नेटफ्लिक्स पर आने वाली 'लीला' का ट्रेलर देखकर आपको चिंता होनी चाहिए
एक मां. एक बेटी. 16 साल की खोज. और एक डरा देने वाली सरकार.
जब हिटलर ने दुनिया में आर्य जाति के दबदबे का लक्ष्य बनाया था, उसने धीरे-धीरे यहूदियों के खिलाफ जहर भरना शुरू किया था. हिटलर के प्रोपगैंडा को फैलाने का इंचार्ज था गोएबेल्स. उसने कहा था ‘सबसे बेहतरीन प्रोपगैंडा तकनीक भी तब तक सफल नहीं होगी जब तक एक मूल उसूल को ध्यान में न रख लिया जाए- इसे खुद को कुछ बिंदुओं तक सीमित कर लेना चाहिए और उन्हें ही बार-बार दोहराते रहना चाहिए’. सरल शब्दों में, झूठ को इतनी बार दोहराओ कि वो सच लगने लगे.
वही हुआ. आर्य खून की शुद्धता का प्रोपगैंडा इतना फैला दिया गया कि यहूदियों का उन्मूलन जर्मन जनता ने चुपचाप स्वीकार कर लिया. हिटलर को समर्थन देते हुए. लूसी दाविदोविच ने 1975 में किताब लिखी, ‘द वॉर अगेंस्ट ज्यूस’. द्वितीय विश्व युद्ध के समय युद्ध के पहले के जन्म और मृत्यु के रेकॉर्ड्स खंगाल के उन्होंने एक संख्या बताई. 59,33,900. उनसठ लाख तैंतीस हजार नौ सौ. ये उन यहूदियों की संख्या थी जिन्हें मार डाला गया था. इसी विषय पर रिसर्च करने वाले जाने-माने जर्मन रिसर्च स्कॉलर वूल्फगैंग बेंज ने एस्टीमेट दिया- 53 लाख से लेकर 62 लाख.
ये सभी वो लोग थे जो नंबर बनकर रह गए.
क्योंकि एक नफरती आदमी पूरे देश को कन्विंस करने में सफ़ल हुआ था कि खून की ‘शुद्धता’ परिभाषित की जा सकती है. उसे बांधा जा सकता है एक नस्ल से. कि ‘मिश्रित’ यानी मिक्स्ड रेस के लोग इस धरती के लिए नहीं बने हैं.
उसी दुनिया की एक झलक देखने को मिलती है नेटफ्लिक्स की नई सीरीज ‘लीला’ में.
हुमा कुरैशी, सिद्धार्थ, राहुल खन्ना स्टारर ये फिल्म भविष्य के किसी बिंदु पर खुलती है. इसे डिस्टोपियन कहा जाएगा, अंग्रेजी में. यहां हुमा कुरैशी किसी ख़ास नस्ल से हैं, लेकिन किसी दूसरी नस्ल के व्यक्ति के साथ उनकी शादी होती है और उनकी एक बेटी पैदा होती है. इसलिए वो ‘मिश्रित’ हुई. यानी मिक्स्ड रेस. जोकि स्टेट को स्वीकार्य नहीं है. उनकी बेटी उनसे छीन ली जाती है. अब उसकी खोज में वो निकलती हैं, और किन-किन हालात से जूझती हैं, ये उसकी कहानी है.
तस्वीर: यूट्यूब स्क्रीनशॉट
आर्य से ही आर्यवर्त बना है. आर्यभूमि. भारत का एक नाम ये भी कहा जाता है. लेकिन नेटफ्लिक्स के इस ट्रेलर में ‘मिश्रित’ नस्ल के बच्चों का एलिमिनेशन, दूसरी नस्ल से प्रेम में पड़ने की सज़ा काटने वाली एक महिला, और दूर कर दी गई अपनी बच्ची की खोज, सब कुछ सिहरा देने वाले हैं.
14 जून को ये सीरीज रिलीज होगी, और इस दुनिया के बाकी राज़ खुलेंगे. हालांकि लग तो यही रहा है कि इतिहास अपने आप को एक त्रासदी के मुखौटे में छिपाए दुबारा स्क्रीन से झांकेगा. डायरेक्शन दीपा मेहता का है. छह एपिसोड होंगे. संजय सूरी, आरिफ ज़कारिया, सीमा बिस्वास, आकर्ष खुराना भी इसमें दिखाई देंगे.
तस्वीर: यूट्यूब स्क्रीनशॉट
ये सीरीज प्रयाग अकबर की किताब ‘लीला’ पर आधारित है.
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