ब्रिटेन के शाही परिवार की बॉडीगार्ड रह चुकी है ये औरत, अब इनपर फिल्म आ रही है
संघर्षों से भरा जीवन, जिसमें भीख तक मांगनी पड़ी.
सलमान खान और कैटरीना कैफ की 'टाइगर जिंदा है' फिल्म तो याद ही होगी. फिल्म में सलमान और कैटरीना पाकिस्तानी और भारतीय नर्सों को बचाने के लिए इराक जाते हैं. लंबा सा एक सीक्रेट मिशन होता है, बहुत ज्यादा फायरिंग होती है, धमाके होते हैं और आखिरी में उन सभी नर्सों को आतंकियों के चंगुल से बचा लिया जाता है. ये तो एक फिल्म है, जिसमें हीरो और हीरोइन को ये पता था कि आखिर में वो मरेंगे नहीं और नर्सें भी बच जाएंगी, लेकिन ब्रिटेन की जैकी डेविस को अपने किसी भी ऑपरेशन के दौरान इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं होता था कि अगले पल उनके साथ क्या होगा? उन्हें यह नहीं पता था कि अगर वो 23 साल की एक ब्रिटिश लड़की और उसके पति को बचाने के लिए जाएंगी तो क्या वे बचेंगी या नहीं?
अब आप लोग सोच रहे होंगे कि ये जैकी डेविस कौन हैं? और सलमान खान की फिल्म के बीच हम अचानक से इनकी बात क्यों करने लगे? खैर, आपके दिमाग में आ रहे सारे सवालों के जवाब हम आपको देंगे. सबसे पहले तो ये जान लें कि जैकी ब्रिटेन की पहली महिला बॉडीगार्ड हैं. उन्होंने अपनी जिंदगी में इस तरह के कई सीक्रेट ऑपरेशन्स किए हैं, जिनके बारे में हम और आप केवल कल्पना ही कर सकते हैं. ऐसा पेशा जिनमें ज्यादातर पुरुषों को ही काम करते देखा जाता है, उसमें जैकी ने अपनी अलग पहचान बनाई है. उन्होंने बॉडीगार्ड के तौर पर अपने 30 सालों के करियर में ब्रिटिश शाही परिवार से लेकर कई नामी हस्तियों की सुरक्षा की है. जैकी ने कई सीक्रेट ऑपरेशन्स, रेस्क्यू ऑपरेशन्स किए हैं और अपनी जान पर खेलते हुए की बंदियों को छुड़ाया है.
जैकी का बॉडीगार्ड के तौर पर सफर, बहुत ही रोचक रहा है. अब नेटफ्लिक्स ने उनकी जिंदगी पर एक एक्शन थ्रिलर फिल्म 'क्लोज़' बनाई है. इस फिल्म में जैकी का रोल एक्ट्रेस नोमी रेपास प्ले कर रही हैं. ये नेटफ्लिक्स की अपकमिंग फिल्म है. बीबीसी के मुताबिक जैकी कहती हैं, 'जब मैं इस इंडस्ट्री में आई थी, तब यहां लोगों का एटिट्यूड बहुत ही पुरुष प्रधान था. वो लोग चाहते थे कि मैं महिला प्रिंसिपल या बच्चों की सुरक्षा करूं, जिसने मुझे काफी हैरान किया. मैं हमेशा से ही क्लोज प्रोटेक्शन करना चाहती थी. मैं सुरक्षा करना चाहती थी, सर्विलांस करना चाहती थी और जांच-पड़ताल करना चाहती थी.'
जैकी कई बार अपने मिशन के लिए लगातार काम करती थीं, वह कई बार 8 से 10 हफ्तों तक अपने घर नहीं जा पाती थीं. उन्हें मिशन के लिए एक बार इराक की सड़कों पर भीख भी मांगनी पड़ी, उन्हें बुर्का भी पहनना पड़ा. उस वक्त वो ऑइल वर्कर्स के रेस्क्यू ऑपरेशन पर थीं. जैकी कहती हैं कि उनकी जॉब का मकसद किसी भी कीमत पर अपने क्लाइंट की रक्षा करना है, फिर भले ही इसके लिए उन्हें अपनी जान दाव पर क्यों न लगानी पड़ जाए.
जब दोनों तरफ से हो रही थी फायरिंग
फिल्मों में आपने देखा होगा कि किस तरह एंजेंट्स अपने क्लाइंट को बचाने के लिए या फिर किसी मिशन को सफल बनाने के लिए फायरिंग का सामना करते हैं, ऐसा ही जैकी के साथ भी हुआ था. एक बार वह 23 साल की ब्रिटिश महिला और उसके पति के रेस्क्यू ऑपरेशन पर थीं. वह महिला पाकिस्तान जा रही थी, लेकिन उसे रास्ते में ही बंधक बना लिया गया था. महिला की मां ने जैकी को कॉल करके इसकी जानकारी दी थी. जैकी अपनी टीम के साथ उसे बचाने निकल पड़ीं. एक रात जैकी उस जगह पहुंचीं, जहां वह महिला कैद थी. जैकी ने उसे और उसके पति को छुड़ाया और टैक्सी में सवार होकर वहां से निकले. जैकी बताती हैं, 'हम भारत की तरफ बढ़ने लगे. हम कश्मीर में भटक रहे थे, पाकिस्तानी सेना हमारा पीछा कर रही थी. कश्मीरी विद्रोही पाकिस्तानी सेना के ऊपर फायरिंग कर रहे थे और दूसरी तरफ से भी फायरिंग हो रही थी. हम दोनों तरफ से हो रही फायरिंग के बीच बुरी तरह से फंस गए थे, लेकिन हम बच गए. हमने उस महिला को बचा लिया.' जैकी बताती हैं कि वह महिला तीन महीने से प्रेग्नेंट थी, उसके साथ कैद के दौरान कई बार रेप हुआ था, उसे भूखा रखा गया था.'
जैकी की जिंदगी से इंस्पायर होकर अब फिल्म बनाई जा रही है. वह कहती हैं कि बॉडीगार्ड का काम केवल काला चश्मा लगाकर खड़े रहना नहीं होता, ये सब एक स्टीरियोटाइप है. जबकि बॉडीगार्ड दिमाग से काम लेते हैं और उनका काम बहुत रिस्की होता है.
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