नहीं रहीं सुषमा स्वराज, हार्ट अटैक के बाद AIIMS अस्पताल में निधन
बीजेपी की पहली महिला प्रवक्ता रहीं सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज नहीं रहीं. 6 अगस्त, 2019. जब भी भारतीय राजनीति की प्रखर महिला नेताओं का जिक्र होगा. यह तारीख प्रमुखता से याद की जाएगी. पूर्व विदेश मंत्री, एक ऐसी नेता जिन्होंने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के दिल को छुआ. जिनकी तरफ हर तरफ से उम्मीद खो चुका व्यक्ति उम्मीद से देखता था. जो केंद्रीय मंत्री रहते, देश के नागरिकों के लिए बस एक ट्वीट की दूरी पर रहीं. अब वह हमारे बीच नहीं रहीं. रात करीब 9 बजे सुषमा को दिल का दौरा पड़ा. तुरंत उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका. वह 67 साल की थीं.
सुषमा स्वराज लंबे वक्त से बीमार चल रही थीं. कुछ वक्त पहले उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था. स्वराज मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री थीं. उनकी गिनती मोदी कैबिनेट के सबसे सफल मंत्रियों में होती थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में स्वराज ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. बिगड़ती तबीयत को इसका कारण बताया था.
वह 25 की उम्र में कैबिनेट मंत्री बन गई थीं. साल था 1977. वह तब हरियाणा की सबसे युवा मंत्री बनी थीं. इसके बाद वह दिल्ली की मुख्यमंत्री भी बनीं. यहां की पहली महिला मुख्यमंत्री. हालांकि उनका कार्यकाल बेहद छोटा रहा. 13 अक्टूबर, 1998 से 3 दिसंबर 1998 तक. वह भारतीय जनता पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता रह चुकी हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर सुषमा स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त किया.
Sushma Ji's demise is a personal loss. She will be remembered fondly for everything that she's done for India. My thoughts are with her family, supporters and admirers in this very unfortunate hour. Om Shanti.
- Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2019
पीएम मोदी ने लिखा, 'सुषमा जी एक बेहतरीन वक्ता और नेता थीं. हर पार्टी के लोग उनका सम्मान करते थे. जब बीजेपी के हित और विचारधारा की बात होती तो वह कभी नहीं झुकतीं. उन्होंने पार्टी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. एक सफल प्रशासक के तौर पर सुषमा जी ने जिस भी मिनिस्ट्री को हैंडल किया, उसके स्टैंडर्ड को बढ़ाया. दूसरे देशों के साथ भारत के रिश्तों को बढ़ाने में उनका मुख्य योगदान था. मंत्री के तौर पर हमने उनका संवेदनशील रूप भी देखा. उन्होंने दुनिया के कोने-कोने में बैठे भारतीयों की मदद की.'
उन्होंने आगे लिखा, 'सुषमा जी जिस तरह से बिना थके काम करती थीं उसे मैं कभी नहीं भूल सकता. तब भी जब उनकी सेहत ठीक नहीं थी. वह मंत्रालय की हर गतिविधि से अपडेट रहतीं. उनके कमिटमेंट और स्पिरिट की कोई तुलना नहीं हो सकती.'
प्रधानमंत्री ने लिखा, 'उनका जाना मेरी व्यक्तिगत हानि है. उन्होंने देश के लिए जो कुछ भी किया उसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.'
सुषमा स्वराज न सिर्फ एक सफल नेता रहीं, बल्कि वह हजारों-लाखों लड़कियों के लिए रोल मॉडल भी रहीं. उन्होंने उन क्षेत्रों में कदम रखा जिन्हें पुरुष प्रधान माना जाता है. और वहां सफलता भी हासिल की. वह कई लड़कियों को सालों तक प्रेरित करती रहीं.
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