नैनेट: एक कॉमेडी जो आपको हंसाते हुए रुला जाएगी

इस लड़की की बातें सुनकर लगता है हम आज भी कितने पिछड़े हुए हैं.

हैना गैड्स्बी ऑस्ट्रेलिया से हैं. स्टैंड अप कॉमेडियन हैं. स्टैंड अप कॉमेडियन क्या होते हैं? वही जो राजू श्रीवास्तव हैं, अदिति मित्तल हैं, भारती (लल्ली वाली) हैं. स्टेज पर आते हैं, जोक सुनाते हैं, हंसाते हैं लोगों को. वही हैना भी करती आ रही हैं. पिछले 10 सालों से. ऑस्ट्रेलिया में जाना माना नाम हैं.

नेटफ्लिक्स एक ऐसी साइट है जहां पर आप फिल्में, टीवी शो वगैरह देख सकते हैं. कई बार ये साइट अपने पैसे लगा कर नए शो भी बनाती है.  उन्हीं में से एक है स्टैंड अप कॉमेडी के शोज. भारत से अदिति मित्तल का शो आया. नेटफ्लिक्स वाले कई बार लाइव शो परफॉर्म होते हुए ही शूट कर लेते हैं. हैना का शो भी इसी तरह शूट हुआ है.

ये हुई बेसिक जानकारी. इस बारे में बात क्यों कर रहे हैं हम?

हैना गैड्स्बी के स्टैंड अप ने कॉमेडी की दुनिया में भूचाल ला दिया है.

हैना को ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, अब पूरी दुनिया में लोग जानते हैं. फोटो: pinterest हैना को ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, अब पूरी दुनिया में लोग जानते हैं. फोटो: pinterest

हैना लेस्बियन हैं. लड़कियां पसंद हैं उनको. रोमांटिक पार्टनर की तरह. हैना तस्मानिया में बड़ी हुईं. 1997 तक वहां पर होमोसेक्सुअलिटी (समलैंगिकता)  एक अपराध था. उस समय में एक लेस्बियन के रूप में बड़ा होना हैना के लिए एक बेहद मुश्किल अनुभव रहा.

कॉमेडी पर सवाल- कैसे हैना ने कॉमेडी की समझ पर सवाल उठाए.

जब कॉमेडी की बात होती है, तो एक सीधा-सादा फार्मूला हमारे दिमाग में आ जाता है. ख़ास तौर से हिंदी बेल्ट में होने वाली कॉमेडी की बात की जाए, तो दो तीन ही फार्मूले हैं जिनका इस्तेमाल करके लोगों को हंसाया जाता है. चाहे वो फिल्में हों, या स्टैंड अप, या कोई टीवी शो.

