सरकार मुफ्त में औरतों को ये गर्भनिरोधक इंजेक्शन लगवाकर बहुत बड़ी गलती कर रही है

DMPA नाम का ये इंजेक्शन फ़िलहाल हरियाणा में औरतों को लगाया जा रहा है.

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
अक्टूबर 25, 2018
ये सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह है. फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर

अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने का ज़िम्मा हमेशा औरत पर ही होता है. उसे कभी पिल खानी पड़ती है. कभी गर्भनिरोधक गोलियां लेनी पड़ती है. तो कभी गर्भनिरोधक इंजेक्शन लगवाने पड़ते हैं. गर्भनिरोधक इंजेक्शन हिंदुस्तान में अभी नए-नए आए हैं. मतलब 2017 में. सरकार ने इन्हें मिशन परिवार विकास योजना के तहत निकाला था. ताकि देश की आबादी पर थोड़ी रोक लग सके. इसलिए ये इंजेक्शन बिल्कुल मुफ्त हैं.

हरियाणा में एक जगह है- मेवात. एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक औरतें यहां आकर ये इंजेक्शन लगवाती हैं. हर महीने 30 से 40 औरतें यहां आती हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि औरतें ये इंजेक्शन अपने परिवार को बिना बताए लगवाती हैं. इसे वीमेन एम्पावरमेंट का एक बड़ा क़दम माना जा रहा है. ख़ासतौर पर इसलिए क्योंकि ये इंजेक्शन लगवाने से पहले औरतों को अपने पतियों की परमिशन लेना ज़रूरी नहीं है. उनका शरीर है. इसलिए उसके साथ क्या करना है, उसका फ़ैसला भी उनका होना चाहिए.

सही बात. बल्की बढ़िया बात है. तो इसलिए हमनें सोचा कि इस इंजेक्शन के बारे में और पता करना चाहिए. आख़िर सारी औरतों को इसके बारे में जानकारी होना ज़रूरी है.

ये इंजेक्शन आख़िर है क्या?

इस इंजेक्शन का नाम है Deoxymedroxy progesterone acetate. इसके और भी कई नाम हैं जैसे Depot medroxyprogesterone acetate (DMPA). नाम अनेक पर काम एक. प्रेग्नेंसी रोकना. ये इंजेक्शन 12 हफ़्तों तक प्रेग्नेंसी रोक सकता है. अगर कोई औरत DMPA लगवाना चाहती है तो उसे हर तीन महीने में ऐसा करना पड़ेगा.

DMPA इंजेक्शन काम कैसे करता है?

डॉक्टर कुसुम राय हेल्थकेयर क्लिनिक, दिल्ली , में एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं. वो बताती हैं:

“हमारी ओवरीज़ एक तरह का हॉर्मोन बनाती हैं. उसका नाम है प्रोजेस्टेरॉन. गर्भाशय का जो निचला हिस्सा होता है उसे सरविक्स कहते हैं. उसकी सतह पर एक बलग़म-नुमा चीज़ होती है. इस हॉर्मोन की वजह से बलग़म-नुमा परत और मोटी होती जाती है. और इस वजह से स्पर्म गर्भाशय के अंदर नहीं आ पता और अंडे से मिल नहीं पता. यही चीज़ किसी औरत को प्रेगनेंट होने से रोकती है. DMPA भी ठीक ऐसे ही काम करता है.”

2_102518071831.jpgइस इंजेक्शन का नाम है Deoxymedroxy progesterone acetate. (फ़ोटो कर्टसी: Pixabay)

पर अब सबसे ज़रूरी बात.

क्या ये इंजेक्शन सेफ़ हैं?

जवाब है नहीं. ये बिल्कुल भी सेफ़ नहीं है. तो सरकार अगर वीमेन एम्पावरमेंट के नाम पर इन इंजेक्शनों को मुफ़्त बांट रही है तो कोई बहुत अच्छा काम नहीं कर रही. वो भले ही बोलें कि DMPA से सेहत को कोई नुक्सान नहीं है, पर डॉक्टर इस बात से इत्तफ़ाक नहीं रखते.

जैसे की हमनें आपको बताया था. DMPA हिंदुस्तान में 2017 में आया था. पर जिन देशों में ये पहले से मौजूद है, वहां इसे लेकर बहुत कंट्रोवर्सी रही है. वो इसलिए क्योंकि DMPA की वजह से कई दिक्कतें हो सकती हैं. जैसे ब्रेस्ट कैंसर, प्रेगनेंट होने में दिक्कत, और ऑस्टियोपोरोसिस. मतलब हड्डियों का कमज़ोर हो जाना. अगर आप इतना सुनकर डर गईं तो अभी रुक जाइए. आगे और है.

