पॉपुलर पंजाबी म्यूजिक का सड़ा हुआ, गंधाता पुरुषवाद

गिप्पी ग्रेवाल का नया गाना सुना और महसूस किया कि इसमें कुछ भी नया नहीं है.

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एक कवि हुए – शिव कुमार बटालवी. पंजाबी के बहुत बड़े नाम. शिव कुमार बटालवी वो कवि रहे जिनको सबसे कम उम्र में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला उनकी कविता लूणा के लिए. उनकी इस लम्बी कविता की सबसे ख़ास बात ये है कि इसमें उन्होंने एक बेहद जानी-मानी लोककथा को ऐसा ट्विस्ट दिया है जिसे अगर कोई ध्यान से पढ़ ले तो समझ जाएगा कि आखिर शिव को इतना ऊंचा दर्जा क्यों मिला हुआ है. अगर आपने नहीं पढ़ा तो कोई बात नहीं. यहां पढ़ लीजिए.

शिव कुमार बतालवी. फोटो क्रेडिट- पीटाआई शिव कुमार बतालवी. फोटो क्रेडिट- पीटाआई

लोक कथा जो पंजाब में चली वो थी पूरन भगत की. एक था राजा एक थी रानी. सियालकोट के उस राजा का नाम सेलवान, रानी का इचरां - इन दोनों का बेटा हुआ पूरन. उसके ऊपर पंडित ने श्राप बताया कि उसे जीवित रहना है तो मां-बाप की नज़र से दूर रहना होगा. उसे दूर कहीं भेज दिया. इस बीच राजा की दूसरी शादी एक छोटे तबके की लड़की लूणा से हुई जो उम्र में राजा से बहुत ही ज़्यादा छोटी थी. जब श्राप उतरने पर पूरन वापिस आया तो लूणा को उससे प्यार हो गया. उसने अपने प्यार का इजहार किया लेकिन चूंकि उसकी शादी राजा से हो गयी थी इसलिए पूरन ने उसे मां का दर्जा देते हुए मना कर दिया. उम्र में बराबर मगर रिश्ते में छोटे पूरन से प्यार करने के जुर्म में लूणा की काफी थू-थू हुई और इस लोककथा के अंत में उसने राजा को बहला फुसला कर पूरन को मारने का निर्देश दिया. लेकिन मां तो मां ठहरी - इचरां ने राजा से बेटे की जान बक्श देने की मांग की और राजा ने पूरन को कुएं में फिंकवा दिया. होनी को कुछ और मंज़ूर था, उसे नाथ साधुओं ने बचा के पूरन भगत बना लिया.

शिव ने अपनी कविता में लूणा के दर्द की गाथा कही. जिसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया था.

पूर्णा का कवर फोटो पूर्णा का कवर फोटो

एक औरत के दिल की बात. वो भी जो समाज की मोरालिटी के खिलाफ थी. क्योंकि यहां बात अपने सौतेले बेटे से प्रेम करने की थी. जिसे अपनाने के लिए समाज आज भी तैयार नहीं. उसे बटालवी लिखकर लाए. पंजाबी साहित्य का एक अलग ही छोर इससे डिफाइन हुआ. प्यार का. लड़की के दिल की इच्छाओं का. 

अब एक उदाहरण लीजिए. नीचे एक विडियो लगा रहे हैं. गिप्पी ग्रेवाल का गाना है. टाइटल है सूरज. काफी पॉपुलर हो रहा है. यूट्यूब पर ट्रेंड हो रहा है यानी काफी लोग देख रहे हैं. आप भी देख लीजिए:

 

पंजाबी समझ आती है तो समझ ही गए होंगे कि इस विडियो में क्या कहा जा रहा है. नहीं आती, तो भी सीन्स वगैरह से समझ आ ही गया होगा. 

एक आदमी है. उसकी एक बीवी/ गर्लफ्रेंड है. दोनों का एक बच्चा भी है. विडियो में वो गाते हुए सुनाई देता है, ‘मैं सूरज वांगू पूरा सी तेरे नाल मिलन तों पहला, तू मिली ता चंद दे वांगू अद्धा रह गया’. मतलब, तुमसे मिलने से पहले मैं सूरज की तरह पूरा था. तुम मिली उसके बाद चांद की तरह आधा रह गया. क्यों? क्योंकि उसकी पत्नी इस विडियो में उसके साथ धोखा करती है. एक प्यार करने वाले अच्छे से पति/बॉयफ्रेंड को छोड़कर, उसके साथ हो रखे अपने बच्चे को छोड़कर किसी और के चक्कर में पड़ जाती है. उसी के चक्कर में अपने पति को मार देती है. अंत में एक मेसेज आता है कि बच्चों के भविष्य के सामने कभी कोई दूसरी चीज़ दांव पर नहीं लगानी चाहिए. इस पूरे विडियो में औरत एक बेवफा की तरह दिखाई गई है.

लेकिन ये इकलौता विडियो नहीं है. 

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पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री काफी तेज़ी से फैल रही है. एक तरफ काफी नया टैलेंट आ रहा है वहीं दूसरी तरफ इतने गाने बन रहे हैं कि उन सबकी थीम काफी एक जैसी होती जा रही है. ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ पंजाबी गानों की मुश्किल है. बॉलीवुड में भी यही हो रहा है. चूंकि बॉलीवुड का पंजाबीकरण इतने विधि विधान से हो चुका है कि पंजाबी अब कम से कम उत्तर भारत के अधिकतर लोगों की तीसरी-चौथी लैंग्वेज बन गई है. जो हिंदी समझते हैं, वो पंजाबी गानों पर भी नाच लेते हैं. इसमें फिल्मों में आने वाले गाने तो हैं ही, साथ ही साथ एल्बम में आने वाले गाने भी शामिल हैं. कुछ चीज़ें हैं जो इन गानों को बेहद पॉपुलर बनाती हैं:

  1. इनकी बीट्स
  2. इनके लिरिक्स
  3. इनमें दिखाई गई इमोशंस

इन सबके पैकेज में लिपटकर ये गाने इतने पॉपुलर हो जाते हैं कि इन गानों के बहाने हमें दिखाया क्या जा रहा है वो नज़र से उतर जाता है. बस बीट्स पर थिरकते पांव रह जाते हैं, और सबकॉन्शस में बनी एक इमेज जिससे हम शायद खुद भी तब तक वाकिफ़ नहीं हो पाते जब तक कोई हमें उसके बारे में खुलकर बताता नहीं है. कुछ और उदाहरण हैं. देख लीजिए अगर हम पर यकीन नहीं आ रहा हो तो.

  1. तारा, एमी विर्क

अमनिंदर पाल सिंह विर्क जाने माने पंजाबी गायक हैं. इनका एक गाना है तारा. इसमें हिमांशी खुराना ने बेवफ़ा पत्नी का किरदार निभाया है. इसमें भी पुरुष एक बिचारे की सूरत में नज़र आता है जिसे उसकी पत्नी ज़हर देकर मार देती है. इस गाने के बोल कहते हैं, मैंने एक तारा टूटता हुआ देखा जो मेरे जैसा था. चांद को कोई फर्क नहीं पड़ा उसके टूटने से, वो तेरे जैसा था.

आप कहेंगे, एक विडियो है. दो विडियो हो गए. इससे पूरी इंडस्ट्री थोड़े ही न खराब हो जाती है. नहीं होती. पंजाबी में बेहद अच्छे और खूबसूरत गाने भी बनते हैं. लेकिन हर इंडस्ट्री की तरह ये वही गाने होते हैं जो बेहद कम लोग सुनते हैं. जो बाहर तक पहुंचता है वो भीड़ को खुश करने वाला फार्मूला होता है. मास अपील वाला. जैसे भोजपुरी गानों के लिए लॉलीपॉप जैसे उदाहरण. ऐसा नहीं है कि भोजपुरी में अच्छे गाने नहीं बनते जिनमें खूबसूरत शब्द हों, मधुर धुन हो. लेकिन इमेज बनाने वाले और दिमाग में बस जाने वाले लॉलीपॉप जैसे ही गाने होते हैं. जैसे एक समय फार्मूला फिल्में बनतीं और हिट होती थीं, उसी तरह से ये गाने भी फार्मूले के हिसाब से बन रहे हैं.

यकीन नहीं आता? थोड़े उदाहरण और देख लीजिए:

  1. ना जा ना जा, पव धरिया

ये गाना तो गजब ही पॉपुलर हुआ. इसकी बीट्स इतनी अच्छी हैं कि अगर क्लब या पब में शुरु हो जाए तो बिना नाचे रहा नहीं जाएगा. लेकिन इस विडियो में भी सबसे बड़ी गड़बड़ क्या है? देखिये पहले एक बार:

इस विडियो में कहानी कोई बहुत अलग नहीं है. लड़के को लड़की पसंद है. लेकिन लड़का गरीब है. लड़की 'हॉट' है. अमीर है. लड़के को बेइज्जत करके छोड़ देती है. अपने लेवल के आदमी से शादी कर लेती है. बाद में वही गरीब लड़का कमाल का सिंगर हो जाता है और उसको टीवी पर देखते हुए वो लड़की रोटी बना रही होती है. इसे देखकर हनी सिंह का वो गाना याद आ जाता है,

धोएगी तू कच्छे, और गंदे बर्तन 

देखेगी तू सास बहू, और दूरदर्शन

नके रह जायेगी तू हाउसबीवी

और चौबीस घंटे तेरा यार होगा ऑन टीवी

बनके रह जायेगी तू हाउसबीवी और चौबीस घंटे तेरा यार होगा ऑन टीवी. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब बनके रह जायेगी तू हाउसबीवी और चौबीस घंटे तेरा यार होगा ऑन टीवी. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

और हनी सिंह का ये गाना याद आना मेरे दिल में फांस लगने जैसा है. क्यों? क्योंकि ना जा ना जा गाने की शुरुआत में मेरे बेहद पसंदीदा गायक असा सिंह मस्ताना का गाना बैकग्राउंड में बज रहा होता है. हल्का सा सुनाई देता है, फिर डूब जाता है लाउड म्यूजिक के पीछे.