  1. किसी इंसान/जगह/जाति का मज़ाक उड़ाना. इनमें ऐसे जोक आते हैं जैसे अभी-अभी एक कॉमेडियन का विडियो देखा मैंने फेसबुक पर. बता रहा था कैसे वो ट्रेक के लिए पहाड़ पर गया. वहां पर किसी ने गाना बजाया था- राधे राधे जपो चले आएंगे बिहारी. उसने कहा - अब यहाँ भी बिहारी आएंगे, पहाड़ों पर रिक्शा कौन चलाता है. या ऐसे जोक कि तू तो गुजराती है, तुझे तो फिरौती में भी फाफड़ा या खाखरा चाहिए होता होगा.
  2. औरतों/माइनॉरिटी को टारगेट करके जोक बनाना. मैं दिल्ली के कॉमेडी सर्कट को फॉलो करती आई हूं लगभग 5 सालों से. जितने कॉमेडियन हैं इधर उनके जोक्स का अता –पता तो चल ही गया है. एक कॉमेडियन अपने सेट को चलाने की कोशिश कर रहा था, उस दिन काफी भीड़ थी अक्षरा थियेटर में (राम मनोहर लोहिया अस्पताल के पास का थियेटर है. अच्छा है, उसमें नाटक वगैरह भी होते हैं. किसी दिन जा सकती हैं आप). जब उसके जोक फुस्स होने शुरू हो गए, उसने एक आखिरी कोशिश की. उसकी वो कोशिश कुछ ऐसी थी. ‘क्या है ये टेलिकॉम वाली लड़की जो कहती रहती है दुनिया गोल नहीं है दुनिया गोल नहीं है. मैं कहता हूँ तेरे भी गोल नहीं हैं’. ये एक टेलीकम्यूनिकेशन कम्पनी के विज्ञापन में आने वाली लड़की की बात कर रहे थे. इशारा उसके स्तनों की तरफ था. या फिर वही टिपिकल सरदारों वाले जोक. मुसलमान हुए तो अल्लाहु अकबर जैसे जोक.
    हैना ने कॉमेडी की समझ पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. फोटो: pinterest हैना ने कॉमेडी की समझ पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. फोटो: pinterest
  3. खुद का मज़ाक उड़ाना. अंग्रेजी में इसे सेल्फ डेप्रेकेटिंग ह्यूमर कहा जाता है. मतलब अपनी ही खिल्ली खुद उड़ाना. कोई छोटा इंसान हुआ कद में, वो अपना मजाक वैसे उड़ा लेता है. कोई मोटा हुआ, तो अपने ऊपर वही फुटबॉल जोक और ‘किसी पर गिर गया तो वो मर जाएगा’ जैसे जोक. एक हद तक ये अच्छा लगता है. इससे पता चलता है कि इंसान अपनी तथाकथित कमियों को लेकर भी इतना सिक्योर है, निश्चिन्त है कि उसको फर्क नहीं पड़ता. वो उनका मज़ाक खुद बना सकता है. लेकिन जब ये मज़ाक किसी की पहचान पर होने लगें सिर्फ इसलिए कि वो आपसे अलग है तो आप क्या करेंगी? क्या आप तब भी हंसेंगी उस पर?

हैना ने अपने स्टैंड अप में इस तीसरी बात पर बहुत अच्छे से फोकस किया है. उन्होंने इस बात को हाईलाइट किया कि कॉमेडी करने के लिए उन्हें अपने अनुभवों को किस तरह पैकेज करना पड़ता है कि लोग हंसें. हैना ने लेस्बियन होने की वजह से बहुत कुछ झेला. उनकी ये एक ऐसी पहचान है जिसको लेकर कम्फ़र्टेबल होने में उनको बहुत टाइम लगा. वो बताती हैं अपने स्टैंड अप में कि वो अभी तक अपनी दादी को नहीं बता पाई हैं कि वो लेस्बियन हैं.

हैना ने दुनिया में मार्जिन पर खड़े लोगों को कॉमेडी में इस्तेमाल करने पर भी बात की है. हैना ने दुनिया में मार्जिन पर खड़े लोगों को कॉमेडी में इस्तेमाल करने पर भी बात की है.

हैना का गुस्सा एक लड़की का गुस्सा नहीं है. हैना का गुस्सा एक ऐसी लड़की का गुस्सा भी नहीं है जो लड़कियों की तरफ एट्रेक्ट होती है, हैना का गुस्सा फकत एक कॉमेडियन का गुस्सा नहीं है जो स्टेज पर कॉमेडी करते करते थक गया हो.

हैना का गुस्सा एक पूरी पीढ़ी का गुस्सा है जिसे इस वजह से डिस्क्रेडिट कर दिया गया क्योंकि वो समाज के मेनस्ट्रीम में फिट नहीं बैठता था. हैना बताती हैं कि कैसे बस स्टॉप पर वो एक लड़की से बात कर रही थीं और उसके बॉयफ्रेंड ने उनको धक्का मारा था ये सोच कर कि वो उसकी गर्लफ्रेंड पर लाइन मार रही हैं. हैना की चाल ढाल और पहनावा एक ‘टिपिकल लड़की’ का नहीं है. टिपिकल लड़की वो जो समाज ने डिफाइन कर रखी. दूर से उस लड़के को लगा कि हैना एक लड़का हैं. इस लिए उसने उन पर अटैक किया. लेकिन पता चलने पर कि वो लड़की हैं, उसने कहा कि मैं लड़कियों पर हाथ नहीं उठाता.

