पैसेंजर को जब पता चला पायलट एक औरत है,तो भद्दी बात कह डाली

आसमान में उड़ने चले हैं,सोच पाताल में गिरी मिली

पूरे विश्व में सबसे अधिक महिला पायलेट्स इंडिया में ही हैं.इसके बावजूद उन्हें भेद-भाव का सामना करन

शार्लेट ब्रिटेन की रहने वाली हैं. और पेशे से पायलट हैं. बीते 22 मई को उन्होंने एक ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने लिखा-

“मेरा करियर मेरा सपना है, हमेशा से रहा है. मैं हमेशा से वैसी महिलाओं को प्रेरित करना चाहती थी, जो आगे चलकर पायलट बनने का सपना देखती हैं. खासकर आने वाली पीढ़ी को. ताकि लोगों की यह जो मानसिकता है कि पायलट जैसा पेशा केवल पुरुषों के लिए बना है, वो बदले. मेरा काम या यूं कहें कि मेरी जॉब एक पायलट के अलावा लोगों की इस सोच को बदलना भी है.”

आमतौर पर जो महिलाएं पायलट होती हैं, उन्हें ऐसी मानसिकता रखने वाले लोगों का सामना करना पड़ता है. शार्लेट के साथ भी ऐसा ही हुआ था, इस ट्वीट के पहले अपने एक ऐसे ही अनुभव को उन्होंने ट्विटर पर साझा किया था. हांलाकि यह ट्वीट पढ़कर आप ऐसी मानसिकता रखने वाले लोगों को जितना कोसेंगे, उससे ज़्यादा इस पर शॉर्लेट के रिप्लाई को सराहेंगे.

शार्लेट ने अपने ट्वीट में कहा,

"आज का दिन एक क्रू के साथ बहुत ही बेहतरीन दिन रहा.

हैरानी हो रही है कि आखिर उन दो मर्द पैसेंजर्स को ये कमेंट्स ज़रूरी क्यों लगे?

‘मैं फिर किसी भी महिला ड्राइवर्स पर जोक नहीं बनाऊंगा’

क्या तुम ही पायलट हो ? अगर मुझे इस बात का पता होता तो मैं इस फ्लाइट में सफ़र नहीं करता.

फैक्ट ये है कि मैं 80 मिलियन पाउंड की जेट भी उड़ा सकती हूं, लेकिन तुम नहीं उड़ा सकते".

ट्वीट से अगर आप इस पूरी बात को नहीं समझ पाएं, तो आपको बता दूं कि बतौर पायलट एक दिन शार्लेट फ्लाइट में थीं. एक महिला पायलट को फ्लाइट उड़ाते देख प्लेन में सवार पैसेंजर्स में से दो ने उन पर टिप्पणियां की. वही सेक्सिस्ट टिप्पणियां जो अकसर महिला ड्राइवर्स पर की जाती हैं. उन दो मर्दों में से एक ने उन्हें देखकर कहा-‘आज के बाद मैं किसी भी महिला ड्राइवर्स पर जोक नहीं बनाऊंगा’वहीं दूसरे ने उनसे ये पूछा,क्या तुम ही पायलेट हो? अगर मुझे इस बात का पता होता तो मैं इस फ्लाइट में सफर नहीं करता. जिसका शैरेट ने दिलचस्प जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मैं 80 मिलियन पाउंड की जेट भी उड़ा सकती हूं,लेकिन तुम नहीं उड़ा सकते.

शैरेट ने इस घटना को लेकर और भी कई ट्वीट्स किएं. जिसमें उन्होंने लिखा कि इस तरह के मज़ाक की वो आदी हो चुकी हैं. इसीलिए इस टिप्पणी पर उनका रिएक्शन प्रोफेशनल ही होना था . प्रोफेशनल यानी की हंसते हुए उनसे पूछना कि क्या आप फ्लाइट एंजवॉय कर रहे हैं? लेकिन उन्हीं की क्रू मेम्बर्स में से एक ने जब इस पर गुस्सा ज़ाहिर किया तो शैरेट भी यह सोचने पर मजबूर हो गयीं कि हम हमेशा ऐसी चीज़ों को नॉर्मली क्यों लेते हैं? यही एट्टीट्यूड औरतों को ऐसे पेशे में जाने से रोकती है. जिसमें मर्दों की बहुलता होती है. आपको बता दें कि ब्रिटेन में केवल 6% ही महिला पॉयलट हैं.

ब्रिटेन में केवल 6% महिला पॉयलट हैं. ब्रिटेन में केवल 6% महिला पॉयलट हैं.

वहीं अगर अपने देश भारत की बात करें तो पूरे विश्व में सबसे ज़्यादा (12%) महिला पायलट भारत में ही हैं. कुल दस हजार पॉयलट में से 1,200 महिलाएं हैं. लेकिन आंकड़ों से तस्वीर नहीं बदल जाती. सूरत हर जगह यही है कि महिला पायलटों को ऐसी टिप्पणियों का सामना करना ही पड़ता है. चाहे भारत हो या ब्रिटेन.क्योंकि यह किस्सा ब्रिटेन का है. इसीलिए शायद आप इससे उतना जुड़ाव ना महसूस कर पाएं. लेकिन जब हम आपको ये बताएंगे कि हमारे देश की जो पहली महिला पायलट थीं उनके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था तो इस मुद्दे की गंभीरता को आप ज़्यादा समझ पाएंगे.

महिला पॉयलटों के साथ भेद-भाव केवल एवियेशन इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है. महिला पॉयलटों के साथ भेद-भाव केवल एवियेशन इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है.
वो साल 1956 था. जब देश को पहली महिला पायलट के तौर पर डुर्बा बनर्जी मिलीं. लेकिन डुर्बा जब पहली बार तत्कालीन सिविल एवियेशन मंत्री(नागरिक उडड्यन मंत्री) हुमांयू कबीर से मिलीं. और कॉमर्शियल पायलट के लिए अपना आवेदन देने की बात कही. तो उनसे कहा गया कि तुम फ्लाइट अटेंडेंट के लिए अप्लाई करो.पायलट के लिए नहीं. वहीं दिल्ली की रहने वाली कैप्टन अनुश्री वर्मा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि महिला पायलटों के साथ भेद-भाव केवल एवियेशन इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है. बाहर के लोग भी आपको प्लेन उड़ाने के लायक नहीं समझते. एयरपोर्ट के बाहर खड़े कैब ड्राइवर हों या पैसेंजर्स सब आपको क्रू-मेम्बर या को-पायलट समझ लेते हैं. पायलट तो कोई सोचता ही नहीं.

 

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