मिलिए भानू गहलोद से, एक दिन के लिए कुर्सी पर बैठी और बनवा दिया महिलाओं के लिए जिम
भानू गहलोद एक दिन के लिए नगर पालिका अध्यक्ष बनी थीं.
वो सातवीं में पढ़ती है, मध्य प्रदेश के छोटे से टाउन हरदा में रहती है. रोज स्कूल जाती है और मन लगाकर पढ़ाई करती है. वह महज 13 साल की है, लेकिन उसे देश और दुनिया की बहुत समझ है. उसे पता है कि आज के 'सभ्य' समाज में औरतों की क्या स्थिति है, वह जानती है कि एक औरत की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता कितनी जरूरी है. उसे इस बात का भी पूरा अंदाजा है कि एक औरत चाहे घर के बाहर हो या फिर घर की चारदीवारी के अंदर, उसके ऊपर बहुत सी नजरें टिकी होती हैं. कुछ नजरें ऐसी होती हैं, जो किसी भी पल उस औरत को दबोचना चाहती हैं, उसकी चीखों को अनसुना करके उसके शरीर को पाना चाहती हैं.
हम बात कर रहे हैं भानू गहलोद की. 14 साल की भानू ने हरदा में महिलाओं के लिए जिम खुलवाया है. यह हरदा का पहला महिला जिम है. पिछले साल भानू एक दिन के लिए हरदा नगर पालिका की अध्यक्ष बनी थीं. उस एक दिन के कार्यकाल में ही भानू ने महिलाओं के लिए एक अलग और आधुनिक जिम खोलने का फैसला किया और अधिकारियों को इसके लिए आदेश भी दे दिया. और 12 सितंबर को इस जिम का उद्घाटन हो गया.
पिछले साल 14 नवंबर से 20 नवंबर के बीच बाल अधिकार सप्ताह मनाया गया. यूनिसेफ और सिनर्जी ने टेकओवर पहल चलाई. इसमें बच्चों को एक दिन के लिए अलग-अलग पद दिए गए. कोई एक दिन के लिए एसडीएम बना, तो कोई विधायक, तो कोई जिला पंचायत अध्यक्ष. भानू बनीं नगर पालिका अध्यक्ष. उन्होंने महिलाओं के लिए स्पेशल जिम बनवाने का फैसला लिया, ताकि शहर की औरतें ताकतवर बनें और अपनी रक्षा खुद कर सकें. भानू के इस फैसले को नगर पालिका ने बहुत गंभीरता से लिया और इस पर काम शुरू कर दिया. नगर पालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने भानू की इच्छा पूरी की और महिलाओं के लिए जिम बना दिया.
इस जिम का नाम 'दानदात्री कुमारी अंजलि तलरेजा महिला जिम' है. अंजलि वो बच्ची है, जिसकी बीते दिनों हरदा में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी. उसके माता-पिता ने हिम्मत दिखाते हुए अपनी बेटी के पांच अंगों का दान किया और अंजलि को हमेशा के लिए अमर कर दिया. जिम के इनॉगरेशन में अंजलि के माता-पिता का भी सम्मान किया गया. इस जिम में औरतों की सुरक्षा पर काफी फोकस किया गया है. टाउन के सुरक्षित स्थान पर तो ये बना ही है, साथ ही इसमें दो महिला जिम ट्रेनर हैं.
ज्यादा से ज्यादा औरतें इस जिम को ज्वॉइन कर सकें, इसके लिए इसकी फीस भी 200 रुपए रखी गई है. नेशनल और रीजनल लेवल के पदक विजेता खिलाड़ी मुफ्त में जिम जा सकेंगे. जिम अच्छी तरह से काम करे, इसके लिए एक समिती भी बनाई गई है.
मिलिए भानू से
हमने औरतों के लिए जिम खोलने का आदेश देने वाली भानू से भी बात की. भानू आगे भी लड़कियों के लिए काम करना चाहती हैं, उनकी मां हर कदम पर उन्हें गाइड करती हैं. भानू बताती हैं कि उनकी मां ने ही जिम खोलने की बात उनसे कही थी. छोटी सी भानू डांसर बनना चाहती हैं और डांस के जरिए वह उन लड़कियों के लिए बहुत कुछ करना चाहती हैं, जिनके माता-पिता डर के कारण उन्हें आगे बढ़ने से रोक देते हैं.
वह कहती हैं, 'मैं डांसर बनना चाहती हूं. लड़कियों के लिए बहुत कुछ करना चाहती हूं. बहुत से पैरेंट्स अपनी बेटियों को लेकर डर में रहते हैं. उन्हें इस बात का डर होता है कि कहीं उनकी बेटी के साथ कुछ गलत तो नहीं हो जाएगा और इसी कारण से बहुत सी लड़कियों को कुछ अच्छा करने का, आगे बढ़ने का मौका नहीं मिलता. मैं ऐसे पैरेंट्स को यह मैसेज देना चाहती हूं कि वो अपनी लड़कियों के लिए घबराएं नहीं, उन्हें आगे बढ़ने दें. उन्हें साहसी बनाएं और कुछ करने का मौका दें.'
भानू को डांस के साथ आर्ट एंड क्राफ्ट करना पसंद है. वह डांस क्लास भी जाती हैं. उन्हें पढ़ना भी बहुत पसंद है. भानू अपनी मां के बहुत करीब हैं, वह कहती हैं, 'मेरी मां लाइब्रेरियन हैं. वह लड़कियों के लिए बहुत कुछ करती हैं. उन्होंने स्वयं सहायता समूह भी बनाया है और हरदा गर्ल्स क्रिकेट टीम भी बनाई है. जिम का आइडिया उन्होंने ही दिया था.' भानू की एक बड़ी और एक छोटी बहन भी है. उनके पिता प्राइवेट जॉब करते हैं.
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