टेनिस के शुरुआती दिनों में क्या कुछ झेला सानिया मिर्ज़ा ने, ऐसे ताने सुनने पड़ते थे

महज 6 साल की उम्र से.

6 साल की उम्र से टेनिस खेल रही हैं सानिया मिर्जा. फोटो क्रेडिट: Sania\facebook

सानिया मिर्जा सिर्फ 6 साल की थीं. जब उन्होंने टेनिस खेलना शुरू किया था. जगह थी हैदराबाद. तब किसी लड़की का टेनिस खेलना बड़ी बात हो गई. रिश्तेदारों को पता चला, तो सानिया के पैरेंट्स को नसीहतें मिलने लगीं. 'लड़की काली हो जाएगी, फिर शादी कौन करेगा.' सानिया ये बताते हुए आज हंसती हैं कि उस समय वो सिर्फ 6 साल की थीं. और ये बातें सुनकर उनके पैरेंट्स भी हैरान रह गए थे.

इतना ही नहीं सानिया ने बताया कि आज जब वो इतना कुछ हासिल करने की कोशिश में लगी हुई हैं. फिर भी लोग उनसे पूछते हैं, 'आपका कोई भाई नहीं है?' और नहीं, सुनते ही इतने अफसोस के साथ रिएक्ट करते हैं कि सानिया को सफाई देनी पड़ती है. ये बताना पड़ता है कि उन्हें कभी इसकी कमी महसूस नहीं हुई. उनके माता-पिता ने दोनों ही बहनों को अपने सपनों को सच करने की पूरी छूट दी. फिर वो चाहे लोगों के हिसाब से छोटे स्कर्ट पहन कर टेनिस खेलते हुए काला होना हो या फिर बिजनेस वुमेन बनना हो. सानिया की बहन एक बिजनेस वुमन हैं.

यूएन विमन इंडिया ने अपने अभियान के लिए वीडियो लॉन्च किया है. फोटो क्रेडिट: UN women India यूएन विमन इंडिया ने अपने अभियान के लिए वीडियो लॉन्च किया है. फोटो क्रेडिट: UN women India

लड़का-लड़की को लेकर समाज में कितनी असमानता व्याप्त है. इसका जिक्र करते हुए सानिया कहती हैं कि प्रेगनेंट होने पर अब लोग उन्हें लड़का पैदा होने की दुआ करते हैं. सानिया ने कहा कि ऐसे में जब हम आगे बढ़कर महिला अधिकारों की बात करते हैं तो हमें फेमिनिस्ट करार दिया जाता है. फेमिनिज्म सिर्फ महिलाओं के बारे में नहीं है, बल्कि ये समानता के बारे में है. मुझे लड़की हो या लड़का, उसे समानता की ही शिक्षा दी जाएगी.

सानिया ने ये बातें मुंबई में कही हैं. 27 जून को यहां यूएन (यूनाइटेड नेशन) विमन इंडिया ने अपने अभियान के लिए वीडियो लॉन्च किया, 'मुझे हक है'. इसका मकसद महिलाओं और लड़कियों को ये संदेश देना है कि उन्हें अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने का अधिकार है, वो अपने फैसले खुद ले सकती हैं.

वीडियो कैंपन का नाम है, मुझे हक है. फोटो क्रेडिट: UN women India वीडियो कैंपन का नाम है, मुझे हक है. फोटो क्रेडिट: UN women India
इस मौके पर टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा के अलावा क्रिकेटर मिताली राज, 9 साल की बॉक्सर तजामुल इस्लाम ने भी अपने संघर्ष की कहानी सुनाई.

छह ग्रैंड स्लैम जीत चुकी सानिया मिर्जा आज टेनिस स्टार हैं. सोचिए, अगर सानिया के घरवालों ने शादी की चिंता में ही उन्हें खेलने से रोक दिया होता, तो क्या आज सानिया को हम जान रहे होते!

 

 

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group