नलिनी श्रीहरन: कोर्ट ने परोल पर छोड़ा, राजीव गांधी की हत्या में क्या भूमिका थी
27 साल में पहली बार परोल पर छूटी है नलिनी

‘वो दो मिनट तक चुपचाप मेरी तरफ देखती रही. उस जगह की शांति डराने वाली थी. मैंने हिम्मत करके आंखें उठाईं और देखा कि उनके (प्रियंका के) गाल लाल हो चुके हैं. कांपते होठों से उन्होंने पूछा, ‘तुमने ऐसा क्यों किया? मेरे पिता एक अच्छे आदमी थे. तुम्हें जो भी चाहिए था, बात करके सुलझा सकती थीं.’
ये कहते हुए प्रियंका फूट-फूट कर रोने लगीं. मैंने नहीं सोचा था कि ऐसा होगा. मुझे पता है कि आंसू कितने दर्दनाक होते हैं.
नलिनी ने प्रियंका के सवालों का जवाब भी दिया. उसने कहा, ‘मैडम मुझे कुछ नहीं पता. मैं एक चींटी को भी नुकसान नहीं पहुंचा सकती. मैं हालात की कैदी हूं. मैंने सपने में भी किसी को नुकसान पहुंचाने के बारे में नहीं सोचा था.’ नलिनी के मुताबिक, वो अपने दर्द से ज्यादा दर्द प्रियंका को रोते हुए देखने में महसूस कर रही थी.
प्रियंका ने फिर नलिनी से पूछा कि क्या तुमने अपने आप जुर्म स्वीकार कर लिया? नलिनी ने कहा कि मुझे लगातार टॉर्चर किया गया. मेंटली और फिजिकली. उन्हें मुझे ग्लूकोज देना पड़ा. मैं और नहीं लड़ सकी, जब उस अफसर ने अपना हाथ मेरी ड्रेस पर रख दिया. मैंने सरेंडर कर दिया और जो कनफेशन वो चाहते थे, मैंने उस पर साइन कर दिए.
-The Rajiv Assassination (The Hidden Truths And The Meeting Between Priyanka And Nalini- नलिनी श्रीहरन की आत्मकथा)
राजीव गांधी की हत्या के बाद पूरा देश हिल गया था. रात को राजीव के गुजरने की खबर सुनते ही सोनिया को अस्थमा का दौरा पड़ गया था. तब प्रियंका ने उन्हें सम्भाला.
नलिनी श्रीहरन. भारत में सबसे ज्यादा लंबी सजा काटने वाली महिला. राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी. अप्रैल 1991 में LTTE (लिट्टे- लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल एलम) के ऑपरेटिव श्रीहरन (मुरुगन) से शादी की. मई 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद गिरफ्तार हुई. तब से लेकर अब तक सज़ा काट रही है, वेल्लूर सेंट्रल जेल में. बीच में तब ख़बरों में आई थी जब 2000 में सोनिया गांधी ने दया की अर्जी डाली थी. नलिनी के लिए. क्योंकि शुरुआत में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी. कैपिटल पनिशमेंट. जब नलिनी गिरफ्तार हुई, तब वो प्रेगनेंट थी. उसने जेल में ही एक बच्ची को जन्म दिया था. उस बच्ची की खातिर दया की अर्जी डाली थी सोनिया ने. और उसकी वजह से नलिनी की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया. ऊपर लिखा हुआ हिस्सा नलिनी की आत्मकथा से ही लिया गया है. आज नलिनी को परोल पर छोड़ा गया है.
नलिनी ने कहा था कि वो परिस्थितियों की वजह से कैद में है. उसे राजीव गांधी की हत्या के बारे में पता ही नहीं था. नलिनी की मां पद्मावती का नाम महात्मा गांधी ने रखा था. वो चेन्नई में नर्स थीं. श्रीहरन किराए पर घर ढूंढता हुआ आया था. इसी तरह दोनों की मुलाकात हुई. धनु, जिस लड़की ने सुसाइड बॉम्बर बनकर राजीव गांधी की हत्या की, उसे जब लाया गया था तब नलिनी को कुछ पता नहीं था क्या होने वाला है, ऐसा उसने अपनी किताब में लिखा.
