्रस होते हैं. एक में सिंगल सर्विक्स होता है, एक में दो सर्विक्स होते हैं. पहले वाले केस में तब पता चलता है जब कोई पेशेंट आती है कंसीव न कर पाने की प्रॉब्लम लेकर. तब हम एक टेस्ट करते हैं. HSG टेस्ट. इससे पता चल जाता है इस कंडीशन के बारे में. जब किसी औरत को ये कंडीशन होती है तो कई बार ऐसा होता है कि एक तरफ के यूट्रस में बच्चा ठहर जाता है, दूसरे वाले से पीरियड्स आते रहते हैं. इस तरह के केस महीने में एक तो आ ही जाता है. हमने कई केसेज में यूट्रस में बच्चा ठहराया भी है. सक्सेसफुल डिलिवरी भी करवाई है. नॉर्मल डिलिवरी हो सकती है इसमें, लेकिन प्रेफर नहीं की जाती. प्रेगनेंट औरत को ज्यादा रेस्ट भी करना होता है इस कंडीशन में. प्रोजेस्ट्रोन हॉर्मोन देना पड़ता कई बार. कई बार फाल्स पेन भी होते हैं क्योंकि यूट्रस की मसल्स इतनी मजबूत नहीं होतीं.’

dr-shivani_022019053729.jpgडॉक्टर शिवानी ने हमें बताया कि ऐसी कंडीशन में भी प्रेग्नेंसी हो सकती है. तस्वीर: ट्विटर

‘इसकी जानकारी टेस्ट करने के बाद ही हो सकती है. हालांकि प्रेगनेंट होने में थोड़ा ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है, लेकिन प्रेगनेंट होती हैं औरतें इस कंडीशन के साथ भी. बचपन से ही होती है ये कंडीशन. लेकिन इसमें यूट्रस को सर्जरी करके जोड़ा नहीं जा सकता. ये सेफ नहीं होता. वो खुल जाएगा वापस. इसलिए कोशिश यही होती है कि उसी में प्रेग्नेंसी ठीक से हो जाए’.

 

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