कौन है नूरा, जिसने पति की हत्या की फिर भी पूरी दुनिया उसका बचाव कर रही है?

नूरा ने पति को क्यों मार डाला, एक विचलित करने वाली कहानी है.

नूरा के लिए चल रहा है सोशल मीडिया पर कैंपेन

सूडान की अदालत में एक 19 साल की लड़की को मौत की सजा सुनाई गई है. लेकिन अदालत के इस फैसले का कड़ा विरोध हो रहा है. इसे लोग इंसाफ नहीं, नाइंसाफी बता रहे हैं. इस लड़की का जुर्म है, हत्या. किसकी हत्या, अपने पति की हत्या. ये काफी नहीं है, इस लड़की ने अपने रेपिस्ट पति की हत्या की. जिससे उसकी जबरन शादी कराई गई थी.

क्या है पूरा मामला?

रेप करने के लिए उसका पति दो रिश्तेदारों संग आता है. एक शख्स लड़की की छाती और सिर को पकड़ता है, दूसरा शख्स पैर पकड़ता है. और पति रेप करता है.

अगले दिन वो फिर से रेप करने आता है. लेकिन लड़की बचाव में किचन की ओर भागती है. उसके हाथ चाकू लगता है और इसी बीच-बचाव में उसका पति चाकू के वार से घायल हो जाता है. पति की मौत हो जाती है. और लड़की को 10 मई 2018 को मौत की सजा सुना दी जाती है.

लास्ट ट्रायल पर नूरा के सपोर्ट में आए लोग. फोटो क्रेडिट: ट्विटर/@sodfadaaji लास्ट ट्रायल पर नूरा के सपोर्ट में आए लोग. फोटो क्रेडिट: ट्विटर/@sodfadaaji

नूरा हुसैन जब 16 साल की थी. तब उसके पिता ने बिना उसकी मर्जी के अब्दुल रहमान मोहम्मद हम्माद से शादी करा दी. नूरा घर से भाग गई और अपनी आंटी के घर रहकर पढ़ाई की. अपनी पढ़ाई पूरी करके वो टीचर बनना चाहती थी. लेकिन तीन साल बाद उसे धोखे से घर वापस बुलाया गया. अप्रैल 2017 को जबरदस्ती पति के घर भेज दिया गया.

2 मई 2017 को नूरा का पति भाइयों की मदद से उसका रेप करता है. अगले दिन यानी 3 मई को वो फिर रेप करने की कोशिश करता है. इसके बाद नूरा के साथ जो हुआ, उसके बारे में हम बता चुके हैं.

मेडिकल रिपोर्ट में नूरा के शरीर पर चोट और काटने के निशान का जिक्र है. इस घटना के बाद से नूरा जेल में है. उसे मौत की सजा भी सुना दी गई है.

अदालत के फैसले पर नूरा के वकील 10 मई, 2018 के बाद से 15 दिनों के अंदर अपील कर सकते हैं. इस लड़की के लिए सोशल मीडिया पर कैंपन चलाया जा रहा है. कैंपन का नाम है 'जस्टिस फॉर नूरा'. कहा जा रहा है कि नूरा ने अपने बचाव में चाकू उठाया था. रेप के बाद वो किस हालत में थी, ये समझने की जरूरत है.

सोशल मीडिया पर कैंपेन: जस्टिस फॉर नूरा सोशल मीडिया पर कैंपेन: जस्टिस फॉर नूरा

वहीं लंदन के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एमनेस्टी इंटरनेशनल ने नूरा को सुनाई गई मौत की सजा को गलत ठहराया है. साथ ही इस फैसले को बाल विवाह, जबरन शादी और मैरिटल रेप के खिलाफ सूडान के अधिकारियों की असफलता करार दिया है.

 

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