छात्रा के पीछे पड़ा था प्रोफेसर, दोस्तों से कहता, 'मेरे पास भेजो, नहीं तो बर्बाद कर दूंगा'

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया है.

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
अप्रैल 25, 2019
सांकेतिक तस्वीर. (फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)

एक लड़की यूनिवर्सिटी में दाखिला लेती है. अपनी नई ज़िन्दगी नॉर्मली जी रही है. उसी यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर है. वो लड़की को हैरेस करना शुरू कर देता है. लड़की का पीछा करता है. उसके पुरुष दोस्तों को डराता है. धमकाता है. उनसे कहता है वो भाभी है तुम्हारी.

नहीं, ये कबीर सिंह की फ़िल्म की कहानी नहीं है. ये किसी भी पिक्चर की कहानी नहीं है. ऐसा हुआ है बिलासपुर, छत्तीसगढ़ की गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में. सितंबर साल 2018 की बात है. नम्रता (नाम बदल दिया गया है) ने यूनिवर्सिटी के लॉ डिपार्टमेंट में एडमिशन लिया था. वो रोज़ कैंपस में शाम को वॉक करती थी. उसी के डिपार्टमेंट के प्रोफेसर प्रवेश दलई भी वहां शाम को वॉक करने आते. जब भी वो नम्रता के सामने से गुज़रते तो उसे बहुत गंदी तरह से घूरते.

प्रवेश ने दो बार नम्रता से ज़बरदस्ती बातचीत भी करने की कोशिश की. उससे कहा कि मुझसे मिलने आओ. प्रोफेसर की हरकतों से नम्रता काफ़ी परेशान हो गई. नम्रता ने ये बात अपने दोस्तों को बताई. उन्होंने उसे सलाह दी कि वो शाम को वॉक करना बंद कर दे. उसने अपने दोस्तों की बात मान ली. उसने वॉक पर जाना बंद कर दिया.

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(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)

प्रवेश ने जब देखा कि नम्रता वॉक पर नहीं आ रही, तो उसने नम्रता के दोस्तों को फ़ोन करना शुरू कर दिया.

हमने नम्रता से बात की. उसने हमें बताया:

“प्रोफेसर प्रवेश ने मेरे दोस्तों को धमकाना शुरू कर दिया. वो चाहते थे कि मेरे दोस्त मेरी बात उनसे करवाएं. वो उनको धमकी दे रहे थे कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो वो उनका करियर बर्बाद कर देंगे. वो काफ़ी बदतमीज़ी से उनसे बात करते. मेरे बारे में भी काफ़ी बुरी बातें बोलते. मेरे दोस्तों से कहते कि वो उनका अटेंडेंस कम कर देंगे. जिससे वो एग्ज़ाम में नहीं बैठ पाएंगे. ये बातें मेरे दोस्तों ने मुझसे काफ़ी समय तक छिपाई. इस साल 15 अप्रैल को उन्होंने मुझे ये सब बताया. सब ने सलाह दी कि मैं ये सब कुछ अपने माता-पिता को बता दूं.”

नम्रता ने पूरी बात अपने घरवालों को बता दी. उसके घरवाले वीसी से मिलने यूनिवर्सिटी पहुंचे. पर वीसी ने कहलवाया कि वो बहुत बिज़ी हैं. इसके बाद नम्रता के परिवारवाले यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से मिले. उन्होंने अपनी शिकायत बताई.

नम्रता कहती हैं:

“पहले तो कॉलेज प्रशासन कोई भी कदम नहीं उठा रहा था. पर हमारे विरोध-प्रदर्शन करने के बाद प्रोफेसर को सस्पेंड किया गया. हम कोनी (बिलासपुर) पुलिस थाने गए जहां हमने अपनी शिकायत लिखवाई. पर पुलिस की तरफ़ से कोई कर्रवाई नहीं की गई है अभी तक. यूनिवर्सिटी वालों ने भी कहा था कि वो एक इंटरनल कमेटी का गठन करेंगे. पर उसका भी पता नहीं क्या हुआ. इन प्रोफेसर ने पहले भी ऐसा किया है. कई लड़कियों के साथ. पर उनके खिलाफ़ कोई एक्शन नहीं लिया गया.”

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(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)

हमने नम्रता के दोस्त विकास (नाम बदल दिया गया है) से भी बात की. प्रवेश अक्सर रात-बेरात उसे फ़ोन करते थे. गालियां देते और धमकाते. एक दिन प्रवेश ने विकास को डिपार्टमेंट में बुलाया. वहां प्रवेश के साथ दो और टीचर्स भी मौजूद थे.

विकास ने हमें बताया:

“प्रोफेसर प्रवेश ने मुझसे कहा कि नम्रता के आसपास भी मत दिखना, नहीं तो तुम्हारा करियर खत्म कर दूंगा. मैं वहां से आ गया. 15 अप्रैल को उन्होंने मुझे फिर से फ़ोन किया. बोला कि नम्रता को मेरे पास भेज दो, तुम्हें फिर यूनिवर्सिटी में कभी कोई दिक्कत नहीं होगी. इसके बाद मैंने उनका फ़ोन उठाना बंद कर दिया. एक दिन उन्होंने मेरे कुछ दोस्तों को मेरे पास भेजा और कहलवाया कि तुम्हें नम्रता ‘भाभी’ बुला रही हैं. (यहां प्रवेश, विकास से ये कहना चाह रहा था कि नम्रता विकास की भाभी है). वो हमारे कुछ दोस्तों के घर रात में ज़बरदस्ती घुस जाते थे. उनसे कहते कि वो मुझे और नम्रता को फ़ोन करें, अपने नंबर से. उन्होंने हमें बहुत परेशान किया. यूनिवर्सिटी से जब शिकायत की तो उन्होंने कहा कि वो एक कमेटी बनाएंगे, पर पता नहीं उसका क्या हुआ. अगर कमेटी बनी भी तो भी अभी तक कोई हमारा बयान लेने नहीं आया.”

हमने इस मामले पर बात करने के लिए प्रोफेसर प्रवेश दलई को फ़ोन किया. पर उनसे हमारा संपर्क नहीं हो पाया.

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(फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)

पुलिस इस मामले में क्या कर रही है, ये जानने के लिए हमने कोनी, बिलासपुर थाने के एसपी चतुर्वेदी से बात की. जब हमने पूछा कि रिपोर्ट लिखवाए हुए इतने दिन हो गए, पुलिस इस मामले में क्या कर रही है, तो उन्होंने कहा:

“हमने समय पर एफ़आईआर लिख ली थी. पर प्रवेश फ़रार है. हम जांच कर रहे हैं. उसे ढूंढने की कोशिश जारी है.”

हमने गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रघुवेंद्र सिंह ठाकुर को भी फ़ोन किया. वो ज़रूरत पड़ने पर लॉ डिपार्टमेंट के हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट का भी रोल निभाते हैं. पर उनसे भी हमारा संपर्क नहीं हो पाया. (पुलिस इस मामले में अभी जांच कर रही है, कोई भी अपडेट आएगा, तो स्टोरी में जोड़ दिया जाएगा.)

जब कोई लड़की यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एडमिशन लेती है तो अच्छी और बेख़ौफ़ कॉलेज लाइफ़ जीने के सपने देखती है. उसे पढ़कर कुछ बनने कि चाह होती है. पर अगर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ही उसका जीना हराम कर देंगे तो वो क्या करेगी?

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