कांग्रेस की नगमा ने क्यों कहा कि पॉलिटिक्स में इंटेलिजेंट लड़कियों से मर्द डरते हैं
जेंडर इक्वॉलिटी की बात करने वाले नेता टिकट बंटवारे के वक्त आंख मूंद लेते हैं.

कांग्रेस नेता नगमा ने कहा कि भारतीय राजनीति में मर्दों को एक इंटेलिजेंट, सिंगल और इंडिपेंडेंट लड़की से डर लगता है. आउटलुक मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मनचाही सीट से टिकट पाने के लिए महिलाओं को बहुत मेहनत करनी पड़ती है. राजनीति पूरी तरह से मनी और पॉवर गेम है. जिसमें पुरुषों के मुकाबले खड़ा होना महिलाओं के लिए एक बड़ी चुनौती है.
कड़ी मेहनत के बाद अगर कोई महिला नेता राजनीति में अपनी जगह बनाने में कामयाब होती है तो भी लोगों की भंवे तन जाती हैं. उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े नेता जेंडर इक्वॉलिटी की बात करते हैं लेकिन टिकट बंटवारे के वक्त बराबरी नजर नहीं आती. उन्होंने यहां तक कहा कि अक्सर महिलाओं को ऐसी सीट पर टिकट दिया जाता है, जहां पार्टी कमजोर है. ऐसे में उनके जीतने की संभावना बेहद कम हो जाती है.
अभिनय से राजनीति में कदम रखने वाली नगमा ने आगे कहा कि वो 2014 में मेरठ से चुनाव लड़ी थीं. वो जानती थीं कि ये आसान नहीं होगा. VHP यानी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के दावेदार मजबूत थे. और उनसे लड़ना आसान नहीं था. उन्होंने कहा कि क्या कभी ऐसा होगा कि जिस सीट से पार्टी कमजोर हो वहां से कोई पुरुष कैंडिडेट खड़ा हो? क्या प्रधानमंत्री उस सीट से लड़ेंगे, जहां से बीजेपी का कोई कैडर नहीं होगा?
ये चैलेंज महिला ही ले सकती है. लेकिन ये कोई बुद्धिमानी नहीं है, कि ऐसा वो बार-बार करे.
तस्वीर : ट्विटर.
नगमा ने मायावती, सोनिया गांधी, ममता बनर्जी का नाम लेते हुए कहा कि राजनीति में खुद को बनाने के लिए महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि देश के सबसे चर्चित राजनीति घराने की होने के बावजूद सोनिया गांधी के लिए यहां अपनी जगह बनाना आसान नहीं था. उन्होंने कहा कि राजनीति में धैर्य का परिचय देते हुए अपनी गरिमा को बचाकर चलना होता है.
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'जब आप नए होते हैं तो कई लोग आपका फायदा उठाने की और आपको बरगलाने की कोशिश करते हैं. शुरुआत में मुझे गलत रास्ता दिखाने वाले कई लोग मिले. इस वजह से कई मौके मैंने गंवा दिए. अब मैं अपने टाइम का इंतजार कर रही हूं.'
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