पार्लर वाली दीदी के कहने पर बिकिनी वैक्स करवाना कितना सही है?

करवा चौथ के समय आपने भी पार्लर जाकर 'फुल बॉडी वैक्स' करवाया?

ऑडनारी ऑडनारी
अक्टूबर 27, 2018
वैक्सिंग और शेविंग में क्या बेहतर है आज समझ लीजिए. फ़ोटो कर्टसी: Shutterstock

करवा चौथ का दिन. सुबह से बड़ी तैयारियां हो रखी होगी. भई स्पेशल डे है. शाम को पतिदेव के साथ स्पेशल प्लांस भी होंगे. अच्छा आपको पता है आज सबसे ज़्यादा भीड़ आपको कहां देखने को मिलेगी? ब्यूटी पार्लर्स में. कई औरतें वहां जाकर आज के लिए तैयार होती हैं. फेशिअल. मैनीक्योर. पेडीक्योर. वगैरह. पर इन सब के साथ-साथ पार्लर वाली दीदी एक और चीज़ की जिद पकड़ लेती हैं. ब्राज़ीलियन वैक्सिंग. अब अगर आप नहीं जानती कि ब्राज़ीलियन वैक्सिंग क्या होती है, तो समझ लीजिए. ये नॉर्मल वैक्सिंग ही होती है, पर आपके वजाइना के पास की. वहां की हेयर ग्रोथ को हटाने के लिए एक ख़ासतौर का वैक्स इस्तेमाल किया जाता है.

अब अगर आप भी ऐसा कुछ कराने का सोच रही हैं तो उसके नफ़े और नुकसान भी जान लीजिए.

चलिए शुरू करते हैं उसके फ़ायदों से

हमनें बात की डॉक्टर निहारिका मल्होत्रा से. डॉ मल्होत्रा स्किन क्लिनिक में खाल की डॉक्टर हैं. वो कहती हैं:

“देखिए. ब्राज़ीलियन वैक्सिंग सब औरतें नहीं करतीं. आधी शर्म से. आधी दर्द के डर से. पर हां. इसके कुछ फ़ायदे तो हैं. जैसे एक बार वैक्सिंग हो गई. तो अगले चार से छह हफ़्तों की छुट्टी. वैक्सिंग की वजह से बाल जल्दी वापस नहीं आते. क्योंकि इन्हें जड़ से उखाड़ा जाता है. दुबारा ऐसी ग्रोथ होने में वक़्त लगता है. साथ ही बाल की ग्रोथ और पतली हो जाती है. जड़ोंसे उखड़ने की वजह से बाल खिचते हैं और ढीले भी हो जाते हैं. तो नए बाल या तो वहां से उगते नहीं या बिना किसी मदद के ही गिर जाते हैं. एक चीज़ होती है इन्ग्रोन हेयर. मतलब खाल के अंदर ही बाल का निकलना. वैक्सिंग कराने से ये दिक्कत नहीं होती.”

अब आते हैं नुकसान की तरफ़.

वंदना श्रीवास्तव मुंबई के अपोलो अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. वो बताती हैं:

“ब्राज़ीलियन वैक्सिंग में काफ़ी दर्द होता है. ख़ासतौर पर क्योंकि वजाइना के पास की खाल काफ़ी सेंसिटिव होती है, इसलिए ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है. अगर बाल-तोड़ हो जाए या खाल ज़ख़्मी हो जाए तो इन्फेक्शन होने का डर रहता है. साथ ही इसकी वजह से STD और STI होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है. मतलब सेक्स की वजह से होने वाले इन्फेक्शन और बीमारियां. वजाइना के पास बाल एक कुदरती वजह से होते हैं. वो किसी भी गंदगी को सीधे वजाइना के अंदर आने से रोक सकते हैं. साथ ही वैक्स कैसा है इसका भी बहुत असर पड़ता है. अगर सही क्वालिटी का वैक्स इस्तेमाल नहीं किया गया या वो बहुत गरम है तो इन्फेक्शन हो सकता है.”

तब तो बेहतर ये नहीं है कि महिलाए, जो वजाइना के पास बाल नहीं चाहती, उसे शेव कर लें

इसका जवाब डॉक्टर निहारिका मल्होत्रा ने दिया. उनके मुताबिक जिन औरतों की बहुत सेंसिटिव स्किन होती है, उन्हें वैक्स नहीं करना चाहिए. क्योंकि इससे उनकी खाल और ज़्यादा इरीटेट होगी और उनकों रशेस हो जाएंगें. अगर आप के बाल काफ़ी पतले हैं, जिन्हें हम फ़ाइन हेयर कहते हैं, तो आपको वैक्सिंग नहीं करनी चाहिए.

शेविंग के भी अपने फ़ायदे और नुक्सान हैं. अव्वल तो शेव करने से बाल जल्दी निकल आते हैं. साथ ही इन्ग्रोन हेयर का ख़तरा रहता है. एक बात तो बिलकुल नहीं भूलनी चाहिए. हमारे बाल एक सीध में उगते हैं. शेव करने से उनका डायरेक्शन बदल जाता है. उनके उगने की दिशा बदल सकती है. जिसकी वजह से बाल खाल के अंदर ही उग जाता है. शेव करते समय बाल जड़ से नहीं जाते. केवल खाल की उपरी सतह से जाते हैं. इसलिए खाल काली भी पड़ने लगती है. और अगर गलती से कहीं कट गया, तब तो आप गईं. रेज़र से हुआ इन्फेक्शन ख़तरनाक हो सकता है.

अरे! तो फिर इंसान करे तो करे क्या?

दोनों डॉक्टर एक बात पर सहमत हैं. अगर आपकी खाल बहुत सेंसिटिव नहीं है और वजाइना के पास बालों की ग्रोथ नहीं चाहतीं तो वैक्सिंग ही सही ऑप्शन है. बस ये ध्यान रखिए कि जिस पार्लर में आप जाएं, वो साफ़ हो. साथ ही अच्छी क्वालिटी का वैक्स इस्तेमाल करें. वैक्सिंग शुरू होने से पहले, एक बार उसका तापमान भी जांच लें. कि कहीं वो इतना गरम तो नहीं कि आपकी खाल को जला दे.

 

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