बुर्के और घूंघट को लेकर जावेद अख्तर ने सौ टके की बात की है

कभी सिक्योरिटी तो कभी संस्कार के नाम पर महिलाओं को अपना चेहरा ढंकने की जरूरत क्यों पड़नी चाहिए?

श्रीलंका में पिछले महीने ईस्टर के रोज एक के बाद एक कई धमाके हुए थे. इन धमाकों में 350 लोगों की जान चली गई थी. 500 लोग घायल हुए थे. इसके बाद श्रीलंका सरकार ने आदेश जारी किया कि अब देश के सार्वजनिक जगहों पर कोई भी चेहरा नहीं ढंकेगा. मुंह ढंकने वाले सभी तरह के नकाब को बैन कर दिया गया है. राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरीसेना की तरफ से जारी आदेश में बुर्के का जिक्र नहीं किया गया था.

आदेश में मुंह न ढंकने की ही बात की गई है. ये आदेश सभी के ऊपर लागू किया गया है. चाहे वो मर्द हो या बच्चा या महिला हो. इसके बाद श्रीलंका के मुस्लिम धार्मिक संगठन ऑल सिलोन जमायत-उल-उलेमा ने भी महिलाओं से बुर्का न पहनने को कहा. ताकि देश की सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे.

फैसला पड़ोसी देश में  हुआ लेकिन भारतीय नेता इस फैसले में अपनी नाक घुसाने से बाज नहीं आए. उन्होंने पूरा फैसला न जाना और समझा. बस नकाब बैन को बुर्का बैन समझ बैठे और भारत में भी बुर्का बैन की मांग करने लगे. पिछले दिनों शिवसेना ने बुर्का बैन की मांग की थी.

इस बैन के संबंध में जब गीतकार जावेद अख्तर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बुर्का बैन करने से उनको कोई समस्या नहीं है लेकिन घूंघट भी बैन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे पहले की राजस्थान में आखिरी चरण का मतदान हो जाए, केंद्र सरकार को ऐलान करना होगा कि राजस्थान में कोई कोई घूंघट नहीं ओढ़ सकता.

उनके बयान को लोग अलग-अलग एंगल देने लगे. उन पर एंटी हिंदू होने के आरोप लगने लगे. जावेद अख्तर को अपने बयान को लेकर सफाई देनी पड़ी. उन्होंने ट्वीट किया- 

कुछ लोग मेरे बयान को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने कहा था कि हो सकता है कि श्रीलंका ने ये सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया हो. लेकिन ये महिला सशक्तिकरण के लिए जरूरी है, चेहरे को ढंकना बंद करना चाहिए, फिर चाहे नकाब से हो या घूंघट से.

जावेद अख्तर की ये बात सौ टके की है. हम कितना भी कह लें कि औरतों को आजादी है घूंघट लेने या नहीं लेने की. उन्हें आजादी है बुर्का या नकाब पहनने या न पहनने की. लेकिन सच तो ये है कि घूंघट और बुर्का पैट्रिआर्की का नतीजा हैं. जब पुरुष को घूंघट, बुर्के या नकाब की जरूरत नहीं है तो औरतों को भी सिक्योरिटी या संस्कार के नाम पर अपना चेहरा ढंकने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए.

 

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