कहां होता है औरतों का जी-स्पॉट, यानी वो अंग जहां सबसे ज्यादा यौन उत्तेजना होती है
औरतों की यौन जरूरतों को लेकर बहुत गलतफहमियां हैं.
क्या आपने आयुष्मान खुराना और भूमि पेडनेकर की फ़िल्म 'शुभ मंगल सावधान' देखी है? उसमें भूमि का जो किरदार है, उसकी शादी होने वाली है. उसके होने वाले पति को 'मर्दाना कमज़ोरी' है. मतलब उसे लिंग में उत्तेजना नहीं पैदा होती. खैर. इस फ़िल्म में भूमि की मां का किरदार निभा रही सीमा पाहवा अपनी बेटी को सेक्स से जुड़ी कुछ जानकारी दे रही होती हैं. उसे 'अलादीन की गुफ़ा' के बारे में बता रही होती हैं. यहां इसका मतलब औरत की वजाइना से है. बहुत आम धारणा है ये. लोगों का मानना है कि औरत की वजाइना के अंदर एक रहस्यमयी जगह होती है. अगर पुरुष का लिंग वहां तक पहुंच जाए तो महिला को तारे दिखा देने वाला ऑर्गैज्म होगा.
पूरी दुनिया उस रहस्मयी जगह की खोज में है. अब तो आलम ये है कि दुनिया में इस 'अलादीन की गुफ़ा' के नाम पर चीज़ें भी बेची जा रही हैं. आम भाषा में इसे जी-स्पॉट कहा जाता है. ये शब्द आते ही लोगों के कान अपने आप खड़े हो जाते हैं. सब इसका पता लगाना चाहते हैं. इस चीज़ का फ़ायदा उठाते हुए हाल-फ़िलहाल में एक ऐड बनाया गया.
यूरोप में एक देश है. लिथुआनिया. बहुत ही कम लोग इसके बारे में जानते हैं. जब लोग यूरोप घूमने जाते हैं तो लिथुआनिया को कोई याद नहीं करता. इस देश की सरकार इस बात से बहुत दुखी है. वो चाहते हैं कि टूरिस्ट उनके देश भी पधारे. तो इस देश का प्रमोशन करने के लिए इस देश की राजधानी विलिस में एक होर्डिंग लगाई गई.
इससे पहले हम आगे कुछ बोलें, आप एक बार ये ऐड ख़ुद देख लीजिए.
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- Matt Leedham (@worldofleedham) August 10, 2018
एक औरत बहुत ही कामुक मुद्रा में लेटी हुई है. लग रहा है उसे ऑर्गैज्म होने वाला है. उसने अपने हाथों से इस देश के नक्शे को दबोचा हुआ है. साथ ही ये लाइन लिखी हुई है:
"नोबडी नोज़ वेयर इट इज़. बट व्हेन यू फाइंड इट-इट इज़ अमेजिंग. द जी-स्पॉट ऑफ़ यूरोप." मतलब. किसी को नहीं पता ये कहां है. पर एक बार ये मिल जाए तो आपके मज़े ही मज़े हैं. यूरोप का जी-स्पॉट.
जैसे हमने आपको पहली भी बताया था जी-स्पॉट को लेकर लोगों में बहुत गलत धारणाएं बनी हुई हैं. और ऐसे ऐड उन्हें और हवा देते हैं. खैर. ये तो अलग ही मुद्दा है. इस टॉपिक पर कुछ ग़लतफहमियां दूर करना ज़रूरी है.
इसलिए हमने बात की डॉक्टर प्रवीण त्रिपाठी से. ये दिल्ली में एक सेक्सोलॉजिस्ट और साईकिऐट्रीस्ट हैं.
हमने उनसे पूछा कि ये जी-स्पॉट का मामला है क्या? आख़िर ये जादुई जगह कहां होती है. आपको मालूम है हमें क्या पता चला?
देवियों और सज्जनों. जी-स्पॉट नाम की औरत के शरीर में कोई जगह होती ही नहीं है. ये एक भ्रम है. मेडिकली, डॉक्टर्स कभी भी जी-स्पॉट शब्द इस्तेमाल ही नहीं करते.
आपने अक्सर पोर्न में या ऐड में भी सुना होगा कि पुरुष का लिंग जितना लंबा हो, औरत को सेक्स करते समय उतना ही अच्छा लगता है. उसे ऑर्गैज्म होता है. पुरुष अपने लंबे लिंग की वजह से जी-स्पॉट तक पंहुच सकता है. पर असल में ऐसा नहीं है.
एक वेजाइना की गहराई 10 से 12 सेंटीमीटर होती है. पर ये पूरी अंदर तक सेंसिटिव नहीं होती. मतलब उसे अंदर तक किसी भी चीज़ का स्पर्श महसूस नहीं होता. सिर्फ़ आगे के कुछ सेंटीमीटर तक वो महसूस कर पाती है. तो लिंग बड़ा हो या छोटा, कोई फ़र्क नहीं पड़ता. अंदर कोई जी-स्पॉट उसका इंतज़ार नहीं कर रहा. हां, मर्दाना ईगो को शांत करने के लिए एक लंबे लिंग का ख़याल अच्छा है.
खैर. अगर जी-स्पॉट अंदर नहीं होता तो महिलाओं को सेक्स करते समय आनंद कैसे आता है?
वजाइना के ही हिस्से में बाहर की तरफ़ एक चीज़ होती है क्लिटोरिस. ये मांस का छोटा सा टुकड़ा होता है. ऊपर की तरफ़. यहां कम से कम 8,000 नर्व्स होती हैं. नर्व्स मतलब तंत्रिका. ये हिस्सा बहुत सेंसिटिव होता है. अगर इसे किसी भी तरह का स्पर्श मिलता है तो औरत को ऑर्गैज्म हो सकता है. साथ ही महिला सेक्स एन्जॉय भी करती है.
असल में 'अलादीन की गुफ़ा' यही है. लोग खामखां इसे औरत की वजाइना के अंदर ढूंढ रहे थे.
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