रमा देवी: शिवहर में भाजपा का ट्रंप कार्ड इस बार भी सही चल गया

इनका रिकॉर्ड काफी इंटरेस्टिंग रहा है

बिहार के शिवहर जिले में जो लोकसभा सीट है, वो देश की सबसे पुरानी लोकसभा सीटों में से एक है. इस सीट से एक समय पर स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर जुगल किशोर सिन्हा चुनाव लड़ते थे. सहकारी आन्दोलन के जनक भी कहे जाते हैं. इनकी पत्नी रामदुलारी सिन्हा बिहार की पहली महिला पोस्ट ग्रेजुएट थीं. स्वतंत्रता सेनानी भी रहीं. इस लोकसभा सीट में छह विधानसभा सीटें हैं. शिवहर, ढाका, बेलसंड, चिरैया, मधुबन, और रीगा.

इस सीट पर इस बार बीजेपी ने अपना उम्मीदवार रिपीट किया है. पिछले दो बार के चुनावों में यहां से रमा देवी खड़ी हो रही हैं, और जीत रही हैं. इस बार भी इस सीट से उन्हें ही खड़ा किया है बीजेपी ने. 2014 में मोहम्मद अनवर-उल-हक इनके करीबी अपोनेंट थे जो राष्ट्रीय जनता दल से थे. इस बार सैयद फैजल अली उतरे हैं आरजेडी की तरफ से.

rama-2_750_042219014851.jpgरमा देवी ने बी ए, एल एल बी की पढ़ाई की है

रमा देवी के पति बृज बिहारी प्रसाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता थे. बिहार सरकार में मंत्री भी थे. 1998 में IGIMS के कैम्पस में उनकी हत्या कर दी गई थी. वहां वो जुडिशियल कस्टडी में थे जब उन पर गोली चलाकर उनकी हत्या कर दी गई. 1998 में रमा देवी मोतिहारी से लोकसभा गईं, RJD के टिकट पर. लेकिन 2009 से बीजेपी की तरफ हैं. 

rama-5_750_042219014936.jpgदस साल से यहां सांसद हैं. इस बार क्या रह पाएंगी, ये देखना है

रमा देवी का शिवहर में काफी नाम है. 10 साल के करीब वहां की सांसद रह चुकी हैं. इनकी परफॉरमेंस लोकसभा में काफी अच्छी मानी जाती रही है. द प्रिंट के डेटाबेस के अनुसार इनकी अटेंडेंस 97 फीसद है. 126 डिबेट्स में इन्होंने भाग लिया है. 561 सवाल पूछे हैं. ये सब नेशनल एवरेज के हिसाब से काफी बेहतर माना जाता है.  

30 करोड़ की संपत्ति की मालकिन हैं. 2014 के चुनाव में सवा लाख से भी ज्यादा वोटों के अंतर से जीती थीं. इस बार वाले चुनाव में लगभग तीन लाख वोटों से आगे चल रही हैं, और जीत तय मानी गई है.

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group