उस औरत की कहानी, जिसके पति ने 16 की उम्र में उसे वेश्या घर में बेच दिया
खुद दलदल में रहकर ऐसे बनाई तीन बच्चों की लाइफ!

(यह ब्लॉग मूल रूप से Humans of Bombay फेसबुक पेज पर प्रकाशित हुआ है. इसे हम अपने पाठकों के लिए हिंदी में अनुवाद करके प्रकाशित कर रहे हैं.)
मैं बचपन में ही अपने घर से भाग गई थी. एक जगह मजदूरी करके अपना गुजारा करती थी. तभी मैं अपने पति से मिली. शादी के बाद वो मुझे मुंबई ले गया. मैं वहां लोगों के घर में काम करती थी. एक साल ऐसे ही चला. फिर हमारा एक बेटा हुआ.
बेटे के पैदा होने के कुछ दिन बाद उसने मुझे वेश्या घर में बेच दिया. मैं तब 16 साल की थी. वो मुझे एक कमरे में लेकर गया. मुझसे कहा कि मैं इंतजार करूं, वो थोड़ी देर में आएगा. मैं बैठी रही. एक घंटे बाद भी जब वो नहीं आया तब मैं उसे ढूंढ़ने के लिए कमरे से बाहर निकली. लोगों ने कहा कि वो चला गया गया है. मुझे चिंता होने लगी, मैं अपने बेटे को लेकर वहां से निकलने लगी लेकिन एक आदमी ने मुझे रोक लिया. उसने कहा कि मेरे पति ने उससे 40 हजार रुपये लिये हैं, और मुझे उसके पास बेच दिया है. उसने कहा कि पैसे चुकाए बिना मैं वहां से नहीं जा सकती.
मैं सदमे में थी. 8 दिन तक उस कमरे से बाहर नहीं निकली. अपने बेटे को दूध पिलाती, लेकिन मुझसे कुछ खाया ही नहीं जाता. मेरे पास न पैसे थे और न ही कोई और रास्ता. 9वें दिन मैंने अपना पहला कस्टमर लिया. सात महीने काम करने के बाद भी सिर्फ 25 हजार रुपये जोड़ पाई. इसी दौरान एक दिन मेरा पति मेरे कमरे में आया. तब मैं वहां नहीं थी. मेरे सारे पैसे चुराकर वह वहां से चला गया.
सांकेतिक फोटो. कर्टसी- इंडिया टुडे
मैं काम करती रही. फिर एक कस्टमर मिला. वह बहुत अच्छा था. वह मुझसे कहता कि मुझे वहां से बाहर निकालेगा और मुझसे शादी करेगा. उससे मेरी दो बेटियां भी हुईं. लेकिन बाद में मुझे पता चला कि वो पहले से शादीशुदा था.
मेरे तीन बच्चे थे. और मैं नहीं चाहती थी कि वो वहां बड़े हों जहां मैं काम करती थी. मेरे पास जो कुछ भी था उसे लेकर मैं कई बोर्डिंग स्कूल और हॉस्टलों में गई. लेकिन सभी ने उन्हें एडमिशन देने से इनकार कर दिया. इसके बाद मैं एक NGO के संपर्क में आई. उन लोगों ने मेरे बच्चों को हॉस्टल भेजने के लिए फंड जुटाने में मेरी मदद की. बच्चों के हॉस्टल जाने के बाद मुझे शांति मिली. मैंने अपने सारे कर्ज चुका दिए थे. मेरे पास कुछ भी बचा नहीं था, लेकिन मैंने वो काम छोड़कर नए सिरे से जिंदगी शुरू करने का फैसला किया.
मैं कई दिनों तक काम ढूंढ़ती रही. लेकिन एक सेक्स वर्कर को कौन काम देता. मैं मंदिरों के बाहर खाना मांगकर खाने लगी, जिंदा रहने के लिए सीवेज का पानी पीने लगी. लेकिन जिस NGO ने बच्चों की पढ़ाई के लिए मेरी मदद की थी, वो दोबारा मेरे संपर्क में आया और मुझे नौकरी दी. मुझे सेक्स वर्कर्स को कॉन्डम बेचना होता था और उन्हें यौन रोगों के बारे में बताना होता था. जल्द ही उन लोगों ने मुझे प्रमोट करके ऑफिस काम में लगा दिया.
फिल्म चमेली में सेक्स वर्कर बनी थीं करीना कपूर
15 साल बीत चुके हैं. आज मेरे पास अपना घर है. मेरे बच्चे पढ़-लिख गए हैं और उनकी शादी भी हो गई है. मैं एक स्टेबल जिंदगी जी रही हूं. मैं अब भी उसी NGO में काम करती हूं. और अपने जैसी औरतों की मदद करती हूं.
मैंने बेहद मुश्किल जिंदगी जी है, आज भी ख्याल आता है तो सहम जाती हूं. मैं ऐसे हाल में जी चुकी हूं, जब मुझे मालूम नहीं होता था कि अगली सुबह का सूरज देख पाऊंगी भी कि नहीं. मुझसे मेरी अस्मत छीनी गई. मेरा शोषण हुआ, मुझे मारा-पीटा गया. कई बार. लेकिन उन सबके बावजूद, आज मैं एक मजबूत इंसान हूं. दुनिया का सामना कर रही हूं.
मैं अपने अतीत को पीछे छोड़ चुकी हूं और अपने लिए एक ऐसी जिंदगी जी रही हूं जो मुझसे छीन ली गई थी. एक ऐसी जिंदगी जिसमें कोई मेरा मालिक नहीं है. मैं आज़ाद हूं.
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