हैना यहीं पर जोक रोक देती हैं. लोग हंसते हैं.

बीस मिनट बाद हैना बताती हैं कि उन्होंने अपनी कहानी ढंग से नहीं सुनाई. और वो इस कहानी को पूरा करती हैं. कहते हुए, ‘आई नीड टु टेल माई स्टोरी प्रॉपर्ली’. वो बताती हैं, कि वो आदमी उन्हें छोड़ कर गया. फिर वापस आया. और उसने कहा, ‘तुम लेस्बियन हो. तुम्हें तो मार सकता हूं मैं’. उसने हैना को बहुत पीटा.

हैना हमारी कॉमेडी की समझ पर सवाल उठाती हैं, और ये साबित कर देती हैं कि किस तरह  कॉमेडी एक लिमिट तक लोगों को इंसेंसिटिव बना देती है. जो लोग पहले से ही समाज से कटे हुए हैं, मुख्यधारा में नहीं हैं, उनका अपना खुद का मज़ाक बनाना सिर्फ मज़ाक नहीं है. बेइज्ज़ती है. एक ऐसी बेइज्जती जिससे उबरने में उनको काफी समय लग सकता है. शायद वो कभी भी इससे ना उबर पाएं.

हैना कहती हैं कि सेंसिटिव होना कोई गलत बात है क्या जो लोग सेंसिटिव होने से मना करते हैं. फोटो: pinterest हैना कहती हैं कि सेंसिटिव होना कोई गलत बात है क्या जो लोग सेंसिटिव होने से मना करते हैं. फोटो: pinterest

हैना हमारे समाज में पुरुषों की इज्जत के कांसेप्ट पर भी बहुत अच्छे तरीके से बात करती हैं. वो आर्ट हिस्ट्री की स्टूडेंट रह चुकी हैं. दुनिया में कला का विकास कैसे हुआ, और किसी आर्टिस्ट ने उसे कैसे आगे बढ़ाया, इसकी बहुत अच्छी समझ है उन्हें. उसी का उदाहरण लेते हुए वो अपनी बात आगे बढ़ाती है. बताती हैं कि कैसे पाब्लो पिकासो ने एक 17 साल की लड़की का शोषण किया था. इस के बावजूद वो एक हीरो है. इस पर कोई बात नहीं करता. हैना कहती हैं कि आर्टिस्ट को उसकी आर्ट से अलग करके देखने की बात ने हमारा बहुत नुकसान किया है. क्योंकि आर्टिस्ट की फिलोसोफी और सोच उसकी आर्ट में भी आती है. उसे अलग करके नहीं देखा जा सकता.

हैना कॉमेडी छोड़ने वाली हैं, और उनका करियर अभी ही उछाल पर आ गया है. फोटो: pinterest हैना कॉमेडी छोड़ने वाली हैं, और उनका करियर अभी ही उछाल पर आ गया है. फोटो: pinterest

हैना कॉमेडी के स्ट्रक्चर पर सवाल उठाती हैं, और सिर्फ यही नहीं वो अपने उदाहरण से कई लोगों की ज़िन्दगी का खाका भी खींचती हुई चलती हैं. वो सभी लोग जो अपने अनुभव कह नहीं पाए. जिनमें हिम्मत नहीं हुई. हैना अपने कन्धों पर उन सभी की हिम्मत का जुआ रख खींचती हुई दिखती हैं.

हैना गैड्स्बी का ये स्टैंड अप एक स्टैंड अप नहीं. चैलेन्ज है. उन सभी के नाम को खुद को कॉमेडियन कहते हैं. जो अपनी प्रिविलेज का फायदा उठाते हैं और उन सभी ज़रूरी मुद्दों पर चुप रहते हैं जिनपर बात करना ज़रूरी है.

 

 

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