काले स्कार्फ़ में शोक मनातीं न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री खुद में एक ऐतिहासिक औरत हैं

क्या हम कभी 37 साल की एक बिन-ब्याही मां को अपनी PM चुन सकते?

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
मार्च 17, 2019
(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)

15 मार्च. दुनिया का दूसरा सबसे शांतिपूर्ण देश न्यूजीलैंड. यहां एक जगह है क्राइस्टचर्च नाम की. जुम्मे का दिन था. लोग मस्जिदों में नमाज़ अदा करने गए हुए थे. तभी अंधाधुंध गोलियां चलने लगती हैं. हर तरफ अफ़रा-तफ़री मच जाती है. हमले में 50 लोग मार दिए जाते हैं. 50 और घायल हो जाते हैं.

कुछ घंटों में देश की प्रधानमंत्री काली कमीज़ पहने, सर पर काला दुपट्टा लपेटे घटनास्थल पर पहुंचती हैं. मृत लोगों के परिवार वालों के पास जाती है. एक छोटे बच्चे के साथ खड़ी महिला, जिसने किसी अपने को खो दिया है, को गले लगाती है. महिला रोती है. प्रधानमंत्री महिला को और कसकर भींच लेती है. कई सेकंड महिला को कलेजे से लगाकर रखती है.

उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेस में कहती है:

"उन्होंने (मुसलमान समुदाय) इस मुल्क को अपना मुल्क चुना है. इसलिए ये उनका मुल्क है."

हमला ब्रेंटन टैरंट नाम के एक आदमी ने किया था. ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला था. प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने इसे आतंकवादी हमला करार कर दिया. ये कहना बड़ी बात थी. क्योंकि दुनियाभर के मीडिया के साथ कई लोग भी इसे ‘हेट क्राइम’ कह रहे हैं. पर ये ‘हेट क्राइम’ नहीं था. ये एक आतंकी हमला था. जो कि बहुत तफ़सील से प्लान किया गया था. और जिसमें 50 लोगों ने अपनी जान गंवाई.

प्रधानमंत्री ने कहा, "ब्रेंटन टैरंट के विचारों के लिए न इस देश में. और न ही दुनिया में कोई जगह है." साथ ही जेसिंडा ने ये भी ऐलान किया है कि मारे गए लोगों के परिवार वालों को उनके जनाज़े का ख़र्चा नहीं उठाना होगा. ये काम न्यूजीलैंड की सरकार करेगी.

Image result for new zealand terror attack

(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)

कौन हैं जेसिंडा आर्डर्न

जिस प्रधानमंत्री की हम बात कर रहे हैं. वो 38 साल की, किसी भी धर्म को न मानने वाली, एक बिन-ब्याही मां है. जिसे हम इंडिया में देश की पॉलिटिक्स तो दूर, अपने घर में घुसने लायक भी न समझें.

1. जेसिंडा न्यूजीलैंड की 40वीं प्राइम मिनिस्टर हैं. अपने करियर की शुरुआत उन्होंने बतौर रिसर्चर की थी. वो 2001 के समय अपॉइंट हुई PM हेलेन क्लार्क के ऑफिस में काम करती थीं. लेबर पार्टी की लीडर बनाए जाने के बाद 2017 में उन्होंने अपनी सरकार बनाई.

2. 21 जून 2018 में जेसिंडा ने एक बेटी को जन्म दिया. वो दुनिया में दूसरी ऐसी लीडर हैं जो प्राइम मिनिस्टर या प्रेसिडेंट का रोल निभाने के दौरान मां बनीं. प्रेगनेंट होते ही लोगों ने पूछा कि क्या वो मैटरनिटी लीव लेंगी. लेंगी तो देश का क्या होगा. जेसिंडा ने एक रेडियो प्रोग्राम में कहा, "मैं लीव लूं या न लूं, ये मेरी चॉइस होगी. हर औरत का अधिकार होता है ये चुनना कि वो कितना और कब तक काम करना चाहती है."

