दुनिया की सबसे खतरनाक चुड़ैलें, जिनकी कहानियां सुनकर रातों की नींद उड़ जाती है

जानिए इन चुड़ैलों के पीछे के अर्थ.


अगस्त 16, 2018
सांकेतिक तस्वीर. फ़ोटो क्रेडिट: गूगल इमिजेज़

भूत की कहानियां किसे नहीं पसंद? बचपन में दादी-नानी से सुने किस्से हों याद कंज़ूरिंगजैसी सुपरहिट फ़िल्में, फ़िक्शन में अलौकिक शक्तियों की भूमिका अहम है. किताबों में या पर्दे पर जिन भूत-प्रेतों से हमारी मुलाक़ात होती है, उनकी नींव ज़्यादातर लोककथाओं में होती हैं. साधारणत: हम लोग जिन घटनाओं को समझ नहीं पाते, उन्हें प्रेतात्माओं से जोड़ देते हैं. यही घटनाएं  फिर कहानियां बन जाती हैं जिन्हें सदियों तक दोहराया जाता है.

दुनियाभर में भूत, पिशाच, दानव, चुड़ैल, डायन आदि से सम्बंधित ऐसी कई कथाएं प्रचलित हैं.  हम आपके लिए लाए हैं भारत और अन्य देशों से कुछ अनोखे क़िस्म की प्रेतात्माओं के किस्से. पढ़िए ऐट योर ओन रिस्क क्योंकि अगर आज रात को नींद न आए या बाथरूम जाने में डर लगे तो ऑडनारी ज़िम्मेदार नहीं है.

1. रुसाल्का (रूस)

 

रुसाल्का उन औरतों की भटकती आत्माएं हैं जो अपने वैवाहिक जीवन में सुखी नहीं थीं या पति व ससुरालवालों द्वारा जिनकी हत्या की गई थी. यह  झीलों, तालाबों जैसे जलाशयों में रहती हैं. अपने रूप, आवाज़ और लंबे बालों  से यह पुरुषों को आकर्षित करती हैं. फिर अपने बाल उनके पैरों में लपेटकर उन्हें पानी में डुबो लेती हैं. पानी के नीचे वह अपने शिकार को गुदगुदी करती हैं जब तक वह मर न जाए. रुसाल्का अपने शिकार के पसंद-नापसंद के अनुसार अपना रूप बदलती है.

जून के आरम्भ मेंरुसाल्का वीकमनाया जाता है. माना जाता है कि साल के इस समय रुसाल्का का ख़तरा सबसे ज़्यादा होता है. क्योंकि इसी समय वह पानी से बाहर आकर आसपास के पेड़ों पर बैठकर अपना शिकार खोजती है. इस समय तैरने पर सख़्त मनाही होती है और गांव की औरतें रुसाल्का को ख़ुश करने के लिए पेड़ों पर लहसुन, अगरबत्ती, पिन जैसी सामग्री टांगती हैं.

रुसाल्का की मौत का बदला पूरा हो जाए तो उसे मुक्ति मिल जाती है.

2. कुचीसाके-ओन्ना (जापान)

ओन्नामतलबऔरतऔरकुचीसाकेमतलबचीरा हुआ चेहरा’. यह एक लड़की की आत्मा है जिसका चेहरा चाक़ू से चीर दिया गया था. अपने भयानक चेहरे को नक़ाब से छुपाकर यह आत्मा भटकती रहती है और आसपास के लोगों से पूछती है, ‘क्या मैं सुंदर हूं?’

अगर सामनेवाला न कह दे, उसकी चीर-फाड़कर हत्या कर देती है. अगर हां कहे, नक़ाब हटाकर अपना भयानक चेहरा दिखाकर कहती हैअब?’. अगर इसका जवाबहांहो, वह चाक़ू से उसका चेहरा भी अपने जैसा बना देती है. अगरहो, तो उसका अंग-अंग काट दिया जाता है. मतलब आप जो भी जवाब दें, उसका शिकार होना तय है.