ये इंजेक्शन भले ही बाकी गर्भनिरोधक गोलियों से सस्ता हो, पर ये सेहत के लिए काफ़ी ख़तरनाक है. डॉक्टर लवलीना नादिर दिल्ली में स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं. वो बताती हैं कि DMPA के कई साइड इफ़ेक्ट हैं. जैसे हैवी ब्लीडिंग, सरदर्द, पीरियड्स न होना, डिप्रेशन, एंग्जायटी वगैरह-वगैरह.

डॉक्टर अनुभा सिंह शान्त फर्टिलिटी सेंटर, नई दिल्ली में स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं. वो भी डॉक्टर लवलीना नादिर से सहमत हैं. वो कहती हैं:

“अगर ये इंजेक्शन ज़्यादा लगातार लिए गए, तो काफ़ी नुकसान हो सकता है. हैवी ब्लीडिंग के साथ-साथ हड्डियां भी बहुत कमज़ोर हो जाती हैं. कुछ औरतों में ये ठीक हो सकता है. पर कुछ में नहीं. एक बार हड्डियां कमज़ोर हो गईं तो दुबारा मजबूत नहीं हो सकतीं. ऐसे औरतों को तो ये इंजेक्शन बिल्कुल नहीं लेने चाहिए. अव्वल तो यंग औरतों को ये इंजेक्शन लेने ही नहीं चाहिए. और उनको भी जिन्हें मीनोपॉज होने वाला है. 50 साल से ऊपर की औरतों को भी ये इंजेक्शन नहीं लगवाने चाहिए. मैं तो कहूंगी कि DMPA को आखिरी रास्ते की तरह देखना चाहिए. पहला नहीं.”

1_102518072005.jpgये इंजेक्शन भले ही बाकी गर्भनिरोधक गोलियों से सस्ता हो, पर ये सेहत के लिए काफ़ी ख़तरनाक है. (फ़ोटो कर्टसी: हेल्थकेयर.com)

DMPA के क्या-क्या साइड इफेक्ट हैं?

कुछ तो बहुत ही आम हैं. जैसे:

-सिर दर्द

-पेट दर्द

-चक्कर

-हर वक्त नर्वस रहना

-सेक्स करने का मन न करना

कुछ इतने आम नहीं हैं. वो हैं:

-वज़न बढ़ना

-दाने निकलना

-सूजन

-नींद ना आना

-जोड़ों में दर्द होना

-उल्टी आना

-ब्रेस्ट में दर्द होना

-बाल झड़ना

-और डिप्रेशन

3_102518072056.jpgजिन औरतों के पास पैसे नहीं होते, वो सेफ़ गर्भनिरोधक नहीं ख़रीद पातीं. (फ़ोटो कर्टसी: Reuters)

अगर DMPA के इतने ही नुकसान हैं तो इसे हिंदुस्तान में इस्तेमाल क्यों करते हैं?

इसका जवाब छुपा है 2015 और 2016 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में. उसके मुताबिक 12.9% औरतें किसी भी तरह का गर्भनिरोधक इस्तेमाल नहीं कर पातीं. हिंदुस्तान में जन्म के दौरान और जन्म के बाद कई औरतों की मौत हो जाती है. मतलब हर 100,000 जन्म में 174 औरतों की मौत होती है. और ये आकड़ा दुनिया में सबसे ज़्यादा है.

जिन औरतों के पास पैसे नहीं होते, वो सेफ़ गर्भनिरोधक नहीं ख़रीद पातीं. वो महंगे इसलिए होते हैं क्योंकि उनका बुरा असर सेहत पर नहीं पड़ता. इसलिए ये औरतें ऐसे फ़्री इंजेक्शन लेने पर मजबूर हो जाती हैं. और ऐसे ही DMPA जैसे इंजेक्शन हिंदुस्तान में अपने लिए एक मार्किट बना चुके हैं.

WHO भी DMPA के ख़तरे से अनजान नहीं है

यूनाइटेड नेशंस ने 2017 में एक रिसर्च की थी. उसका नाम था ‘Hormonal contraceptive eligibility for women at high risk of HIV 2017’. इस रिसर्च का मकसद था अलग-अलग गर्भनिरोधक तरीकों को जांचना. ये देखना कि उनमें से कौन सा सेफ़ हैं और कौन सा नहीं. कुछ समय पहले DMPA को सेफ़ कहा गया था. पर अब इसे ख़तरे के दायरे में डाल दिया गया है. मतलब ये इंजेक्शन लगवाना सेहत के लिए हानिकारक है.

तो इतना तो समझ में आ गया है कि DMPA औरतों के लिए नुकसानदेह है. सिर्फ़ सस्ते के चक्कर में सरकार को औरतों की ज़िंदगी को दाव पर नहीं लगवाना चाहिए.

 

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