जेसिंडा ने बच्ची को जन्म दिया. फिर डेढ़ महीने की मैटरनिटी लीव पर गईं. ऐसा करने वाली वो दुनिया की पहली प्रधानमंत्री थीं.

Image result for jacinda ardern daughter

जेसिंडा अपने पार्टनर और बेटी के साथ. (फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)

3. जेसिंडा की मां एक स्कूल में कैटरिंग का काम करती थीं. और उनके पिता पुलिस अफसर थे. स्कूल खत्म करने के बाद जेसिंडा ने पॉलिटिक्स और पब्लिक रिलेशन्स की पढ़ाई की. ग्रेजुएशन के बाद जेसिंडा की आंटी उन्हें पॉलिटिक्स में ले आईं. वो ख़ुद काफ़ी समय से लेबर पार्टी की मेम्बर थीं. 2008 में जेसिंडा बतौर सांसद चुनी गईं. फिर वहां से शुरू हुआ उनका राजनीतिक सफ़र.

4. जेसिंडा के परिवार वाले काफ़ी धार्मिक थे. उनको बतौर मॉरमॉन पाला गया. ये क्रिश्चियनिटी की ही एक शाखा है. पर जेसिंडा को अपने धर्म में सिखाई जा रही कुछ चीज़ों से दिक्कत थी. वो गे समुदाय के हक़ के लिए बोलती थीं. उनका धर्म इसकी इजाज़त नहीं देता था, इसलिए उन्होंने अपना धर्म छोड़ने का फ़ैसला लिया.

6. 2012 में जेसिंडा क्लार्क गेफ़ोर्ड से मिलीं. वो एक टीवी एंकर हैं. दोनों की मुलाकात उनके एक कॉमन दोस्त ने करवाई थी. पहली मुलाकात के बाद दोनों काफ़ी समय तक नहीं मिले. एक दिन किसी काम के सिलसिले में क्लार्क ने जेसिंडा को कॉल किया. फिर क्या था. दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे. उन्होंने शादी नहीं की. वो साथ में रहते हैं और अपना परिवार चलाते हैं.

7. दोनों ने एक बिल्ली पाली जो वर्ड फ़ेमस हो गई. क्योंकि उसका ख़ुद का ट्विटर पर एक अकाउंट था. 2017 में उसकी एक एक्सीडेंट में मौत हो गई.

Image result for jacinda ardern

(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)

जेसिंडा 2017 में प्रधानमंत्री बनी थीं. उनकी छवि एक सॉफ्ट व्यक्ति के तौर पर रही थी. जो धाकड़ और दबंग से ज्यादा, कोमल और धैर्यवान लगती थीं. उनके आलोचकों ने कहा, यही रवैया रहा तो सरकार नहीं चलेगी. जवाब में जेसिंडा ने कहा, "दूसरों के दर्द को समझना और एक शांत हृदय रखना ही असल बहादुरी है. मुझे गर्व है कि मेरी पॉलिटिक्स में करुणा का भाव है."

जेसिंडा लगातार युद्ध और न्यूक्लियर हथियारों के विरोध में बोलती देखी जाती हैं. क्राइस्टचर्च आतंकी हमले के बाद भी उन्होंने मुसलमान समुदाय से ये वादा किया कि वो वहां के 'गन-लॉ' बदल देंगी. यानी लोगों को जो आसानी से बंदूक रख पाने की सुविधा मिली है, उसमें बदलाव करेंगी.

जेसिंडा वही कर रही हैं जो किसी भी प्रधानमंत्री को करना चाहिए. हमारे राजनेताओं को इनसे सबक लेना चाहिए. जो घड़ी-घड़ी युद्ध के लिए न सिर्फ तैयार रहते हैं. बल्कि उसके आधार पर वोट भी ले आते हैं.

Image result for jacinda ardern daughter

(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)

पढ़िए: कौन थी एब्बा एकरलैंड जिसकी 'हत्या का बदला' लेने के लिए न्यूजीलैंड में आतंकी ने तबाही मचा दी?

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group