क्या अस्पताल के गोरखधंधे पर सवाल उठाने की वजह से मार दी गईं डॉक्टर आस्था मुंजाल?
रात के 12:18 बजे क्या हुआ डॉक्टर आस्था के केबिन में
‘पापा, मैं और उदित आपके साथ कल शाम डिनर करेंगे’
ये आखिरी टेक्स्ट था डॉक्टर आस्था मुंजाल का, जो उन्होंने अपने पापा को भेजा.
डॉक्टर आस्था मुंजाल पंजाबी बाघ के महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल में आईसीयू इंचार्ज थीं. शनिवार को शाम 4.15 बजे अपने घर से हॉस्पिटल के लिए निकली थीं. 10.45 बजे अपने पति से बात की. अगले यानी रविवार की सुबह उनके केबिन में उनकी डेड बॉडी मिली.
तस्वीर: फेसबुक
डॉक्टर आस्था मुंजाला ने कुछ महीने पहले ही ये अस्पताल जॉइन किया था. उनके परिवार के सदस्य जितेन्द्र हरजाई ने मीडिया को बताया कि आस्था के हॉस्पिटल के लोगों से कई नैतिक मुद्दों पर मतभेद थे. उन्होंने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल वाले ब्रेन डेड पेशेंट्स को जानबूझकर वेंटिलेटर पर काफी समय तक रखते हैं. आस्था ने इस पर सवाल उठाए थे. यही नहीं, हॉस्पिटल ने तथाकथित रूप से अपने डॉक्टर्स को सरकारी अस्पताल से स्वाइन फ़्लू की वैक्सीन लेने के लिए कहा था. इसका आस्था ने विरोध किया था. इन सभी वजहों से सीनियर्स के साथ उसकी बहस हुई थी, और इस विवाद की वजह से उसकी हत्या हुई, ऐसा हरजाई ने मीडिया को बताया.
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पुलिस के हाथ इस मामले में जो सीसीटीवी फुटेज लगा है, उसमें रात के 12:18 मिनट पर आस्था अपने केबिन में जाते हुए दिखती हैं. उनके जाते ही कमरे की लाइट ऑफ हो जाती है. कमरा अन्दर से बंद था. सुबह 4:30 बजे उनके कमरे पर नॉक किया गया. जब दरवाज़ा नहीं खुला तब गार्ड्स ने उसे तोड़ डाला. अन्दर डॉक्टर आस्था की लाश पड़ी हुई थी. उनके बाएं हाथ में सिरिंज घुसी हुई थी. कमरे में दवा की तीन शीशियां, और एक और सिरिंज पड़ी हुई थी. कोई सुसाइड नोट बरामद होने की बात नहीं बताई गई है. ये सारी जानकारी DCP वेस्ट मोनिका भारद्वाज ने दी.
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डॉक्टर आस्था के परिवारवालों और दोस्तों ने इस मामले में कहा है कि आस्था की हत्या की गई है. ये कहा गया कि जिस दवा की शीशियां आस्था के कमरे में मिलीं उसके पांच एमएल की डोज़ में ही कोई भी बेहोश हो सकता है. इतनी दवा खुद आस्था अपने आप में इंजेक्ट नहीं कर सकतीं. उनकी बाईं कलाई पर जोर जबरदस्ती के भी निशान थे. अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर आस्था की डेड बॉडी जब मिली, तब आंख, कान और नाक से खून निकल रहा था.
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शव का पोस्टमॉर्टेम अभी हुआ नहीं है. मंगलवार तक इसके हो जाने की बात कही जा रही थी. पोस्टमॉर्टेम के बाद इस मामले में कोई भी जांच आगे बढ़ेगी. अस्पताल का वो कमरा सील किया गया है. आस्था के परिवार और दोस्तों ने मिलकर चेंज डॉट ऑर्ग पर पेटिशन डाली है ताकि डॉक्टर आस्था मुंजाल को इन्साफ मिल सके. पुलिस का कहना है कि अस्पताल में हैरेसमेंट वाले एंगल को लेकर अभी तक कुछ निश्चित रूप से कहा नहीं जा सकता, हालांकि आस्था के परिवार वालों ने इस बाबत पुलिस को बताया ज़रूर है. आस्था ने अपने साथ के ही एक डॉक्टर से शादी की थी, नवम्बर 2017 में. आस्था के पति ईस्ट दिल्ली में प्रैक्टिस करते हैं. आस्था के पति को लेकर उनके घरवालों ने कोई शक या शुबहा पेश नहीं किया है. लेकिन चूंकि उनकी शादी को अभी सात साल से कम समय हुआ है, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट इस मौत की जांच करेंगे.
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