शुलमिथ फ़ायरस्टोन: औरतों के लिए बच्चा गिराने के अधिकार की मांग करने वाली विद्रोही औरत
आज एक ऐसी औरत का जन्मदिन है, जिसे सभी औरतों को शुक्रिया कहना चाहिए.

फ़ेमिनिज्म का इतिहास जिस नाम के बिना पूरा नहीं होता या यूं कहें कि सोचा भी नहीं जा सकता वो नाम है- शुलमिथ फ़ायरस्टोन. लेखक, ऐक्टिविस्ट, आर्टिस्ट. और भी न जाने कितने पहलू थे इस व्यक्तित्व के. एक ऐसी फेमिनिस्ट जिसने 60 और 70 के दशक में फेमिनिज्म को एक नया रास्ता दिया- रैडिकल फ़ेमिनिज्म का रास्ता. साठ के दशक की वो औरत जिसने प्रेग्नेंसी को क्रूर और असभ्य कहा, जिसने अबॉर्शन को अपराध मानने वाले समाज में 'अबॉर्शन के अधिकार' की मांग की. पढ़िए उनकी ही कही कुछ जरूरी बातें-
1.
एक उदार और निष्पक्ष औरत को सम्मान तो खूब मिलता है लेकिन प्यार नहीं मिलता.
2.
प्यार एक बहुत ही सामान्य घटना है लेकिन ताकत की गैरबराबरी ने इसे बेहद मुश्किल और उलझाऊ बना दिया है. युवा शुलमिथ
3.
औरत को पूजा जाना आज़ाद होने की पहचान नहीं है.
4.
मर्द विचार कर रहा है, लिख रहा है और रच रहा है क्योंकि उनके पीछे औरतें अपनी पूरी ऊर्जा खर्च कर रही हैं. वो प्यार में इतनी डूबी हुई हैं कि उन्हें खुद कुछ रचने का ख्याल भी नहीं आता. शुलमिथ की कुछ तस्वीरों और नारों का कोलाज़
5.
किसी भी क्रांतिकारी को हराने का सबसे अच्छा तरीका है उससे ये पूछ लेना कि- तुम्हारे पास विकल्प क्या हैं?
6.
पश्चिमी सभ्यता और संस्कृति की नींव ही भावनाओं से सेक्स के अलगाव पर टिकी है.
7.
उसका पूरा अस्तित्व अपनी ज़िंदगी में आए प्यार का संतुलन बनाए रखने में असंतुलित रहता है. खुद को प्यार करने की भी सुविधा उसे तब मिलती है जब मर्द उसे इस लायक समझता है.
8.
स्त्री और प्रेम दोनों का ही इम्तहान लेना सभ्यताओं के पूरे ढांचे को हिला सकता है.
9.
नौ महीने बच्चे को कोख में रखने वाली मां को हमेशा ये महसूस होता रहता है कि दर्द और परेशानियों की ये पैदाइश सिर्फ़ उसकी अमानत है.
10.
मुझे सिर्फ अपनी कहानियों की असफलता से डर लगता है.
11.
सारे मर्द स्वार्थी, क्रूर और मूर्ख होते हैं. काश कि ये मुझे मिल सकते.
लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे