रायपुर: पत्नी पर शक था तो उसके प्राइवेट पार्ट पर करंट लगा दिया

एक और बीमार, बहुत बीमार आदमी.

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
जुलाई 19, 2018
ये घटना रायपुर की है. फ़ोटो कर्टसी: Reuters

33 साल का सुरेश मीरी गुस्से से अपने घर के अंदर घुसा. उसकी 27 साल की पत्नी लक्ष्मी बाथरूम में कपड़े धो रही थी. बाथरूम में घुसते ही सुरेश ने लक्ष्मी को पीटना शुरू कर दिया. मार से वो बेहोश हो गई. उसके पास ही एक बिजली की नंगी तार पड़ी थी. सुरेश ने वो तार उठाई. उस तार को लक्ष्मी के प्राइवेट पार्ट से छुआ दिया. करंट लगने से लक्ष्मी की मौके पर ही मात हो गई.

ये किसी फ़िल्म का किस्सा नहीं हैं. न ही किसी घटिया क्राइम थ्रिलर की कहानी. ऐसा हकीक़त में हुआ है. रायपुर में. और ये कांड किया है छत्तीसगढ़ आर्म्ड फ़ोर्स यानी CAF के जवान ने. जवान सुरेश अपनी पत्नी लक्ष्मी के साथ बलौदाबाजार-भाटापारा में रहता था. उनके दो बच्चे भी हैं. सुरेश को अपनी पत्नी पर शक था. उसे लगता था लक्ष्मी का किसी के साथ अफेयर चल रहा है.

हिंदुस्तान में हर दिन बहुत सारी औरतें ऐसी हिंसा का शिकार होती हैं. हिंदुस्तान में हर दिन बहुत सारी औरतें ऐसी हिंसा का शिकार होती हैं.

17 जुलाई की दोपहर दोनों की बहुत गंदी लड़ाई हुई. उसके बाद सुरेश ने लक्ष्मी को बेहरहमी से मार डाला. हत्या करने के बाद, उसने अपने सास-ससुर को फ़ोन किया. उनको बोला की लक्ष्मी बीमार पड़ गई है. सुरेश ने एक वैन भाड़े पर ली.

उसमें लक्ष्मी की लाश डाली. फिर उसे अपने गांव खजरी ले गया. वहां पहंचकर उसने अपने सुसराल वालों को बोला कि लक्ष्मी मर गई. बीमारी से. पर लक्ष्मी के मां-बाप ने जब अपनी बेटी की लाश देखी तो उन्हें सुरेश पर यकीन नहीं हुआ. उन्होंने तुरंत पुलिस को फ़ोन किया. कुछ ही समय में पुलिस की एक टीम सुरेश के गांव पहुंच गई. उसे अरेस्ट कर लिया. सुरेश ने अपना जुर्म भी कुबूल कर लिया.

सुरेश अब हिरासत में है. सुरेश अब हिरासत में है.

सुरेश को सज़ा होना तो तय है. पर उसने तैश में जो किया, उससे लक्ष्मी कभी वापस नहीं आएगी.

हिंदुस्तान में हर दिन बहुत सारी औरतें ऐसी हिंसा का शिकार होती हैं. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे ने फ़रवरी में एक रिपोर्ट निकाली थी. उसके मुताबिक हिंदुस्तान में हर तीसरी औरत घरेलू हिंसा की शिकार होती है. लक्ष्मी भी उसमें से एक थी.

सुरेश को लगता था कि वो लक्ष्मी को मारकर अपना पौरुष सिद्ध कर रहा है. वो उसकी जागीर है जिसपर सिर्फ़ उसका हक है. तो लक्ष्मी की हिम्मत कैसे हुई किसी और को पसंद करनी की.

हिंदुस्तान में हर तीसरी औरत घरेलु हिंसा की शिकार होती है. हिंदुस्तान में हर तीसरी औरत घरेलु हिंसा की शिकार होती है.

हो सकता है सुरेश का शक बिलकुल बेबुनियाद हो. या हो सकता है एकदम सही. पर लक्ष्मी की जान लेने का उसे कोई हक नहीं था. शायद ये बात उसे अब जेल में समझ में आ जाए.

 

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