स्कारलेट हत्याकांड: ड्रग्स देकर विदेशी लड़की का यौन शोषण और हत्या हुई, 11 साल बाद न्याय

लड़की के शरीर पर 52 चोटें मिली थीं.

17 जुलाई 2019 फियोना के लिए ऐतिहासिक दिन है. फियोना मैक-कियोन एक अंग्रेज महिला हैं. जो 11 साल पहले अपने बॉयफ्रेंड और बच्चों के साथ इंडिया में छह महीने की छुट्टियां बिताने आई थीं. मगर कभी पूरी तरह वापस न जा सकीं. क्योंकि उन्होंने यहां अपनी 15 साल की बेटी को खो दिया.

17 जुलाई 2019 ऐतिहासिक दिन इसलिए है, क्योंकि आज उनकी बेटी का यौन शोषण कर उसे मरने के लिए छोड़ देने वाला व्यक्ति को दोषी पाया गया है. यानी देश में एक समय सुर्ख़ियों में बने रहने वाला स्कारलेट मर्डर केस अब ख़त्म हो गया है. और आरोपी सैमसन डिसूजा को इन धाराओं के तहत सजा हुई है:

- IPC धारा 328, यानी ड्रग्स देना

- IPC धरा 354, यानी औरत की इज्जत पर हमला करना

- IPC धरा 304, यानी कल्पेबल होमिसाइड. आसान भाषा में समझें तो हत्या करने की नीयत न होना, फिर भी दोषी के हाथों हत्या हो जाना

- IPC धारा 201, यानी सबूत मिटाना

- और गोवा चिल्ड्रेन्स एक्ट की धारा 8, भाग 2, यानी चाइल्ड अब्यूज

जानते हैं क्या है पूरा मामला.

मामला

स्कारलेट कीलिंग आज जीवित होती तो 26 साल की होती. मगर 11 साल पहले उसे दो लड़कों ने मार डाला. मारने के पहले स्कारलेट का यौन शोषण किया गया.

स्कारलेट अपने परिवार के साथ इंडिया आई थी छुट्टियां मनाने. इंगलैंड के डिवॉन में रहने वाला ये परिवार छह महीनों की लंबी छुट्टी लेकर इंडिया आया था. परिवार इसे 'ट्रिप ऑफ़ लाइफटाइम' मानकर आया था.

स्कारलेट और उसके परिवार वाले गोवा के एक रेसॉर्ट में रुके थे. दो महीने से वहीं ठहरे हुए थे. अक्टूबर से लेकर मार्च तक गोवा में टूरिस्ट सीजन होता है. मौसम हल्का होता है, ठंड होती है और अपनी खूबसूरत समुद्र के किनारों के चलते गोवा विदेशी टूरिस्ट्स को खासा आकर्षित करता है.

anjuna-beach_700x400_071819043844.jpgगोवा का अंजुना बीच, जहां स्कारलेट का शव मिला था.

स्कारलेट का परिवार कर्णाटक की ओर घूमने गया. मगर 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन्स डे पर गोवा में पार्टी होनी थी. बीच पार्टी में शामिल होने का किसी भी युवा लड़की को मन करेगा. स्कारलेट ने मां से गोवा वापस जाकर पार्टी अटेंड करने की इजाज़त मांगी. स्कारलेट की मां ने कई साल बाद बीबीसी को दी हुए इंटरव्यू में बताया कि वो खुद को ब्लेम करती रहीं. कि स्कारलेट को पार्टी में जाने की इजाज़त क्यों दी. वो याद करती हैं कि 'हां' सुनकर स्कारलेट की आंखें कैसे चमक उठी थीं.

स्कारलेट पार्टी के लिए वापस गई. उसके साथ परिवार का भरोसेमंद टूर गाइड हूलियो लोबो गया था.

चौथे दिन अंजुना बीच से उसका मृत शरीर अर्धनग्न हालत में मिला. उसके शरीर पर एलएसडी और एक्सटेसी जैसे केमिकल ड्रग्स मिले. साथ ही जांच में सामने आया कि उसका यौन शोषण किया गया था. शरीर पर 50 अलग-अलग चोटों के निशान थे.

