हर बाप अपने बेटे को इसी तरह टाइट करे तो लड़कियों के लिए दुनिया बेहतर हो जाए
सभी लड़कों से पूछा जाना चाहिए ये सवाल
'जाते-जाते इसको छोड़ देना'
ये वाक्य हमने हम सबके लिए तो बहुत बार सुना होगा. हम सबके यानी लड़कियों के लिए. हम जब भी बाहर जाते हैं तो घर का जो भी लड़का बाहर जाता है तो उसे कह दिया जाता है इसे भी ले जाओ अपने साथ और जाते-जाते छोड़ देना. खुद मेरे ही साथ कितनी ही बार ऐसा हुआ है. आपके साथ भी हुआ होगा लेकिन सोचिए कि आप कहीं बाहर जा रहे हो और आपको कहा जाए कि जाते-जाते अपने भाई को कहीं छोड़ देना. कितना अच्छा लगता है न जब घर के बड़े आप पर विश्वास जताते हैं. जब आपको ज़िम्मेदार समझा जाता है. ऐसा ही एक विज्ञापन बनाया है कपड़ों के ब्रॉन्ड 'सभ्यता' ने.
'सभ्यता' भारतीय पोशाकों का एक ब्रॉन्ड है. फोटो क्रेडिट- सभ्यता वेबसाइट
'सभ्यता' भारतीय पोशाकों का एक ब्रॉन्ड है. ये महिलाओं के लिए कपड़े बनाता है. साल 2003 से शुरू हुए इस ब्रॉन्ड के अब पूरे भारत में 90+ स्टोर्स हैं. 'सभ्यता' ने 31 अक्टूबर को एक विज्ञापन जारी किया. इस विज्ञापन ने हमारी सालों की बनी-बनाई सोच को पूरी तरह पलट के रख दिया है.
एहसास चन्ना ने सभ्यता के विज्ञापन में बेटी का किरदार निभाया है. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
ये विज्ञापन शुरू होता है एक लड़की के साथ. ये लड़की घर का दरवाज़ा खोलती है और उसके पिता अंदर आते हैं. वो अपने पिता से पूछती है कि कुछ दोस्त बुला रहे हैं, क्या मैं बाहर जाऊं? दिवाली की रात है. चारों तरफ हो-हल्ला जारी है. इतने में ही उसका भाई आता है और कहता है कि पापा मैं सनी के घर जा रहा हूं, ताश खेलने और रात में वहीं रुकूंगा. इसके बाद जो पापा जवाब देते हैं वो सबको लाजवाब कर देता है.
पिता बेटी को नहीं बल्कि बेटे से पूछते हैं- 'इतनी रात में कहां जा रहे हो?' फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
लड़कियों से हज़ार सवाल किए जाते हैं. रात को बाहर जाना तो सख्त मना होता है. कहा जाता है - 'क्यों अभी जाना है दिन में नहीं कर सकतीं अपना काम?' लोग कहते हैं- 'अकेले बाहर मत जाओ. कुछ ऊंच-नीच हो गई तो. यहां ऊंच-नीच से मतलब है किसी ने तुम्हें छेड़ दिया तो. तुम्हारा यौन शोषण किया तो? कौन शरीफ घर का लड़का तुम्हारा हाथ थामेगा? तु्मसे कौन शादी करेगा?' कोई अपने बेटों से कोई सवाल नहीं करता.
लड़कियों से हज़ार सवाल किए जाते हैं. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
ये विज्ञापन उन सभी बेटों से सवाल करता है जिनके घरवाले भी उनसे सवाल नहीं करते-
'पता नहीं बाहर जाकर ये रात को करते क्या हैं?' ये सवाल अगर सभी लड़कों से होने लगे तो सच हमारी घटिया सोच बदलने में बिल्कुल समय नहीं लगेगा. विज्ञापन में पिता अपने बेटे से पूछते हैं-
'घर का जवान बेटा, कहीं बाहर जाकर किसी लड़की को छेड़ दिया तो? कहीं कुछ कर आया तो? कौन देगा तुझे लड़की?'
लड़कों से सवाल किया जाना ज़रूरी है. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
ये सवाल करना बहुत ज़रूरी है. हाल की परिस्थितियों को देखते हुए लड़कों से सवाल किया जाना ज़रूरी है. आदर्श स्थिति तो ये है कि माता-पिता अपने बेटे-बेटियों दोनों को ही उनके कामों के लिए सवाल करें, जब तक कि वो समझदार न हो जाएं पर जिस तरह का माहौल है, लड़कियों पर बढ़ते अपराधों की संख्या को देखते हुए तो यही लगता है कि लड़कों के व्यवहार के लिए सवाल किया जाना नितांत आवश्यक है. एक और चीज़ आवश्यक है वो है समानता. लड़के और लड़कियों दोनों पर विश्वास. जैसा कि इस विज्ञापन में दिखाई देता है. अपनी बेटियों पर भी उतना ही विश्वास करिए जितना बेटों पर करते हैं.
अपनी बेटियों पर भी उतना ही विश्वास करिए जितना बेटों पर करते हैं. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब
'सभ्यता' इस तरह के विज्ञापन बनाता रहा है. इससे पहले भी उसने एक विज्ञापन बनाया था. इस विज्ञापन में एक मां अपनी बेटी से बात करती हैं. ऐसा लगता है कि वो अपने अफेयर के बारे में बात कर रही हैं. असल में वो अपनी बेटी से कह रही होती हैं कि तुम्हें झूठ बोलने की ज़रूरत नहीं है. अपने बारे में, रिश्तों के बारे में वो अपनी मां से खुल कर बात कर सकती है.
'सभ्यता' का नया विज्ञापन अभी तक नहीं देखा है तो यहां देख लीजिए-
लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे