दुनिया की सबसे खतरनाक चुड़ैलें, जिनकी कहानियां सुनकर रातों की नींद उड़ जाती है
जानिए इन चुड़ैलों के पीछे के अर्थ.
भूत की कहानियां किसे नहीं पसंद? बचपन में दादी-नानी से सुने किस्से हों या ‘द कंज़ूरिंग’ जैसी सुपरहिट फ़िल्में, फ़िक्शन में अलौकिक शक्तियों की भूमिका अहम है. किताबों में या पर्दे पर जिन भूत-प्रेतों से हमारी मुलाक़ात होती है, उनकी नींव ज़्यादातर लोककथाओं में होती हैं. साधारणत: हम लोग जिन घटनाओं को समझ नहीं पाते, उन्हें प्रेतात्माओं से जोड़ देते हैं. यही घटनाएं फिर कहानियां बन जाती हैं जिन्हें सदियों तक दोहराया जाता है.
दुनियाभर में भूत, पिशाच, दानव, चुड़ैल, डायन आदि से सम्बंधित ऐसी कई कथाएं प्रचलित हैं. हम आपके लिए लाए हैं भारत और अन्य देशों से कुछ अनोखे क़िस्म की प्रेतात्माओं के किस्से. पढ़िए ऐट योर ओन रिस्क क्योंकि अगर आज रात को नींद न आए या बाथरूम जाने में डर लगे तो ऑडनारी ज़िम्मेदार नहीं है.
1. रुसाल्का (रूस)
जून के आरम्भ में ‘रुसाल्का वीक’ मनाया जाता है. माना जाता है कि साल के इस समय रुसाल्का का ख़तरा सबसे ज़्यादा होता है. क्योंकि इसी समय वह पानी से बाहर आकर आसपास के पेड़ों पर बैठकर अपना शिकार खोजती है. इस समय तैरने पर सख़्त मनाही होती है और गांव की औरतें रुसाल्का को ख़ुश करने के लिए पेड़ों पर लहसुन, अगरबत्ती, पिन जैसी सामग्री टांगती हैं.
रुसाल्का की मौत का बदला पूरा हो जाए तो उसे मुक्ति मिल जाती है.
2. कुचीसाके-ओन्ना (जापान)
अगर सामनेवाला न कह दे, उसकी चीर-फाड़कर हत्या कर देती है. अगर हां कहे, नक़ाब हटाकर अपना भयानक चेहरा दिखाकर कहती है ‘अब?’. अगर इसका जवाब ‘हां’ हो, वह चाक़ू से उसका चेहरा भी अपने जैसा बना देती है. अगर ‘न’ हो, तो उसका अंग-अंग काट दिया जाता है. मतलब आप जो भी जवाब दें, उसका शिकार होना तय है.
कहा जाता है कि इस आत्मा से बचने के लिए कई तरीक़े अपनाए गए हैं, जैसे उसकी तरफ़ पैसे या खाने की चीज़ फेंककर भाग जाना या उससे कोई कन्फ़्यूज़िंग सवाल पूछना.
3. ला लोरोना (मेक्सिको)
शोक और गुस्से से पागल हुई वह बच्चों के साथ नदी किनारे गई. बच्चों को पानी में डुबोकर मार दिया और फिर आत्महत्या कर ली. हत्यारा होने के कारण उसे स्वर्ग में एंट्री नहीं मिली और तबसे वह नदी किनारे भटक रही है.
‘ला लोरोना’ मतलब ‘रोती हुई औरत’. वह हर पल अपने बच्चों के लिए चीख-चीखकर रोती है. इस नदी के आसपास जाना सख़्त मना है, ख़ासकर बच्चों के लिए. बच्चे देखते ही ला लोरोना उन्हें मारकर अपने साथ ले जाने की कोशिश करती है.
4. साइरन (ग्रीस)
5. नुरे-ओन्ना (जापान)
6. यक्षी (केरल, भारत)
कहा जाता है कि भगवान का नाम जपने से या मंत्रपाठ करने से यक्षी पास नहीं आती. यक्षी के क़ब्ज़े से छुटकारा पाने के लिए तांत्रिक द्वारा उसे पेड़ पर क़ैद करवाना ज़रूरी है.
7. शांकचुन्नी (बंगाल, भारत)
अगर आपने ध्यान दिया हो, इन सभी में जो कॉमन है वह यह है कि यह सभी औरतें हैं जिनके जीवन में दर्द, लांछन, और टूटे सपनों के सिवा कुछ नहीं था. ऐसे किस्से पढ़कर लगता है कि यह महज़ कहानियां नहीं बल्कि विभिन्न सभ्यताओं की सामाजिक स्थिति का एक चित्रण भी हैं. बंगाल हो या मेक्सिको, महिलाओं का शोषण हर जगह सदियों से चलता आ रहा हैं.
हमें लगता है कि लड़कियां या तो 'अच्छी' या 'बुरी' होती हैं. 'अच्छी' औरतें करुणा, त्याग, और ममता की प्रतिमूर्ति होती हैं. उन्हें देवी बनाकर उनकी आरती उतारी जाती है और माता, बहन, पत्नी का सम्मान दिया जाता है. वह देखने में सुंदर होती हैं. 'शालीन' पोशाक पहनती हैं. आज्ञाकारी होती हैं. कम बोलती हैं. वहीं 'बुरी' औरतें बेबाक़ हैं. ख़ुदगर्ज़ हैं. ज़ोर ज़ोर से हंसती हैं . धूल उड़ाती हुई चलती हैं. उनके बाल बिखरे हैं. दांत टेढ़े हैं. आवाज़ कर्कश है. इसलिए वह चुड़ैलें हैं. वह ‘चुड़ैलें' इसलिए हैं क्योंकि वह 'देवियां' नहीं हैं. इसीलिए वे लांछन, प्रताड़ना, बहिष्कार, और हत्या के ही योग्य हैं.
भारत को महिलाओं के लिए असुरक्षित जगह है, इसके लिए कोई सर्वे करने की जरूरत नहीं है. यहां हर तीसरी औरत शारीरिक, मानसिक, या यौन शोषण की शिकार है. चरित्र हनन तो अलग ही मुद्दा है. आज भी भारत के 12 राज्यों में 'विच हंटिंग' (चुड़ैल का दर्जा देकर महिलाओं की हत्या) का प्रचलन है. नैशनल क्राइम रेकर्ड्ज़ ब्युरो के अनुसार झारखंड में 2010 और 2012 के बीच विच हंटिंग की 77 घटनाएं हो चुकी थीं, जिनमें से सिर्फ़ 9 पर कम्प्लेंट दर्ज हुआ था. हमारे देश में हर तीन दिन में एक व्यक्ति की विच हंटिंग के नाम पर हत्या होती है. पीड़ितों पर झूठे आरोप लगाकर उनकी हत्या की जाती है और इसके पीछे मोटिव यही है कि उनसे उनके अधिकार और उनकी आज़ादी छीने जाएं.
जिन प्रेतात्माओं का उल्लेख किया गया है, हक़ीक़त में उनका अस्तित्व शायद न हो. लेकिन महिलाओं का उत्पीड़न एक गम्भीर मुद्दा है. मनगढ़ंत होने के बावजूद भी इन क़िस्सों में काफ़ी हक़ीक़त है.
लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे