ये जो नया इमोजी आ रहा है, आपका फ़ोन 'खून-खून' कर देगा!

इसको लेकर बवाल मचा हुआ है.

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
फरवरी 07, 2019
फ़ोटो कर्टसी: Twitter

इमोजीज़. टेक्नोलॉजी का सबसे बढ़िया इन्वेंशन. एक हंसता हुआ चेहरा. एक रोता हुआ चेहरा. एक गुस्से से लाल चेहरा. एक बैंगन. और न जाने क्या-क्या. एक कार्टून-नुमा डिज़ाइन कितना कुछ कह जाता है. पूरी बात लिखने की ज़रूरत ही नहीं. कुल मिलाकर ये कहना गलत नहीं है कि इमोजीज़ आज की पीढ़ी के लिए बहुत ज़रूरी हैं. ज़्यादातर लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. इन सारे इमोजीज़ में एक और जुड़ने वाला है. एक ऐसा जो ख़बरें बना रहा है. खून की एक बूंद. ये सिंबल है पीरियड्स का. एक ऐसा टॉपिक जिसके बारे में पब्लिकली बात करने से हम आज भी कतराते हैं. ऐसे में पीरियड वाला इमोजी लोगों के स्मार्टफ़ोन तक पहुंचना बड़ी बात है.

हमारे स्मार्टफ़ोन पर जो भी इमोजी आते हैं, उनको यूनीकोड नाम का एक संघ बनाता है. उसने फ़ैसला लिया है कि वो मार्च 2019 में ये पीरियड इमोजी बनाएगा. इस समय वो 230 और नए इमोजी मार्केट में ला रहा है.

अब ये इतनी बड़ी बात क्यों है? क्योंकि इसके पीछे काफ़ी ज़द्दोजहद हुई है. पीरियड्स शब्द बड़ा शरमा-शरमाकर बोला जाता है. उसके बारे में खुलकर बात नहीं होती. सिर्फ़ हिंदुस्तान में नहीं. हिंदुस्तान के बाहर भी. इसलिए प्लान इंटरनेशनल यूके ने एक मुहीम शुरू की. ये उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि पीरियड इमोजी अब आपके फ़ोन में होगा. इस इमोजी के ज़रिए प्लान इंटरनेशनल यूके पीरियड्स से जुड़ी शर्म और झिझक को ख़त्म करना चाहता है.

लूसी रस्सल प्लान इंटरनेशनल यूके की हेड हैं. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में कहती हैं:

“पीरियड इमोजी का आना एक बहुत अच्छी बात है. इस इमोजी के ज़रिए पीरियड से जुड़ी शर्म से अब लड़ सकते हैं. हमें पता है कि एक इमोजी से सब कुछ नहीं बदलेगा. पर कम से कम उसके ऊपर बात तो शुरू हो सकती है.”

पीरियड इमोजी की ख़बर सुनकर औरतें ख़ासतौर पर बहुत ख़ुश हैं. ये ख़ुशी वो सोशल मीडिया पर बांट रही हैं. पर कुछ का कहना है कि खून की बूंद सही पीरियड इमोजी नहीं है. एक पैड या टैमपोन ज़्यादा बेहतर होता. कुछ का ये भी कहना है कि पीरियड से जुड़ी शर्म और दिक्कत का खात्मा करने के और भी अच्छे तरीके हैं. जैसे फ़्री सेनेटरी प्रोडक्ट्स बांटना.

बात तो सही है. पीरियड इमोजी एक अच्छी पहल है. पर इससे साबित क्या होगा. या अचीव क्या होगा? पढ़े-लिखे लोग जो पीरियड्स के बारे में निसंकोच बात करते हैं, वो एक-दूसरे को फेसबुक या वॉट्सऐप पर ये इमोजी भेजेंगे. पर वो, जो पीरियड्स शब्द अपने पिता या भाई के सामने बोलने से पहले मरना पसंद करते हैं, उनके लिए ये इमोजी बकवास है. इसका कोई मतलब नहीं. ये खून की बस एक बूंद है.

पढ़िए: अपनी बीमारी का इलाज 'गूगल' पर ढूंढने का नतीजा कितना बुरा हो सकता है, जान लीजिए

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group