कहा जाता है कि इस आत्मा से बचने के लिए कई तरीक़े अपनाए गए हैं, जैसे उसकी तरफ़ पैसे या खाने की चीज़ फेंककर भाग जाना या उससे कोई कन्फ़्यूज़िंग सवाल पूछना.

3. ला लोरोना (मेक्सिको)

एक गांव में एक बहुत ख़ूबसूरत औरत रहती थी. उसकी शादी एक अमीर आदमी से हुई और दो बच्चे भी हुए. वक़्त बीतता गया और उसे महसूस होने लगा कि पति के साथ रिश्ते में दूरी आने लगी है. फिर एकदिन उसका पति घर नहीं लौटा. बाद में पता चला कि एक दूसरी औरत के साथ अफ़ेयर है.

शोक और गुस्से से पागल हुई वह बच्चों के साथ नदी किनारे गई. बच्चों को पानी में डुबोकर मार दिया और फिर आत्महत्या कर ली. हत्यारा होने के कारण उसे स्वर्ग में एंट्री नहीं मिली और तबसे वह नदी किनारे भटक रही है.

ला लोरोनामतलबरोती हुई औरत’. वह हर पल अपने बच्चों के लिए चीख-चीखकर रोती है. इस नदी के आसपास जाना सख़्त मना है, ख़ासकर बच्चों के लिए. बच्चे देखते ही ला लोरोना उन्हें मारकर अपने साथ ले जाने की कोशिश करती है.

4. साइरन (ग्रीस)

साइरन साइरन
यह विचित्र जीव समुन्दर के पास पाए जाते हैं. सिर औरत का और धड़ पंछी का, यह पेड़ों पे बैठकर अपने मधुर गानों से नाविकों को लुभाते हैं. गाने सुनते सुनते नाविक जहाज़ छोड़कर सुख की नींद में डूब जाता है, तभी साइरन उसके टुकड़े टुकड़े कर उसे खा जाते हैं. माना जाता है कि यह तरह तरह के वाद्ययन्त्र बजाने में भी माहिर हैं.

5. नुरे-ओन्ना (जापान)

नुरे ओन्ना नुरे ओन्ना
नुरे-ओन्ना’ (‘गीली औरत’) नदी में रहती है. इसका धड़ सांप का और सिर औरत का होता है. यह पानी से सिर बाहर निकालकर डूबने का नाटक करती है और मदद के लिए पुकारती है. कोई बेचारा मदद करने चला जाए तो तुरंत उसे अपने शरीर से लपेटकर उसे निगल जाती है. बताओ, जिसकी मदद करने जाएं वह भी जान ले लेता है. भलाई का ज़माना ही नहीं रहा.

6. यक्षी (केरल, भारत)

यक्षी ताड़ के पेड़ पर बैठती है. दिखने में बेहद ख़ूबसूरत है. सफ़ेद साड़ी और गहने पहनती है और बालों में मोगरे के फूल लगाती है जिससे उसके आसपास ख़ुशबू फैली रहेअपनी सुंदरता बरक़रार रखने के लिए उसे जवान मर्दों का ख़ून पीना पड़ता है. वह मर्दों को अपनी ख़ूबसूरती के जाल में फँसाकर उनसे शारीरिक सम्बंध बनाती है और फिर उन्हें मारकर उनका ख़ून पी लेती है. यक्षी और इंसान के शरीर में फ़र्क़ यह होता है कि यक्षी के पैर उल्टे होते हैं.

कहा जाता है कि भगवान का नाम जपने से या मंत्रपाठ करने से यक्षी पास नहीं आती. यक्षी के क़ब्ज़े से छुटकारा पाने के लिए तांत्रिक द्वारा उसे पेड़ पर क़ैद करवाना ज़रूरी है.

7. शांकचुन्नी (बंगाल, भारत)

शांकचुन्नी शांकचुन्नी
यह नवविवाहिता की आत्मा है, जो शादी के कुछ ही दिनों बाद मर चुकी हो. शांकचुन्नी दुल्हन की पोशाक और सोलह सिंगार में इमली के पेड़ पर बैठी रहती है. पेड़ के नीचे से कोई विवाहित औरत गुज़रे तो शांकचुन्नी उसे पेड़ पे क़ैद कर उसका रूप धारण करके उसकी जगह ले लेती है ताकि वैवाहिक जीवन का आनंद ले सके. कहते हैं शांकचुन्नी ज़्यादातर खुले बालोंवाली  औरतों पर हमला करती है जिसकी वजह से औरतों को बाल बांधे बिना घर से निकलने से मना किया जाता है.


अगर आपने ध्यान दिया हो, इन सभी में जो कॉमन है वह यह है कि यह सभी औरतें हैं जिनके जीवन में दर्द, लांछन, और टूटे सपनों के सिवा कुछ नहीं था. ऐसे किस्से पढ़कर लगता है कि यह महज़ कहानियां नहीं बल्कि विभिन्न सभ्यताओं की सामाजिक स्थिति का एक चित्रण भी हैं. बंगाल हो या मेक्सिको, महिलाओं का शोषण हर जगह सदियों से चलता आ रहा हैं.

हमें लगता है कि लड़कियां या तो 'अच्छी' या 'बुरी' होती हैं. 'अच्छी' औरतें करुणा, त्याग, और ममता की प्रतिमूर्ति होती हैं. उन्हें देवी बनाकर उनकी आरती उतारी जाती है और माता, बहन, पत्नी का सम्मान दिया जाता है. वह देखने में सुंदर होती हैं. 'शालीन' पोशाक पहनती हैं. आज्ञाकारी होती हैं. कम बोलती हैं. वहीं 'बुरी' औरतें बेबाक़ हैं. ख़ुदगर्ज़ हैं. ज़ोर ज़ोर से हंसती हैं . धूल उड़ाती हुई चलती हैं. उनके बाल बिखरे हैं. दांत टेढ़े हैं. आवाज़ कर्कश है. इसलिए वह चुड़ैलें हैं. वहचुड़ैलें' इसलिए हैं क्योंकि वह 'देवियां'  नहीं हैं. इसीलिए वे लांछन, प्रताड़ना, बहिष्कार, और हत्या के ही योग्य हैं.

भारत को महिलाओं के लिए असुरक्षित जगह है, इसके लिए कोई सर्वे करने की जरूरत नहीं है.  यहां हर तीसरी औरत शारीरिक, मानसिक, या यौन शोषण की शिकार है. चरित्र हनन तो अलग ही मुद्दा है. आज भी भारत के 12 राज्यों में 'विच हंटिंग' (चुड़ैल का दर्जा देकर महिलाओं की हत्या) का प्रचलन है. नैशनल क्राइम रेकर्ड्ज़ ब्युरो के अनुसार झारखंड में 2010 और 2012 के बीच विच हंटिंग की 77 घटनाएं हो चुकी थीं, जिनमें से सिर्फ़ 9 पर कम्प्लेंट दर्ज हुआ था. हमारे देश में हर तीन दिन में एक व्यक्ति की विच हंटिंग के नाम पर हत्या होती है. पीड़ितों पर झूठे आरोप लगाकर उनकी हत्या की जाती है और इसके पीछे मोटिव यही है कि उनसे उनके अधिकार और उनकी आज़ादी छीने जाएं.

जिन प्रेतात्माओं का उल्लेख किया गया है, हक़ीक़त में उनका अस्तित्व शायद न हो. लेकिन महिलाओं का उत्पीड़न एक गम्भीर मुद्दा है. मनगढ़ंत होने के बावजूद भी इन क़िस्सों में काफ़ी हक़ीक़त है.

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group