मां का संघर्ष

स्कारलेट की मौत के लिए उसकी मां फ़ियोना को ब्लेम किया गया. केवल इंडिया ही नहीं, इंगलैंड में भी. उनको लोग बुरी मां कहते रहे. लोग कहते, कैसी मां अपनी 15 साल की लड़की को इस तरह पार्टी करने की छूट देती है. पुलिस ने ये भरोसा कर लिया कि ड्रग्स लेकर लड़की अपनी ही गलती से डूब गई.

मगर फ़ियोना को मौत की जगह से कुछ ही दूरी पर स्कारलेट के कपड़े मिले. उसकी सैंडल मिलीं. उन्हें देखकर साफ़ पता चलता था कि इन्हें जबरन स्कारलेट के शरीर से हटाया गया है. पुलिस को इतने आवश्यक सबूतों की सूचना देने के बावजूद भी उन्होंने इसपर कोई एक्शन नहीं लिया.

fiona_071819044343.jpgफियोना, जो कभी पूरी तरह घर नहीं लौट पाईं. फोटो गार्डियन से साभार.

फ़ियोना ने अड़कर दूसरी ऑटॉप्सी करवाई. जिसके बाद साफ़ हुआ कि स्कारलेट का रेप भी हुआ था. मामला सुर्ख़ियों में आ गया और फिर पुलिस के पास सक्रिय होने के अलावा कोई विकल्प न बचा. 5 जून, 2008 को केस क्राइम ब्रांच को दिया गया.

दो लोगों की गिरफ्तारी हुई. सैमसन डिसूजा और प्लेसिडो कार्वाल्हो. प्रॉसिक्यूशन ने बताया कि ये दोनों लड़के बीच के पास ही काम किया करते थे. और इन्हें ही आखिरी बार स्कारलेट के साथ देखा गया था.

2 साल बाद जब केस की सुनवाई शुरू हुई, मां फियोना के सामने लगातार उनकी मृत बेटी के चरित्र पर सवाल उठाए गए. और ये जाहिर किया गया कि अगर वो नशा करती थी, तो जरूर अपने यौन शोषण और मौत की जिम्मेदार खुद ही होगी.

केस

- केस चिल्ड्रेन्स कोर्ट में चला, क्योंकि स्कारलेट नाबालिग थी.

- केस की सुनवाई शुरू करने में सिस्टम ने दो साल लगा दिए. अंततः मार्च 2010 में केस की सुनवाई शुरू हुई. कुल 72 गवाहों को सुनना था कोर्ट को.

- मगर अगले ही दिन प्रॉसिक्यूटर एसआर रिवोंकर ने इस्तीफ़ा दे दिया. स्कारलेट का केस लटक गया.

- केस के लटके होने की वजह से फियोना अपनी बच्ची को दफना तक नहीं सकीं. स्कारलेट का अंतिम संस्कार 2012 में हुआ. यानी मौत के चार साल बाद.

scarlett-body_700x400_071819043947.jpgडिवॉन, इंगलैंड में मौत के चार साल बाद स्कारलेट का अंतिम संस्कार हुआ.

- समय के साथ गवाहों की स्मृति जवाब देने लगी. नतीजा ये हुआ कि 23 दिसंबर 2016 को कोर्ट ने दोनों आरोपियों को छोड़ दिया. फियोना ने अपना क्रोध दर्ज किया. गोवा के लोगों ने पुलिस और कोर्ट पर सवाल खड़े किए. तब जाकर सीबीआई ने हाई कोर्ट में रीट्रायल की याचिका दायर की.

- 17 जुलाई 2019 को बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा बेंच ने सैमसन डिसूजा को रेप और दोषी पाया. हालांकि प्लेसिडो कार्वाल्हो को बरी कर दिया गया. सैमसन की सजा शुक्रवार, 19 जुलाई को सुनाई जाएगी.

कोर्टरूम का ड्रामा

- 2010 में कोर्ट की सुनवाई के दौरान, डिफेंस वकील ने स्कारलेट पर ही सवाल उठाए. डिफेंस ने कहा कि लड़की खुद की ड्रग्स की आदी थी.

- डिफेंस ने सबूत के तौर पर स्कारलेट की डायरी भी पेश की. डायरी में स्कारलेट ने अपने सेक्शुअल संबंधों के बारे में लिखा था. जिसमें उसके अपने टूर गाइड हूलियो से संबंध होने की बात थी. डिफेंस ने इसे स्कारलेट के खिलाफ इस्तेमाल किया.

