'मैं कोई चलती-फिरती पॉर्न फिल्म नहीं, जो मुझे देखकर कोई भी खुद को पब्लिक में छूने लगे'

नोएडा में एक लड़की की आपबीती.

आपात प्रज्ञा आपात प्रज्ञा
नवंबर 22, 2018
वो लड़का खड़ा रहा अपनी शक्ल दिखाने. लड़की को घूरते रहा. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Pixabay

'वो लड़का यहां होगा, उसे लगा होगा कि ये उसे देख रही है इसलिए उसने ऐसी हरकत की.'

क्या मतलब है आपका इस बात से कि ये लड़की उसे देख रही होगी, मेरे घर की बालकनी, मैं उसमें घूम कर किसी से बात करूं और कोई बाहरी व्यक्ति ये समझे कि मैं उसे देख रही हूं तो इसके लिए मैं ज़िम्मेदार कैसे हुई? अगर मैं किसी लड़के को देख रही हूं तब भी उसे क्या हक़ है मुझे देख कर मास्टरबेट करने का?

जब आपके सामने कोई मास्टरबेट कर के जाए और आपको समझ ही न आए कि क्या करना चाहिए, उसके बाद आपको पड़ोस की वो आंटी जो कि कॉलोनी सेक्रेटरी की पत्नी हैं वो ऐसा बोले तो मन करता है उनका सर फोड़ दो.

ऐसा अक्सर होता है, बहुत सी लड़कियों ने ये महसूस किया होगा कि जब उनके सामने कोई सेक्सुअल वॉयलेंस या हरासमेंट से जुड़ी कोई हरकत करता है तो उनका दिमाग सुन्न हो जाता है. समझ ही नहीं आता कि क्या करें. ऐसा ही मेरी रूममेट के साथ हुआ. ऑफिस से आ कर वो बालकनी में खड़े हो कर पापा से फोन पर बात कर रही थी. तब उसने देखा कि सामने वाले पार्क में कोई लड़का मास्टरबेट कर रहा है. पहले तो वो समझ नहीं पाई. वो घर में वापस आ गई.

दूसरी बार वो अपनी दोस्त से बात करती हुई जब दोबारा बालकनी में गई तो वो लड़का उसे देख कर मास्टरबेट कर रहा था. जब मेरी रूममेट ने उसे देखा तो वो पहले की तरह नहीं समझ पाई कि क्या हो रहा है और उसे क्या करना चाहिए. जब तक उसे समझ आया कि वो लड़का मास्टरबेट कर रहा है वो वापस कमरे में आ गई क्योंकि उसे नहीं समझ आ रहा था कि क्या करें, जो कि बिल्कुल सामान्य ह्यूमन बिहेवियर है. जब भी कुछ सोच से परे होता है तो समझ नहीं आता है कि क्या करें. उसे भी नहीं समझ आया.

जब उसे थोड़ी सी समझ आई, दिमाग चला तो उसने बाहर आकर देखना चाहा. इस बार वो लड़का और लाइट में आकर खड़ा था. वो कुछ देर तक वहीं खड़ा रहा और लड़की को घूरता रहा. लड़की को नहीं समझ आया कि वो उसकी फोटो ले, उसे डांटे, या क्या करे, उसने सोचा ही नहीं था कि कोई ऐसा भी कर सकता है. इसके बाद जब लड़के को विश्वास हो गया कि उसे पहचान लिया गया है वो आराम से पार्क से बाहर चला गया. 

मेरी रूममेट ने नीचे जाकर मकानमालिक आंटी को बताया. गॉर्ड को बताया. कॉलोनी में कोई cctv कैमरा नहीं है. जो मैन गेट पर है वो काम नहीं करता. वो लड़का हमारे हिसाब से जिस गेट से निकला वहां पर एक घर है, घर में रहने वाली आंटी को सारी बात बताई, उनसे cctv चेक कराने को बोला तो उन्होंने मना कर दिया. जब कॉलोनी सेक्रेटरी को जा कर शिकायत की तो वो घर पर नहीं थे, उनकी पत्नी को बताया तो उन्होंने जैसा जवाब दिया कि लगा क्यों ही इन्हें बताया है? 

हमने बाद में पुलिस को बुलाया, कल शिकायत भी करेंगे क्योंकि आज जो पुलिस आई थी वो चौकी की पुलिस थी, थाने जा कर शिकायत करनी होगी. 

img_20181121_212109_750_112218122850.jpgपुलिस ने सीमन की जांच कराना ज़रूरी नहीं समझा. फोटो - ऑडनारी

पुलिस ने हमें कहा कि दोबारा वो लड़का दिखे तो तुरन्त हमें फोन करना, जी बिल्कुल सर, हम अब इन्तज़ार करेंगे कि वो दोबारा हमारे सामने आए और हम शिकायत कर सकें.

किसी के लिए ये बहुत छोटी बात हो सकती है. आस पास रहने वाले लोगों के व्यवहार से तो यही लग रहा है, लेकिन ये एक बड़ा मुद्दा है. किसी भी व्यक्ति को किसी के भी साथ इस तरह की कोई भी हरकत करने का अधिकार नहीं है.

लोगों के हिसाब से हमें शांत बैठना चाहिए और इन्तज़ार करना चाहिए कि कब वो आ कर हमसे जबरदस्ती करे और तब हम जाकर पुलिस में शिकायत करें. आज अगर हम शिकायत नहीं करेंगे तो उसकी हिम्मत बढ़ेगी कल को वो किसी भी लड़की के साथ कुछ भी कर सकता है. अगर यहाँ cctv होता या लोग उसे ढूंढने में थोड़ी मदद करने की कोशिश करते तो उसे पकड़ कर बताया जा सकता था कि तुमने जो किया है वो बन्द कमरे में, चार दिवारी में बैठ कर करो तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन हमारे मुंह पर हमें दिखा कर तुम ये नहीं कर सकते. ये अपराध है और इसके लिए तुम्हें सज़ा होगी.

खैर, वो इन्सान उसका जो होगा सो होगा लेकिन हमारा तथाकथित 'सभ्य' और 'संस्कारी' समाज इसी तरह सोचता रहा और हर जगह औरत को गलत बताता रहा तो हम आगे बढ़ना तो दूर की बात है हज़ारों सालों के भी पीछे जा रहे हैं.

11_112218123910.jpgइन घटनाओं पर कार्रवाई होना बहुत ज़रूरी है. उससे पहले शिकायत होना. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters

उसकी हरकत से ज़्यादा इन आस-पास रहने वाले लोगों लोगों की घटिया सोच ने हमें परेशान कर दिया है. कल को कुछ भी होगा ये बोल देंगे तुम्हारी गलती है.

‘हां! मेरी गलती है कि मैं लड़की हूँ! और उससे भी बड़ी ये कि तुम जैसे लोगों के बीच रहती हूं.’

इस पूरी घटना के दौरान, लगभग आधे घण्टे तक पुलिस वहां रही. पुलिस ने वो जगह भी देखी जहां पर लड़का मास्टरबेट कर रहा था. उसका सीमन अभी भी वहां पड़ा हुआ है. लगभग 4 घण्टों से ज़्यादा का समय बीत गया है और अभी तक वो वहां पर है. अगर पानी या थूक या पेशाब होती तो वो मिट्टी में घुल गयी होती. सोसाइटी का एक भी इन्सान पूछने तक नहीं आया कि क्या हुआ. सब अपनी खिड़कियों से झांक कर तमाशे का मज़ा ले रहे थे.

इस तरह की घटनाओं पर कार्रवाई होना बहुत ज़रूरी है और कार्रवाई होने से पहले आधिकारिक शिकायत.

अगर वो लड़का इतना ही सीधा था, तो क्यों अपनी शक्ल दिखाने के लिए खड़ा रहा?  ये भी सोच सकते हो कि हो सकता है वो अपने मज़े के लिए मास्टरबेट करने आया हो, ठीक है अगर ऐसा था तो लड़की के सामने, उसे दिखा कर क्यों कर रहा था?  अपने मज़े के लिए और किसी को परेशान और उसका शोषण करने के लिए मास्टरबेट करने में फर्क होता है. अपने मज़े के लिए आप किसी को दिखा कर नहीं करते. न तो पब्लिक प्लेस में दूसरे की शक्ल देखते हुए करते हो.

 

 

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