लाखों का दहेज लेने के बाद भी बाइक चाहिए थी, नहीं मिली तो बहू को जलाकर मार दिया
दहेज के लालच ने ले ली एक और बहू की जान
सुमन 21 साल की थी. उत्तर प्रदेश के संभल जिले के एक गांव में रहती थी. गांव का नाम है आटा. ये बनियाठेर थाना क्षेत्र के अंदर आता है. सुमन के लिए हम 'थी' शब्द का इस्तेमाल इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि अब वो इस दुनिया में नहीं है. उसकी मौत हो चुकी है. उसे मारा गया है. उसे जिंदा जलाया गया है. कारण? वही कई साल पुराना है- 'दहेज'.
हमने पूरा मामला जानने के लिए बेनियाठेर पुलिस स्टेशन में कॉल किया. हमें पता चला कि इस मामले में सुमन के भाई ने अपनी बहन के ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है. दहेज हत्या का केस. हमें एफआईआर की कॉपी भी पुलिस ने सौंपी. जिसके जरिए हमें जो कुछ पता चला, हम आगे लिख रहे हैं.
सुमन का परिवार, यानी उसके मायके वाले काजी बेहटा गांव में रहते थे. दो साल पहले सुमन की शादी आटा गांव के किशनपाल से हुई थी. तारीख थी 28 फरवरी, 2017. शादी के वक्त सुमन के मां-बाप ने अपनी हैसियत के हिसाब से उसे दान-दहेज दिया. करीब साढ़े तीन लाख रुपए का दहेज और तोहफे दिए गए थे. लेकिन इतने पैसों से सुमन के ससुराल वाले खुश नहीं थे. इसलिए शादी के कुछ ही महीनों बाद सुमन को परेशान किया जाने लगा. उसे पीटा भी जाने लगा.
सुमन जब 19 साल की थी, तब उसकी शादी हो गई थी. फोटो- रॉयटर्स
सुमन का पति किशनपाल बाइक खरीदना चाहता था. जिसके लिए उसे पैसे चाहिए थे. उसने सुमन को परेशान करना शुरू कर दिया. उससे कहता कि वो अपने मायके से पैसे लाकर उसे दे. पिछले साल अक्टूबर में किशनपाल ने सुमन को फांसी पर लटकाने की भी कोशिश की थी. जिसके बाद सुमन अपने मायके आ गई. संभल जिले के पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र लिखा. सारी बात बताई. जिसके बाद सुमन के ससुरालवाले उसके मायके आए. एक मीटिंग हुई. समझौता हुआ. और किशनपाल ने वादा किया कि भविष्य में सुमन के साथ कुछ भी गलत नहीं होगा. इसके बाद सुमन के घरवालों ने उसे वापस भेज दिया. लेकिन सुमन के साथ सबकुछ ठीक नहीं हुआ. उसे प्रताड़ित किया जाता रहा.
फिर आया 4 मई का दिन, जिस दिन सुमन के आखिरी सांस ली. सुमन के ससुराल वालों ने उसे जिंदा जला दिया. सुमन के घरवालों को आटा गांव में रहने वाले कुछ लोगों का कॉल गया. कॉल पर उन्हें पता चला कि सुमन को उसका पति और ससुराल वाले जिंदा जला रहे हैं. वो लोग आनन-फानन में आटा गांव पहुंचे. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. सुमन की जली हुई लाश कमरे में पड़ी हुई थी. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
किशनपाल बाइक खरीदना चाहता था, इसलिए वो पैसे मांग रहा था. फोटो- रॉयटर्स
सुमन के घरवाले इस वक्त बेहद दुखी हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुमन के पिता श्याम लाल का कहना है, 'अगर मुझे पता होता कि वो मेरी बेटी को मार देंगे, तो मैं उसे कभी भी वापस नहीं भेजता.'
सुमन के भाई ने उसके पति किशनपाल, ससुर- जगदीश पाल, चाचा ससुर- सुखदेव, सास मीना पाल और दो ननदों को आरोपी बनाया है. यानी इस केस में कुल 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. हमने पुलिस से आरोपियों के बारे में जानना चाहा. हमें बताया गया कि सभी आरोपी इस वक्त फरार हैं. और जांच हो रही है.
(स्टोरी डेवलपिंग स्टेज में है. अपडेट आने पर इसमें जोड़ दिया जाएगा.)
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