सरकार के इस नए कदम के बाद औरतों के लिए आएंगी ढेरों नौकरियां
जान लीजिए इस सरकारी स्कीम के बारे में, ताकि आपकी कंपनी कभी आपका पैसा न मार सके.
 पांच साल तक ईपीएफ सब्सिडी मिलेगी महिलाओं को. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- PTI
 
              पांच साल तक ईपीएफ सब्सिडी मिलेगी महिलाओं को. सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- PTI              हमारे कॉलेज और काम करने की जगहों पर महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में कम होती है. साल 2018 के इकॉनमिक सर्वे से भी यही बात ज़ाहिर होती है. भारत में कामकाजी महिलाओं की संख्या एक-चैथाई से भी कम है. जबकि साल 2004-2005 में ये लगभग 40 फीसदी थी.
दक्षिण एशियाई देशों में ये आंकड़ा सबसे खराब है. 2004 से 2011 के बीच लगभग 2 करोड़ महिलाओं ने काम छोड़ दिया. इसलिए अब सरकार महिलाओं को नौकरी देने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है.
 श्रम और रोज़गार मंत्रालय के तहत ये योजना लागू होगी.
 श्रम और रोज़गार मंत्रालय के तहत ये योजना लागू होगी. सरकार ‘प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना’ को महिलाओं के लिए पांच साल का करने जा रही है. ‘श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय’ के तहत महिलाओं को EPF सब्सिडी दी जाएगी. इसका मतलब क्या है, ये हम आपको समझाएंगे.
सरकार की तरफ से लघु-मध्यम उद्यमों और छोटे व्यवसायों में महिलाओं को नौकरी देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. सरकार कर्मचारियों की पेंशन (ईपीएस) और भविष्य निधि (ईपीएफ) का 12% फीसदी खुद देगी. नौकरी शुरू करने के पांच साल तक महिलाओं को ये फायदा मिलेगा.
 सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters
 सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reutersसबसे पहले जानिए EPF यानी एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड है क्या.
1. इंप्लॉयिज़ प्रॉविडेंट फंड स्कीम एक्ट 1952 में लागू हुआ था. इसके अनुसार इंप्लॉयी (नौकरी करने वाला) और इंप्लॉयर (जिसके लिए आप नौकरी कर रहे हैं) को इस फंड के लिए पैसे जमा करना होता है.
2. ये आपकी बेसिक सैलरी का 12% हिस्सा होता है. बेसिक सैलरी मतलब आपका मेहनताना. यानी पूरी सैलरी से में से वो हिस्सा जिसमें किसी भी तरह का बोनस या अलाउंस नहीं जुड़ा होता है. तो बेसिक का 12 फीसद आपकी सैलरी से कटता है, और उतना ही अमाउंट आपकी कंपनी आपको देती है. ये पूरा पैसा रिटायरमेंट के लिए जमा होता रहता है.
 सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters
 सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters3. अब सरकार का ऐसा प्लान है, कि अगर कंपनियां औरतों को नौकरी पे रखेंगी, तो 5 साल तक EPF की ओर कंपनी के पैसों का हिस्सा सरकार भरेगी. यही पैसा कहलाता है EPF सब्सिडी. जब कंपनी के पैसे बचेंगे तो जाहिर है वो ज्यादा औरतों को नौकरी देंगे.
अब जानिए EPS यानी इंप्लॉयी पेंशन स्कीम क्या होती है?
इंप्लॉयी पेंशन स्कीम के तहत कंपनी EPF की ही तरह सैलरी का 8.33 फीसदी हिस्सा इंप्लॉयी की पेंशन के लिए जमा करती है. ये पैसे ईपीएफ के 12% हिस्से में ही शामिल होता है. ये पैसे पेंशन की तरह इंप्लॉयी को रिटायर्मेंट के बाद मिलते हैं. इसके लिए इंप्लॉयी को पैसे नहीं देने होते. ये पैसे कंपनी ही देती है.
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 सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reutersक्या ये सब्सिडी पहले नहीं थी?
थी. अभी महिलाओं और पुरुषों दोनों को नौकरी शुरू करने के तीन साल तक ईपीएफ सब्सिडी दी जाती है. ये प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत दिया जाता है. वर्कफ़ोर्स यानी काम करने वाली जनता में महिलाओं की घटती संख्या के चलते सरकार ने तय किया है कि अब महिलाओं के लिए पांच साल तक ईपीएफ सब्सिडी दी जाएगी.
 अब महिलाओं को पांच साल तक ईपीएफ सब्सिडी दी जाएगी. फोटो क्रेडिट- Reuters
 अब महिलाओं को पांच साल तक ईपीएफ सब्सिडी दी जाएगी. फोटो क्रेडिट- Reutersप्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना क्या है?
ये योजना उनके लिए है, जो रोजगार देते हैं. 2016 में शुरू हुई इस योजना में रजिस्टर करने पर सरकार कंपनियों को EPF और EPS में सब्सिडी देती हैं. इस तरह कंपनी को खर्चों में राहत मिलती है. और नए लोगों को नौकरी पाने में भी आसानी होती है.
 कई बार देखा गया है कि महिलाओं को पुरुषों से कम वेतन दिया जाता है. फोटो क्रेडिट- Reuters
 कई बार देखा गया है कि महिलाओं को पुरुषों से कम वेतन दिया जाता है. फोटो क्रेडिट- Reutersनौकरी करना आपका अधिकार है. पैसे कमाना आपका अधिकार है. और आत्मनिर्भर होना आपका अधिकार है.
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