गिरफ्तार होने के बाद नलिनी.
राजीव गांधी श्रीपेरंबुदूर में थे. तमिलनाडु. तारीख थी 21 मई 1991. उन्हें बार-बार आगाह किया गया था कि उनकी जान को ख़तरा हो सकता है. इसके पीछे की वजह श्रीलंका में चल रहा गृहयुद्ध और वहां पर भारतीय पीसकीपिंग फ़ोर्स की मौजूदगी थी. संडे मैगजीन को दिए गए एक इंटरव्यू में राजीव ने कहा था कि अगर वो दोबारा सत्ता में आए तो लिट्टे को खत्म करने में श्रीलंका की सहायता करेंगे. इस वजह से लिट्टे की तरफ से राजीव को खतरा बताया जा रहा था. लेकिन उन्होंने रैलियों में जाना नहीं छोड़ा. ऐसी ही रैली में वो पहुंचे थे. भाषण देने के लिए जब वो डायस की तरफ बढ़ रहे थे, तब उनपर मालाएं फेंकी जा रही थीं, हार पहनाए जा रहे थे. ऐसे में धनु उनके पास पहुंची. उनके पैर छूने को नीचे झुकी, और अपनी कमर की बेल्ट में बंधा बम डेटोनेट कर दिया. राजीव गांधी, धनु समेत आस-पास के 14 और लोगों के परखचे उड़ गए. पूरी घटना हरिबाबू नाम के फोटोग्राफर के कैमरे में कैद हुई. कैमरा और फिल्म घटनास्थल से मिले. लेकिन हरिबाबू की भी विस्फोट में मौत हो चुकी थी.
नारंगी फूल जिसके बालों में लगे दिख रहे हैं, वही है धनु.
अगले ही दिन मामले की जांच CBI को सौंप दी गई थी. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई, डीआर कार्तिकेयन इस टीम को लीड कर रहे थे. TADA (Terrorist and Disruptive Activities) एक्ट के तहत मामला चला. SIT की जांच ने पाया कि इस धमाके में LTTE का हाथ था. धनु का असली नाम, थेंमोझी राजरत्नम था.
नलिनी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि 50 दिनों तक उसे टॉर्चर किया गया. SIT टीम द्वारा. उसने ये बताया कि उसके कपड़े उतारे गए. छाती में घूंसे मारे गए.गैंगरेप की धमकी दी गई, पांच बाई पांच फुट के कमरे में बांध कर रखा गया. नलिनी ने ये भी दावा किया अपनी किताब में कि उससे कन्फेशन निकलवाने के लिए पुलिस उसका गर्भपात कराने तक ले गई. वो तो भला हो उस डॉक्टर का जिसने मना कर दिया और पुलिस वालों को भी डांट पिलाई.
आज नलिनी की बेटी लंदन में डॉक्टर हैं. 27 साल नलिनी ने जेल में काटे हैं. जिस बेटी को जेल में जन्म दिया था, उस की शादी के लिए छह महीने की परोल की दरख्वास्त की थी. मद्रास हाई कोर्ट ने 5 जुलाई के दिन नलिनी को 30 दिन की परोल की इजाज़त दे दी. नलिनी ने कहा था कि उम्रकैद की सज़ा काटने वाले को दो साल में एक महीने की छुट्टी मिलती है. उसने ये छुट्टी पूरे 27 साल में कभी नहीं ली. 2010 में भी नलिनी तब ख़बरों में आई थी जब उसके पास से एक मोबाइल फ़ोन जब्त हुआ था.
राहुल गांधी ने कुछ महीने पहले ही कहा था कि उन्होंने और प्रियंका ने अपने पिता के हत्यारों को माफ़ कर दिया है.
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