हर्षवर्धन कपूर ने अपनी बहन सोनम कपूर आहूजा को लेकर जो कहा वो सही नहीं है

अपने एक बयान से वो फिल्म इंडस्ट्री को 10 साल पीछे लेकर चले गए.

हर्षवर्धन कपूर की ये बात फिल्म इंडस्ट्री में औरतों की हालत बयां करती है. फोटो क्रेडिट:@harshvardhankapoor

आपने भावेश जोशी सुपरहीरो मूवी देखी? इस फिल्म के हीरो हर्षवर्धन कपूर हैं. वही, जिनकी पहली फिल्म थी मिर्जया. अनिल कपूर के बेटे हैं. सोनम कपूर और रिया कपूर से छोटे हैं कपूर. हर्षवर्धन की भावेश जोशी सुपरहीरो, वीरे दी वेडिंग के साथ ही रिलीज हुई थी, 1 जून को. लेकिन कमाई के मामले में उनकी फिल्म पीछे चल रही है. हम यहां दोनों फिल्मों की बात नहीं करेंगे. न ही कमाई की और तुलना करना तो बनता ही नहीं है. अलग तरह की फिल्में हैं दोनों. हम यहां एक इंटरव्यू की बात कर रहे हैं. जिसमें कही गई बातों की वजह से हर्षवर्धन को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

इंटरव्यू में प्रकाशित अंश के मुताबिक हर्षवर्धन को लगता है कि उनकी फिल्म पूरी तरह से उन्हीं पर निर्भर करती है. जबकि सोनम के साथ ऐसा नहीं है. क्योंकि वो हीरो नहीं, हिरोइन होती हैं. इसलिए वो काम के सिलसिले में सोनम से कोई सलाह-मशविरा नहीं लेते. वहीं उन्हें ये भी लगता है कि उनकी प्रोड्यूसर बहन रिया क्रिएटिव कामों के बारे में फीडबैक नहीं दे सकतीं.

दरअसल क्वार्ट्ज इंडिया के एक इंटरव्यू में हर्षवर्धन से पूछा गया कि रिया और सोनम उनके फैसलों के लिए उन्हें गाइड करती हैं या नहीं. इस पर हर्षवर्धन ने कहा कि वो उनसे सलाह लेते ही नहीं हैं. और इसके साथ हर्षवर्धन ने जो कहा, वो और भी बुरा है. 

'सोनम अपनी दुनिया में हैं. उन्होंने हर तरह की फिल्म की है. लेकिन मेरा ये भी मानना है कि कभी-कभी एक हिरोइन के लिए कई फिल्मों में फिट होना आसान होता है. जैसे पैडमैन फिल्म सोनम के किरदार से नहीं चलती, सही है न? इसलिए उन्हें वहां 100 दिनों के लिए नहीं रहना पड़ता. हिरोइनें ज्यादा फ्री होती हैं. अभी मेरे लिए (भावेश जोशी सुपरहीरो मूवी के बारे में), पूरी फिल्म मुझ पर निर्भर करेगी. इसलिए मैं सोनम से सलाह नहीं लेता. रिया प्रोड्यूसर हैं. उनके पास स्क्रिप्ट जैसी क्रिएटिव चीज़ों की बजाए मार्केटिंग फीडबैक ज्यादा है.'

सोनम हर्षवर्धन की बड़ी बहन हैं. फोटो क्रेडिट: @harshvardhankapoor सोनम हर्षवर्धन की बड़ी बहन हैं. फोटो क्रेडिट: @harshvardhankapoor

ये बात सही है कि हर्षवर्धन सोनम कपूर के भाई हैं और अपनी बहन के लिए कुछ भी बुरी नीयत से नहीं कहना चाह रहे होंगे. मगर उन्होंने बिना सोचे-समझे जो वाक्य बोल दिया है, वो फिल्म इंडस्ट्री में औरतों की हालत बयां करता है. इस बात से हमें पता पड़ता है कि हिरोइन भले की कितनी भी सफल हो जाए, उसके बारे में यही सोचा जाता है कि फिल्म के चलने का दारोमदार उस पर नहीं होता. वो फिल्म में जगह भरने के लिए होती है. 

वो उदाहरण भी अपनी बहन सोनम कपूर की पैडमैन का देते हैं. हर्षवर्धन की इस बात पर कई लोगों ने नाराज़गी जताई. हालांकि हर्षवर्धन ने सफाई दी कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा. उनकी बातों को गलत समझा गया. उनके इस ट्वीट को सोनम कपूर आहूजा ने रीट्वीट भी किया है.

पिछले साल एक वेब चैनल पर दोनों बहन भाई ने फिल्म इंडस्ट्री में हीरो और हिरोइन के बीच होने वाले भेद पर डिस्कशन की थी. इसमें हर्ष ने सोनम की तारीफ करते हुए कहा था कि कुछ फिल्में चाहे वो सुपरस्टार लोगों की भी हों, वो सोनम की वजह से ज्यादा सफल होती हैं.

सोनम ने ऐसी बहुत सी फिल्में की हैं. जिसमें किसी अभिनेता का मुख्य किरदार नहीं था. 2016 में आई नीरजा फिल्म तो याद होगी ही. या फिर वीरे दी वेडिंग हो, डॉली की डोली, आयशा हो. नीरजा के लिए सोनम को इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न में बेस्ट एक्ट्रेस, स्टारडस्ट अवॉर्ड्स में एडिटर्स च्वॉइस बेस्ट एक्ट्रेस ऑफ दी ईयर 2016 का अवॉर्ड मिला था.

अगर किसी फिल्म में हिरोइन को हीरो से रोमैंस भर के लिए रखा जाता है, तो ये हिरोइन नहीं, फिल्म इंडस्ट्री की असफलता है. जिस चीज की उन्हें शिकायत करनी चाहिए, उसे वो तथ्य के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. 

ये भी देखने लायक है कि अब वो समय पुराना हो रहा है जिसमें हिरोइनों के किरदार छोटे होते थे. बीते कुछ साल में हमने करीना, दीपिका, सोनम और आलिया को ऐसी फ़िल्में करते देखा है जो पूरी उनके दम पर ही चलती हों. जैसे नीरजा, पद्मावत, हाईवे, डिअर जिंदगी, या फिर की एंड का (जो कमज़ोर स्क्रिप्ट होते हुए भी करीना को हीरो के बराबर पाती है). ऐसे में हर्षवर्धन तथ्यात्मक तौर पर भी गलत ही दिख रहे हैं. 

हर्षवर्धन लाख सफाई दे लें, मगर युवा एक्टर होते हुए जहां उनसे सुलझी और प्रगतिवादी बातें अपेक्षित हैं, वो बॉलीवुड को 10 साल पीछे लेकर चले गए हैं. 

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group