कुछ बातें, जो पॉपुलर पंजाबी म्यूजिक में दिखती हैं:

1.

लड़की अगर लड़के से प्यार नहीं करेगी, तो पछताती रह जाएगी. बेवफ़ा कहलाएगी. क्योंकि विडियो की ये औरतें पैसे की भूखी हैं. मर्द का प्यार इनको दिखाई नहीं देता.

इन विडियोज की औरतें प्यार करने के बदले जगुआर मांगती हैं. जगुआर एक ऐसी गाड़ी है जिसको खरीदने जाएं तो किडनियों के साथ अंतड़ियां और फेफड़े भी बेचने पड़ेंगे तब जाकर सेकंड हैंड आएगी. पंजाबी लोगों का अपना भौकाल है इसलिए लड़कियां मांगती भी जगुआर हैं. कहीं और का गाना होगा तो वैगनआर में भी खुश हो जाएगी लड़की. खैर. 

फोटो क्रेडिट- यूट्यूब फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

2. 

लड़कियों की सिर्फ बेवफाई का ही स्टीरियोटाइप नहीं है. स्टीरियोटाइप ये है कि लड़कियां अपनी हर ज़रूरत पूरी करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं. चाहे वो अपने एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को बचाने के लिए पति का क़त्ल करना हो, या फिर ब्लैकमेल करके पैसे ऐंठने हों, या फिर इमोशनल करके बॉयफ्रेंड का फायदा उठाना हो. लड़कों की इमेज बड़ी सीधी है. उनको चाहिए तो सिर्फ अच्छी गाड़ी, अच्छी शराब, और ऐसी 'हॉट' लड़की जो हो तो बिकिनी पहनने वाली, लेकिन उनके लिए सूट पहनने को तैयार हो.

तेनू सूट सूट करदा. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब तेनू सूट सूट करदा. फोटो क्रेडिट- यूट्यूब

3. 

मोरालिटी यानी नैतिकता का कॉन्सेप्ट यहां पर अपने फुल फॉर्म में नज़र आता है. लड़की के कन्धों पर हमेशा अपनी वफ़ा साबित करने का दारोमदार होता है. लड़के तो पहले से ही वफादार होते हैं न. गुरदास मान से लेकर इंदरजीत तक के गानों में लड़की एक पारंपरिक पंजाबी होती है जिसको पटोला कहकर बुलाने का हक सिर्फ हीरो को है. क्यों बन रहे हैं ऐसे विडियो जहां औरत का होना उसके लिए किसी के डिफाइन किये गए स्टैण्डर्ड के हिसाब से हो?

अंग्रेजी गानों में भी ये चीज़ हैं. Whore/Madonna कॉम्प्लेक्स कहा जाता है. यानी कि औरत या तो सीधे देवी है या वेश्या है. इनके बीच में कुछ नहीं है. अगर लड़के के प्यार का जवाब नहीं देती है तो वो बेवफ़ा है. प्यार स्वीकार कर लेने के बाद भी वो तभी तक प्योर है, तभी तक इज्जत के लायक है जब तक वो लड़के के प्यार की शर्तों को पूरा करती दिखाई देती है.   

फोटो क्रेडिट- यूट्यूब फोटो क्रेडिट- यूट्यूब


इन गानों के बीच में कभी कभी कुछ ऐसे गाने आ जाते हैं जो याद दिला देते हैं कि सब कुछ अभी हाथ से निकला नहीं है. उन गानों के सहारे उम्मीद चल रही है. उम्मीद कि पंजाब की धरती जिसके खेतों में झूम-झूम कर सोहनी महिवाल जो गाने गाते थे, उन गानों की तरन्नुम उतर आएगी धीरे से कहीं. पेड़ों के बीच की खाली जगह से होकर गुजरेगी और पूरा जंगल झुमा देगी. उस प्यार में बेवफाई नहीं होगी. शाम को करवट बदल घर लौटते सूरज की ललक होगी जो अपने साथी की तरफ बाहें खोले दौड़ा चला जा रहा होगा. उस प्रेम में साथ जीने की कसम होगी, जिसे बराबर निभाने को दो लोग मरने तक को तैयार होंगे. अगर प्रेम होगा, तो ऐसा होगा. कैसा? अब भी ना समझे? असा सिंह मस्ताना के साथ सुरिंदर कौर जी का ये गाना सुन लीजिए. ये वही गाना है जो ना जा ना जा के शुरुआत में हलके से चलता है. पूरा सुनिए.  

 

 

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