अजीब बीमारी से जूझ रही लड़की, प्राइवेट पार्ट का आधे से ज्यादा हिस्सा गायब है
क्या वो 'पूरी औरत' नहीं है?
जब भी पीरियड्स के दौरान ज़बरदस्त दर्द उठता है तो मन बस एक ही दुआ मांगता है. काश ये गर्भाशय होता ही नहीं. तो पीरियड्स भी कभी नहीं होते. पीरियड्स की दिक्कत तो दुनियाभर में बहुत सारी औरतों को है. पर कनाडा में रहनी वाली 23 साल की एक औरत को कुछ अलग ही परेशानी है. इनका नाम है ब्रिअना फ्लेचर. इनको नॉर्मल पीरियड्स नहीं होते. और यही नहीं इनकी दो तिहाई वजाइना भी नहीं है. वो इसलिए क्योंकि उन्हें MRKH सिंड्रोम है.
अब ये MRKH सिंड्रोम क्या होता?
MRKH सिंड्रोम का मतलब है Mayer Rokitansky Kuster Hauser. शॉर्ट में इसे कहते हैं रॉकिटएंसकी (Rokitansky) सिंड्रोम. 1985 में छपे एक जर्नल के मुताबिक, ये सिंड्रोम हर पांच हज़ार में से एक बच्ची को होता है. इस बीमारी की असली दिक्कत ये है कि जिसे होता वो कभी बच्चे पैदा नहीं कर सकता. और न ही उसे कभी पीरियड्स होते हैं.
इस कंडिशन में सेक्स करना भी किसी चैलेंज से कम नहीं होता. कुछ औरतें सर्जरी करवाकर इसे ठीक कराने की भी कोशिश करती हैं. ऑपरेशन से उनकी वजाइना के अंदर एक नली-नुमा रास्ता बनाया जाता है, जिसकी मदद से वो संभोग करती हैं. और अंडाशय से अपने अंडे निकलवाकर सरोगेसी के लिए रखवा लेती हैं.
किसी महिला को MRKH है या नहीं, ये तभी पता चल पता है जब उसके पीरियड्स शुरू नहीं होते. जैसे ब्रिअना के साथ हुआ.
एक बात और. MRKH की वजह से ज़्यादातर किडनी में दिक्कत आती है और हड्डियों में भी बदलाव होने लगते हैं. ऐसा ब्रिअना के साथ भी है. उनकी दोनों किडनियां एक ही तरफ़ हैं.
ब्रिअना को पता कब चला कि उन्हें ये बीमारी है?
ब्रिअना को कोई अंदेशा नहीं था कि उनके शरीर में गर्भाशय है ही नहीं और वजाइना के अंदर का दो तिहाई भी गायब है. जब उनके पीरियड्स शुरू नहीं हुए तब ब्रिअना को लगा कि कुछ गड़बड़ है. जब उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो बस इतना पता लगा कि वो अंडरवेट हैं.
एक अंग्रेज़ी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में ब्रिअना बताती हैं:
“मुझे कुछ अलग सा नहीं लगता था. बस तब अजीब लगता था, जब स्कूल में कोई मुझसे पैड मांगता था. मैं उनसे बोल देती थी कि मेरे पास नहीं है.”
जब काफ़ी समय तक ब्रिअना को पीरियड्स नहीं हुए, तो डॉक्टरों ने थोड़ी सीरियस जांच-पड़ताल की. अल्ट्रासाउंड और MRI किया गया. तब जाकर पता चला कि ब्रिअना के पास बाकी औरतों जैसा गर्भाशय नहीं हैं. तब उनकी उम्र महज़ 16 साल थी.
वो आगे बताती हैं:
“मेरे डॉक्टर ने तब तक ऐसा कोई केस ही नहीं देखा था. उन्हें मेरा इलाज करने बहुत रिसर्च करनी पड़ी. मैंने भी काफ़ी पढ़ा पर मुझे कुछ ख़ास मिला नहीं.
ब्रिअना कभी मां नहीं बन सकतीं
जब ब्रिअना को पता चला कि वो कभी मां नहीं बन सकतीं, तो उन्हें काफ़ी झटका लगा था. फिर उन्होंने इस सच के साथ जीना शुरू कर दिया. हमारे समाज में हर औरत पर मां बनने के लिए इतना ज़ोर दिया जाता है कि उसे लगता है जब तक वो बच्चा पैदा नहीं कर लेती, वो अधूरी है. और अगर वो बच्चे पैदा नहीं करना चाहती, तो लोगों को लगता है कि उसमें कुछ गड़बड़ी है.
ब्रिअना का इसपर क्या कहना है?
उन्हें लगता है कि अगर वो बच्चा नहीं जन सकतीं इसका मतलब ये नहीं कि वो कभी मां नहीं बन पाएंगीं. उनके पास मां बनने के तीन तरीके हैं-
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-एक नया गर्भाशय ट्रांसप्लांट करवाना. (Uterus Transplantation)
-सरोगेसी (Surrogacy)
- गोद ले लेना (Adoption)
वैसे भी दुनियाभर में हर आठ में से एक कपल बच्चा पैदा नहीं कर सकता. लिहाज़ा वो पहली औरत नहीं हैं, जो बच्चे नहीं पैदा कर सकतीं. लेकिन शादी तो कर सकती हैं. ब्रिअना की मंगनी हो चुकी है और वो अपनी ज़िन्दगी में ख़ुश है. बिना गर्भाशय, बिना वजाइना.
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