17 साल की इंडियन लड़की जिसने ऐसा ऐप बनाया कि अमेरिका वाले तारीफ़ करते नहीं थक रहे
हर्षिता का ऐप्लिकेशन 32 देशों के 1000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में उतार-बढ़ाव के बारे में अपडेट करता है.

कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों..! दुष्यंत कुमार की ये पंक्ति आज एक 17 साल की लड़की पर बिल्कुल फिट बैठती है. हम बात आज 17 साल की हर्षिता अरोड़ा के बारे में कर रहे हैं. हर्षिता ने ऐसा एप्लिकेशन बनाया है, जो अमेरिका के मार्केट में धूम मचा रहा है. हर्षिता का क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर ऐप, यूएस मार्केट में सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला एप बन गया है. हर्षिता ने जनवरी 2018 में ऐप्लिकेशन लॉन्च किया था.
My app Crypto Price Tracker, a beautiful and simple crypto price tracker, alerts, and portfolio management app, is released on the App Store! Download it here https://t.co/okHR4WTYKoJust launched on @ProductHunt! Would love to get some feedback! https://t.co/5ibFuQyb9V pic.twitter.com/764XlyG1WJ
— Harshita Arora (@aroraharshita33) January 28, 2018
तकनीक से खास रिश्ता रहा
आम लोगों में ये धारणाएं होती हैं कि तकनीक में महिलाओं का हाथ थोड़ा तंग होता है. लेकिन ऐसा कतई नहीं है. चंद्रयान-2 मिशन में जिस तरह से महिला वैज्ञानिकों ने परचम लहराया, देश दुनिया के सभी लोगों ने इसे खुले आंखों से देखा. हर्षिता का भी तकनीक से कुछ खास लगाव था. जब उनकी उम्र सिर्फ 14 साल थी तभी हर्षिता ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी. क्योंकि हर्षिता कॉमन कोर्स की जगह कुछ अलग सीखना चाहती थी.
हर्षिता जब 14 साल की उम्र में आठवीं में थीं तभी उन्होंने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी
हर्षिता के कॉन्सेप्ट्स क्लियर थे. उनकी दिलचस्पी कंप्यूटर्स और नई चीजें सीखने में ज्यादा थी. हर्षिता के मुताबिक उनके कंप्यूटर टीचर ने ही नई तकनीक और नई दुनिया से रूबरू करवाया. जिसके बाद उन्होंने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी
साल 2016 में जब हर्षिता की उम्र 14 साल थी तब क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के बारे में पता चला. पढ़ाई छोड़ कर क्रिप्टोकरेंसी और कोडिंग के बारे में पढ़ना शुरू कर दिया. जानकारी जुटाने के बाद हर्षिता ने आईओएस प्लैटफॉर्म की डिजाइनिंग सीखी और फिर 2 महीने की मेहनत से क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर ऐप बना दिया.
हर्षिता ने 2 महीने की पढ़ाई के बाद ऐप्लिकेशन बना दिया
ऐप बनाना आसान नहीं था
स्कूल से ड्रॉपआउट होने के बाद हर्षिता ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में जाना. फिर उन्होंने एमआईटी (मैशुचेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी) के साथ एक स्टार्टअप शुरू किया, जिसे बाद में सिलिकॉन वैली के रेडवुड सिटी वेंचर्स ने एक्वायर कर लिया. इसी वेंचर के साथ काम करते हुए हर्षिता ने धूम मचाने वाला एप्लिकेशन तैयार कर दिया.
ट्रेनिंग के दौरान ऐप का आइडिया आया
क्रिप्टोकरेंसी की पढ़ाई के दौरान हर्षिता का इस बात पर ध्यान गया कि मार्केट में मौजूद क्रिप्टोकरेंसी एप्स में कई कमियां हैं. इसीलिए उन्होंने एक रीयल टाइम ट्रैकिंग और अपडेट्स देने वाला ऐप बनाने के बारे में सोचा. जिसके बाद 2 महीने के भीतर उन्होंने धांसू ऐप तैयार कर दिया. इस ऐप को पहले दिन ही 240 लोगों ने डाउनलोड किया. और आज की तारीख में ये अमेरिका में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाला ऐप बन गया है.
खुद से पढ़ाई कर हर्षिता ने क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर ऐप्लिकेशन बना दिया, जिसे आईओएस ने ऐप स्टोर पर लॉन्च किया
सहारनपुर से सिलिकॉन वैली तक का सफर
कोडिंग सीखने के दौरान हर्षिता को फेसबुक से सेल्सफोर्स जूनियर इंटर्नशिप प्रोग्राम के बारे में जानकारी मिली. जिसके लिए हर्षिता ने अप्लाई कर दिया. ये इंटर्नशिप प्रोग्राम हर्षिता के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. यहीं पढ़ाई के दौरान जो हर्षिता ने एमआईटी के साथ कंपनी की शुरुआत कर दी.
फेसबुक में इंटर्नशिप हर्षिता की ज़िंदगी का टर्निंग प्वाइंट रहा
ऐप्लिकेशन के लिए कई अवॉर्ड मिले
जनवरी 2018 में एप्लिकेशन लॉन्चिंग के बाद ऐप ने धूम मचाना शुरू कर दिया. जो 32 देशों के 1000 से क्रिप्टोकरेंसी वैल्यू ट्रैक करने की वजह से लोगों ने इसे हाथों हाथ ले लिया. इस ऐप की सफलता की ही वजह से हर्षिता को कैनेडा कॉन्फ्रेंस में ‘वुमेन ऑफ द ईयर’ का अवॉर्ड मिला.
हर्षिता को कैनाडा में वूमन ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला
आज की तारीख में हर्षिता नई टेक्नॉलोजी को सीखने के लिए और पढ़ाई कर रही है.
लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे