अरेंज्ड मैरिज के लिए लड़का खोज रही एक लड़की की आपबीती

27 की उम्र पार करती लड़की के मां-बाप का उसके लिए बदहवास लड़का खोजना, दुनिया का सबसे बड़ा सच है.

ऑडनारी ऑडनारी
जनवरी 08, 2019
सांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Reuters

ये स्टोरी मूलतः अंग्रेजी वेबसाइट डेली ओ पर छपी थी. हम वेबसाइट की इजाज़त से इसका हिंदी अनुवाद आपको पढ़वा रहे हैं.


लेखिका एक छोटे शहर से आती है पर नौकरी एक बड़े शहर में करती है. और इसलिए उसके रूप जगह के मुताबिक़ हॉलीवुड और बॉलीवुड की नायिकाओं के बीच झूलता है. लेखिका के माता-पिता वैसे बहुत खुली सोच वाले हैं. पर मसला शादी का हो तो अमरीश पुरी हैं. उनकी कृपा और खुद की उलझनों के चलते लेखिका फिलहाल अरेंज्ड मैरिज एक्सपेरिमेंट के बीच है. उसने अपनी पहचान गुप्त रखी है. क्योंकि आगे जिन लोगों का वो मजाक उड़ाने वाली है, वैसा ही एक लड़का उसे पसंद भी करना है.

सूरज का निकलना. और 27 की उम्र पार करती लड़की के मां-बाप का उसके लिए बदहवास लड़का खोजना, दुनिया के सबसे बड़े सच हैं. 27 वो उम्र है जब 'सिंगलत्व' का इलाज इस तरह खोजना शुरू कर दिया जाता है, जैसे ये कोई जानलेवा बीमारी हो.

gettyimages-162417356_010819074728.jpgसांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Getty Images

लेखिका को आजकल लगातार फोन नंबर और फोटो दिए जा रहे हैं. पिताजी की भूमिका शुद्ध जाति-परख टिंडर की है.

इस लड़की ने साल 2018 अरेंज्ड मैरिज की राहों पर ठोकर खाते बिताया है. और आपके लिए लेकर आई है अपने अनुभव.

चट्टू लड़कों का बदला

अरेंज्ड मैरिज एक ऐसी जगह है, जहां हर चट्टू लड़के को न्याय मिलता है. जिस तरह के लड़कों को आपने पूरी स्कूल लाइफ इग्नोर किया. क्योंकि वो पढ़ाकू, बोरिंग और भोंदू लगते है, अब हॉट प्रॉपर्टी बन चुके हैं. उन्होंने IIT-IIM पास कर मोटी नौकरियां पा ली हैं. हाई स्कूल वाला अभिषेक, जो मोनिका के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था, आज दसियों मोनिकाओं को रिजेक्ट कर रहा है! समय का कोड़ा देर से पड़ता है बहनों. पर पड़ता जोर का है!

gettyimages-511409947_010819074741.jpgसांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Getty Images

किताबें बहुत सी पढ़ी होंगी तुमने, लिटरली

हमारा एजुकेशन सिस्टम लड़कों पर बहत भारी पड़ता है. आठवीं क्लास से ही अभिषेक पर IIT या AIIMS एग्जाम निकालने का ऐसा प्रेशर बना दिया जाता है. कि वो और कुछ कर ही नहीं पाते. आज अभिषेक के पास फाड़ टाइप की डिग्री तो है. पर कोई हॉबी नहीं है. उसने कभी अपने शौक या पर्सनालिटी पर काम ही नहीं किया. आज उसके पास लड़की से मिलने पर बात करने को कुछ है ही नहीं.

चूंकि वो खुद के बारे में सोच सके, इस बात का वक़्त उसे कभी दिया नहीं गया, वो सवाल करने का आदी नहीं है.

gettyimages-524188926_010819074802.jpgसांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Getty Images

सब यहां हैशटैग वॉन्डरलस्ट हैं

कई लड़कों ने कहा कि उन्हें ट्रेवलिंग पसंद है. उनसे पूछा कि फलां जगह जाना पसंद करोगे. तो कोई जवाब नहीं मिला. अपने बायो डाटा में ट्रेवलिंग लिखना आसान है. किताबें पढ़ना, स्पोर्ट्स, इन सबके लिए मेहनत और बैकग्राउंड चाहिए. पर ट्रेवलिंग के लिए 'छुट्टी बिताने के लिए 10 जगहें' टाइप का कोई भी आर्टिकल पढ़कर ज्ञान जुटाया जा सकता है. फिर #MountainsAreCalling के साथ तस्वीरें डाली जा सकती हैं.

'ये जवानी है दीवानी' का 'बनी' उनका आदर्श है

सब लड़के कहते हैं कि एक दिन सबकुछ छोड़ कर पहाड़ों पर चले जाना चाहते हैं. या खुद की खोज में अकेले घूमना चाहते हैं. प्यारे लड़कों, ये तुम्हारे लिए अच्छा आईडिया है. तुम्हारी होने वाली पत्नी के लिए नहीं. तुम मोह-माया त्यागना एंड ऑल दैट करने वाले हो. पत्नी घर अकेले चलाएगी क्या?

gettyimages-535002706_010819074813.jpgसांकेतिक तस्वीर. फोटो क्रेडिट- Getty Images

और एक बीमारी जो लगभग हर लड़के को है

कंठ फूटने से पहले लड़कों को ये सिखा दिया जाता है कि भविष्य में अपने परिवार के फैसले लेने वाले वो होंगे. बातों-बातों में कहते हैं, 'मैं अपनी पत्नी को नौकरी करने की इजाज़त ज़रूर दूंगा'. ओ भाई, तू कौन है इजाज़त देने वाला? तुझे काम करने के पहले मुझसे इजाज़त लेनी पड़ती है क्या? उनको अगर ये ज़रा सी बात समझाने की कोशिश करो तो हर्ट हो जाते हैं. और समझाते हैं कि आपने महिला अधिकारों को गलत समझ लिया है.

अरेंज मैरिज का ये बाज़ार खुशनुमा नहीं है. बल्कि एक आग का दरिया है. और डूब के जाना है. ये दरिया पार होगा, इसी उम्मीद के साथ 2019 में कदम रखा है.

 

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