- गवाहों के मुताबिक़ 17 फरवरी की रात 3 बजे स्कारलेट बार में देखी गई थी. बार के ओनर ने बताया कि वो नशे में थी और घर जाने के लिए साधन खोज रही थी.

scarlett-2_700x400_071819044026.jpgकोर्टरूम में लगातार मृत स्कारलेट के चरित्र पर हमला हुआ, उनके अंतर्वस्त्रों की नुमाइश हुई.

- अंग्रेज आदमी माइकल मैनियन ने गवाही दी कि उन्होंने स्कारलेट को दोनों आरोपियों और मुरली सागर नाम के आदमी के साथ बार की किचन में कोकेन लेते हुए देखा था. जिसके बाद उसने पार्किंग में सैमसन को स्कारलेट के ऊपर लेटे हुए देखा. सागर तब वहां नहीं था.

- सागर ने अपनी गवाही में कहा कि सैमसन ने नशे में बेसुध स्कारलेट को पीछे से पकड़ा हुआ था. और सागर को घर जाने को कह दिया था.

टूरिस्ट, गोवा, ड्रग्स और विदेशी लड़की

अर्धनग्न लड़की की लाश से बड़ी सनसनी और क्या होगी. पहले मामले को कालीन के नीचे सरका रही गोवा पुलिस तब सक्रिय हुई जब केस बीबीसी और गार्डियन जैसे इंटरनेशनल मीडिया प्लेयर्स ने उठा लिया. उसके बाद भी मामले को खूब भुनाया गया.

2012 में इसपर फिल्म भी बनाई. नाम था 'अंजुना बीच'. डायरेक्टर थे शकील सैफी. स्कारलेट की मां फियोना ने इसर भारी आपत्ति भी जताई. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी की मौत हुई है. और उसे एंटरटेनमेंट का साधन बनाने के पहले मुझसे पूछा तक नहीं गया.

फियोना ने बीबीसी को दिए हुए इंटरव्यू में कहा था कि टूरिस्ट होकर इंडिया में न्याय पाना बहुत मुश्किल है. क्योंकि कोई आपके हक़ के लिए लड़ना ही नहीं चाहता.

brise_700x400_071819044150.jpgस्कारलेट के शरीर पर पाए गए ज़ख्मों पर बिना ध्यान दिये गोवा पुलिस ने इसे डूबने का एक्सीडेंट बताया.

स्कारलेट का जीवन एक फीचर फिल्म से कहीं ज्यादा बड़ा और सतहों से भरा हुआ था. रेप केस पर चटकारे लेने के पहले लोग ये भूलते रहे कि स्कारलेट नाबालिग थी. अपने जीवन से सभी फैसले उसने किसी न किसी के प्रभाव में लिए होंगे. जिन लड़कों से उसकी दोस्ती थी, वे बालिग़ थे. और बालिग़ होते हुए, लगातार नाबालिग लड़की को ड्रग्स और अनसेफ सेक्स की दुनिया में धकेल रहे थे.

एक पूरा रैकेट था जो गोवा में गैरकानूनी ड्रग्स दे रहा था. और नाबालिगों को इसका शिकार बना रहा था. मगर इस रैकेट और सिस्टम को दोष नहीं दिया गया. 

स्कारलेट की जिस डायरी में उसने अपने सेक्स लाइफ के बारे में लिखा था, उसमें ये भी लिखा था कि उसे डर लगता है कि हूलियो कहीं महज सेक्स के लिए उसका इस्तेमाल तो नहीं कर रहा है. उसने ये भी लिखा था कि सब छोड़कर घर जाना चाहती है. साथ में फांसी पर लटके हुए एक इंसान की आकृति भी बनाई थी.

स्कारलेट को रीहैब की जरूरत थी, डॉक्टर की जरूरत थी, बेहतर जीवन की जरूरत थी. मगर उसे उसके साथियों से लेकर सिस्टम तक, सबने लगतार महज गोरी चमड़ी, जिसका फायदा उठाया जा सकता है, की तरह ट्रीट किया.

आज 11 साल बाद, आखिरकार फियोना खुश हैं. मगर कहती हैं, हर टूरिस्ट के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ लड़ती रहेंगी.

 

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