टीवी के बकैत जिस 'एग्जिट पोल' की बात करते हैं, उसे कैसे लिया जाता है?

ये 'ओपिनियन पोल' से कैसे अलग है?

एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल

कसम से चुनाव आए, और टीवी पर दिनभर बकैती चालू. इतनी बार नतीजों पर बात करते हैं कि कभी-कभी तो मालूम नहीं पड़ता कि असल नतीजे कौन से हैं. कभी ये पोल, कभी वो पोल, कभी एग्जिट पोल, कभी ओपिनियन पोल. 

अभी कर्नाटक राज्य में चुनाव हुए हैं. किसकी सरकार बनेगी, ये 15 मई को साफ हो जाएगा. यहां 12 मई को 224 में से 222 विधानसभा सीटों पर वोट डाले गए. हर चुनाव की तरह इस बार भी ओपिनियन और एग्जिट पोल आए. अब इसी बहाने हम समझ लेते हैं कि ये एग्जिट और ओपिनियन पोल होते क्या हैं. 

क्या होता है ओपिनियन पोल?

चुनाव की घोषणा के बाद और वोटिंग से पहले होने वाले सर्वे, जिसमें पब्लिक से पूछा जाता है कि वो कौन सी पार्टी को वोट देंगे, ऐसे सर्वे को ओपिनियन पोल कहते हैं.

क्या होता है एग्जिट पोल?

वोटिंग के दिन जब वोटर वोट डाल कर निकलता है तो सर्वे करने वाले उससे पूछते हैं कि उन्होंने कौन सी पार्टी को वोट दिया है, ऐसे सर्वे को एग्जिट पोल कहते हैं. इसमें वोटिंग बूथ से बाहर निकलते ही वोटर की राय पूछी जाती है. वोटर से पूछा जाता है कि उसने किसे और क्यों वोट दिया.

ओपिनियन पोल की तुलना में एग्जिट पोल पर ज्यादा भरोसा किया जाता है. क्योंकि ये जरूरी नहीं होता कि ओपिनियन पोल के लिए किए गए सर्वे में शामिल सभी लोग वोट देने जाए ही. जबकि एग्जिट पोल में वोट देने के तुरंत बाद सर्वे होता है. दोनों ही सर्वे में सैंपल साइज पर जोर दिया जाता है यानी सर्वे के लिए अधिक से अधिक लोगों से सवाल किया जाता है. जितना बड़ा सैंपल साइज होता है, नतीजे उतने ही सही होने की संभावना होती है. लेकिन इसकी कोई गारंटी भी नहीं होती.

कोई भी सर्वे गलत होने की वजह

इसकी वजह ये है कि कभी-कभी वोटर अपनी असल राय नहीं बताते. कई बार वो कुछ भी बताने से इनकार कर देते हैं, तो कई बार सर्वे करने वाला शख्स कम ही लोगों से सवाल पूछता है यानी सैंपल साइज छोटा लेता है. किसी भी राज्य में चुनाव की घोषणा होने के बाद वोटिंग होने और नतीजे आने में वक्त लगता है. इसलिए रुझान जानने के लिए ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल कराए जाते हैं.

नरेंद्र मोदी येदुरप्पा के साथ और राहुल गांधी सिद्धारमैय्या के साथ. नरेंद्र मोदी येदुरप्पा के साथ और राहुल गांधी सिद्धारमैय्या के साथ.

कर्नाटक में 224 में से 222 सीटों पर चुनाव हुए. अलग-अलग कंपनियों की ओर से जारी किए गए एग्जिट पोल के आंकड़े कुछ यूं हैं:

इंडिया टुडे और एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल

कांग्रेस : 106-118 सीटें

बीजेपी : 79-92 सीटें

जेडीएस : 22-30 सीटें

अन्य : 1-4 सीटें

टाइम्स नाउ-वीएमआर का एग्जिट पोल

कांग्रेस : 90-103 सीटें

बीजेपी : 80-93 सीटें

जेडीएस : 31-39सीटें

अन्य : 2-3 सीटें

एबीपी- सी वोटर का एग्जिट पोल

कांग्रेस : 82-94 सीटें

बीजेपी : 101-113 सीटें

जेडीएस : 18-31 सीटें

अन्य : 1-8 सीटें

इन एग्जिट पोल में सिर्फ इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया का ही एग्जिट पोल इकलौता है, जो कांग्रेस को बहुमत देता दिख रहा है. इसके अलावा जितने भी एग्जिट पोल दिख रहे हैं, उनमें से किसी के पास भी बहुमत यानी 113 का आंकड़ा नहीं है. लेकिन ये सिर्फ एग्जिट पोल हैं. असली नतीजे तो 15 मई को ही आएंगे.

 

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