बॉलीवुड में शरीर को 'मेंटेन' रखने के प्रेशर को नेहा धूपिया बाहर लाईं और उसकी बखिया उधेड़ दी
औरतों को इस बात को गंडे तावीज में बांधकर रख लेना चाहिए.
बॉलीवुड के स्टार्स को देखकर कईयों को लगता है कि भई. इनके जैसी लाइफ हो जाए. तो बस मज़ा ही आ जाए. ग्लैमर. हाई फाई लाइफ. ढेर सारी अटेंशन. लेकिन इसी के साथ जो क्रिटिसिज्म और लगातार ट्रोलिंग होती है, उससे डील करना कोई आसान काम नहीं होता. रोज कोई न कोई ऐसा एक्जाम्पल देखने को मिल ही जाता है.
नेहा धूपिया को ही ले लें. मिस इंडिया टाइटल जीता. फिल्मों में आईं. क़यामत, जूली, शीशा नाम की फिल्में की जिससे पॉपुलर हुईं. उसके बाद फिल्मों में ज़्यादातर छोटे मोटे रोल किया. सिंह इस किंग में भी नज़र आईं. पिछले साल अंगद बेदी से शादी हुई. लो प्रोफाइल. प्रेग्नेंसी अनाउंस की. अभी एक बच्ची मेहर की मां हैं.
नेहा ने पिछले साल अंगद बेदी से शादी की थी जो खुद भी एक्टर हैं. तस्वीर: इन्स्टाग्राम
नेहा हमेशा से कर्वी रही हैं. यानी बिल्कुल पतली कभी नहीं रहीं. शुरू से ही उन्हें आवर ग्लास (hourglass) शेप की मॉडल माना गया. प्रेग्नेंसी के दौरान वेट गेन होना नैचरल है. होता ही है. इसलिए भी नैचरल भी है क्योंकि यूटरस में मौजूद बच्चे का वजन भी बढ़ता है. नेहा धूपिया का भी प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ गया था. बेबी को जन्म देने के बाद फिर आईं पब्लिक की नजर में. और लोगों ने रायता फैला दिया. कई आर्टिकल लिखे गए. विडियो बने. वायरल हुए. ऐसा ही एक आर्टिकल हिना खुर्रम नाम की ब्लॉगर ने लिखा. आर्टिकल क्या था, विडियो था जिसमें नेहा धूपिया एक पब्लिक इवेंट में बोलने आई हुई हैं. उसे ‘शॉकिंग वेट गेन आफ्टर बेबी डिलिवरी’ करके चलाया गया.
नेहा ने इस पर जवाब दिया, और उनके पति अंगद बेदी ने भी लताड़ा जम कर.
लेकिन बात वहां ख़त्म नहीं हुई. नेहा ने हाल में एक इंटरव्यू दिया दैनिक भास्कर को. उस इंटरव्यू में उन्होंने कहा,
‘ट्रोलर्स मुझे परेशान नहीं करते हैं लेकिन जब एक महिला किसी को भी शर्मिंदा करती है, तो मैं उसका मुंह बंद करना जानती हूं. मैं इसे एक बड़ी समस्या के रूप में एड्रेस नहीं करना चाहती. मैं अपनी बेटी के लिए फिट, स्वस्थ और ऊर्जावान रहना चाहती हूं. इसलिए, मैं दिन में दो बार वर्क आउट करती हूं. मेरे लिए फिटनेस पहले है और लुक्स को लेकर समाज के मानकों में फिट नहीं बैठती हूं.’
नेहा इस वक़्त नो फ़िल्टर नेहा नाम का टॉक शो होस्ट करती हैं जिसमें सेलेब्रिटीज आकर बातचीत करते हैं
यहां ये बहुत इम्पोर्टेन्ट है कि समाज के मानकों की बात पर ध्यान दिया जाए. लुक्स को लेकर समाज के मानक हमेशा बदलते रहे हैं. एक समय था जब भरे हुए शरीर की औरतें समाज की नज़र में खूबसूरत मानी जाती थीं. उनका भरे-पूरे शरीर का होना इस बात का द्योतक था कि वो बच्चा कैरी कर सकती हैं. और उनको खाने-पीने की कमी नहीं है. उस समय की पेंटिग्स या मूर्तियों में भी ये बात देखी जा सकती है. उस समय भरापूरा शरीर एलीट क्लास का प्रतीक था.
धीरे-धीरे पतले होने पर जोर आया. पिछले 15 सालों में ये क्रेज इतना बढ़ गया कि अब अधिकाधिक पतला होना ही स्टेटस सिम्बल की तरह देखा जा रहा है. उसे ब्यूटी का मानक मान लिया गया है. अभी हाल में ही खबर आई थी कि विक्टोरियाज़ सीक्रेट नाम की लौन्जरी ब्रांड ने अपनी पहली ‘प्लस साइज़’ मॉडल हायर की है. वो प्लस साइज़ मॉडल बमुश्किल 60 किलो की है, और उसकी हाईट 5 फीट 8 इंच है. जो कि कहीं से प्लस साइज़ नहीं है. यही नहीं, औरतों के कपड़ों में साइज़ की जितनी दिक्कत देखी जाती है, उतनी कहीं नहीं. ‘स्मॉल’ की परिभाषा सिकुड़ती जा रही है, उसके कपड़े भी सिकुड़ते जा रहे हैं . XL में अब वो औरतें आ रही हैं जो कभी मीडियम साइज़ के कपड़े पहन आराम से कम्फर्टेबल फील करती थीं. अब खींच-खींच कर मीडियम टी शर्ट्स ब्लाउज हो गए हैं.
बाजार में क्लोई कारदाशियन आपको भूख मिटने वाली दवाइयां बेचती दिखाई देंगी. कई सोशल मीडिया स्टार्स डायरिया कराने वाली चाय बेचती हुई. क्यों? ताकि आपका पेट फ़्लैट हो जाए. आप उस ड्रेस में फिट हो जाएं जो आपको बहुत पसंद है लेकिन वो आपके साइज़ में नहीं है क्योंकि उसके हिसाब से आप XXL हैं.
इन हालात में अगर किसी में इतना जिगर है इस बात को मानने का कि जिन मानकों में लोगों को ठोंक-ठोंक कर फिट किया जा रहा है. उन मानकों में उसे फिट नहीं बैठना और यही उसका सच है, तो उस इंसान की बात सुनकर कहीं-न-कहीं लिख लेनी चाहिए. उसे याद रखना चाहिए. उसका गोदना गुदवा लेना चाहिए.
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