बीजेपी की स्टार स्पीकर शुभ्रास्था लाइव वीडियो में गाली देती पाई गईं
मगर उन्होंने कहा क्या?

शुभ्रास्था शिखा को जानती हैं आप? बेहद उम्दा स्पीकर हैं. बोलती हैं, तो सामने वाला टिक नहीं सकता. इनकी रिसर्च और कई भाषाओं पर कमांड की जितनी तारीफ की जाए कम है. टीवी चैनलों के बहस में सुना होगा आपने इनको. उत्तर पूर्वी राज्यों में बीजेपी की चुनावी रणनीति का हिस्सा रही हैं. बात ये है कि शुभ्रास्था ने माफी मांगी है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में अपने शब्दों के लिए.
अब आप जानना चाहती होंगी कि शुभ्रास्था ने किन शब्दों के लिए माफी मांगी है. और ये पूरा मामला क्या है?
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो आया. इसमें शुभ्रास्था फेसबुक लाइव के बीच किसी का फोन आने पर कहती हैं, '*तिया है क्या? रं* का बच्चा..साला'. बस फिर क्या था, सोशल मीडिया पर शुभ्रास्था ट्रोल होने लगीं. ट्रोल करने वालों को शुभ्रास्था ने याद दिलाया है कि ये उनके पर्सनल स्पेस का हनन है क्योंकि ऐसा नहीं है कि वो किसी कॉन्क्लेव में बैठकर गालियां दे रही थीं और उन्हें इसका एहसास नहीं था कि वो लाइव हैं.

कई लोगों ने शुभ्रास्था को याद दिलाया, जब एक चैनल पर बहस के दौरान वो कन्हैया कुमार के पीछे पड़ गई थीं. शुभास्था ने तब कहा था कि कन्हैया ने एक भाषण के दौरान बहन की गाली दी थी. अब वो माफी मांगें, नहीं तो भविष्य में वो उनके साथ स्टेज शेयर नहीं करेंगी. शुभ्रास्था ने कहा था, 'महिलाओं के सेक्शुअल उत्पीड़न पर बहुत भाषण देते हैं. जो शब्द यूज़ किए था न, बहन के लिए माफी मांगिए. माफी मंगवाओ भाई.'
शुभ्रास्था की बात पर कन्हैया कुमार ने कहा था कि मुद्दे की बात करने की बजाए वो उन पर व्यक्तिगत लांछन लगा रही हैं. जिस पर शुभ्रास्था बोली थीं, 'अगर आप गाली देंगे तो कोई व्यक्तिगत लांछन नहीं लगाएगा आपके ऊपर? महिलाओं का अपमान करने पर माफी मांगिए.' अब ट्रोल करने वाले कह रहे हैं, 'माफी मंगवाओ भाई.' शुभ्रास्था ने माफी मांग ली है, लेकिन क्या ऐसे ट्रोलर्स जिन्होंने भद्दे कमेंट किए हैं, क्या वो उनसे माफी मांगेंगे?

खैर, हम यहां न तो शुभ्रास्था और न ही कन्हैया कुमार का समर्थन कर रहे हैं. लेकिन एक सवाल जरूर पूछना चाहते हैं. 'रं* का बच्चा' या 'रं*' इसे हमने गाली क्यों बना रखा है. रं* उन्हें कहते हैं, जो पैसों के बदले सेक्स ऑफर करती हैं. मतलब सेक्स वर्कर. कई देशों में ये काम लीगल है. हमारे देश में भी ये धंधा चलता है. अफसोस ये है कि कई लोगों को इसमें जबरदस्ती धकेला जाता है. जो बिल्कुल गलत और गैर कानूनी है.
तो बात ये है कि रं* गाली क्यों है और क्या सेक्स वर्कर्स के बच्चे नहीं होते. क्या उन्हें सम्मान से जीने का हक नहीं है? क्या उनका जन्म ही एक गाली है? अगर रं* शब्द गाली ही है, तो क्या किसी को रं* का बच्चा कहना, उसकी मां का अपमान नहीं है? ये महिलाओं का अपमान नहीं है क्या? मां-बहन की गालियों से हमने सारी इज़्जत और बेइज़्जती का बोझ औरत पर डाल रखा है. उसकी योनी से जोड़ रखा है.
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