जानिए ये औरतें कैसे मना रही हैं दिवाली

किसने कहा कि घर से दूर रहकर दिवाली नहीं मन सकती ?

लालिमा लालिमा
नवंबर 06, 2018
प्रतीकात्मक तस्वीर- रॉयटर्स

घर बहूत दूर है, दिल्ली से. 1000 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर. ऐसे में घर जाने के लिए लंबी छुट्टी लेनी पड़ती है. जाने-आने में भी तो दो-तीन दिन लग जाते हैं न. अब हर त्योहार पर तो छुट्टी मिल नहीं सकती, इस कारण मेरी दिवाली दिल्ली में ही मन रही है. आप कह सकती हैं कि ऑफिस में ही मन रही है. पहले थोड़ा बुरा लग रहा था, लेकिन अब सब बढ़िया है. मैंने तैयारी कर ली है, दिवाली मनाने की. उन दोस्तों के साथ मनाऊंगी, जो मेरे जैसे हैं. यानी जो मेरी तरह घर नहीं जा सके.

rtr3a0md_110618095937.jpgप्रतीकात्मक तस्वीर- रॉयटर्स

मुझे तो पता है कि मेरी दिवाली कैसी होगी. लेकिन ऑफिस में काम करते-करते दिमाग में आया, कि कुछ दूसरी औरतों से भी थोड़ा आइडिया ले लूं- दिवाली स्पेशल बनाने का. तो चार औरतों से बात की. पूछा कि वो 2018 वाली दिवाली कैसे मनाएंगी, क्या प्लान्स हैं, कैसी तैयारी है, दिवाली क्यों स्पेशल है? उन औरतों ने जो कुछ भी मुझे बताया, सोचा कि आपको भी बता दूं.

rtr3ad39_110618095950.jpgप्रतीकात्मक तस्वीर- रॉयटर्स

1. वो लड़की, जो दिवाली वाले दिन ही घर पहुंचेगी

मेरी एक दोस्त है- प्रेरणा. वो कई दिनों से दिवाली जाने के सपने देख रही थी. दिल्ली में रहती है, जॉब करती है. मम्मी-पापा बिहार में रहते हैं. पिछले 6 सालों से वो दिवाली दिल्ली में ही मना रही थी. इस बार घर जाने की ठानी. छुट्टी के लिए अप्लाई किया, और उसे छुट्टी मिल भी गई. ट्रेन से पटना का रिजर्वेशन करवाया. दिवाली के दो दिन पहले निकलने वाली थी दिल्ली से. लेकिन रिजर्वेशन मिला वेटिंग में. जो कन्फर्म न हो सका. तत्काल रिजर्वेशन करने के लिए बैठी, लेकिन ट्रैफिक इतना कि वहां भी रिजर्वेशन नहीं मिला. फ्लाइट की टिकट खोजी. सब बुक. एक फ्लाइट मिली, दिवाली वाले दिन की ही. उसी में रिजर्वेशन कराया. दिवाली की पूजा के ठीक पहले वो अपने घर पहुंचेगी. गनीमत है कि पहुंच तो जाएगी न.

rtx2qynp_110618100005.jpgप्रतीकात्मक तस्वीर- रॉयटर्स

उससे जब मैंने दिवाली के प्लान्स पूछे तो जवाब मिला, 'घर पहुंच जाऊं, ये सबसे बड़ा प्लान है.' ये तो खैर मज़ाक था. असल में उसकी दिवाली इस बार बहुत खास होगी. 6 साल बाद अपने परिवार के साथ जो मनाएगी. उसकी मम्मी ने बंदनवार मंगाया था, वही लेकर जा रही है अपने घर. अपने भाई-बहनों के साथ मनेगी उसकी दिवाली, 6 साल बाद. इसलिए बहुत स्पेशल है 2018 की दिवाली. ऐसी ही होती है एक वर्किंग वुमन की दिवाली. कभी परिवार के साथ, तो कभी दोस्तों के साथ.

rtr3au40_110618100017.jpgप्रतीकात्मक फोटो- रॉयटर्स

2. 'मां की तरह ही मनाऊंगी ये त्योहार'

स्वाति, मेरी कलीग हैं. जब मैंने उनसे पूछा कि वो क्या करेंगी दिवाली पर. जवाब मिला, 'घर नहीं जा रही हूं, लेकिन कोशिश है कि जैसे मां मनाती हैं ये त्योहार, वैसे ही मैं भी मनाऊं. अंतर केवल इतना होगा कि परिवार वाले नहीं होंगे, लेकिन दोस्त साथ होंगे.' स्वाति की दिवाली की प्लानिंग, बिल्कुल वैसी ही है, जैसे मैंने मेरी मां को दिवाली मनाते देखा है.

rtr3az83_110618100031.jpgप्रतीकात्मक फोटो- रॉयटर्स

स्वाति सुबह सबसे पहले घर की सफाई करेंगी. पौधों को पानी देंगी. फूल खरीद कर लाएंगी. फूलों की माला बनाएंगी. घर सजाएंगी. दीए खरीदकर लाएंगी. थोड़ी देर तक पानी में डालकर रखेंगी, ताकि दीए कच्चे न रह जाएं. अच्छा-अच्छा खाना बनाएंगी. उनके वो दोस्त, जो घर नहीं जा रहे हैं, उन्हें अपने घर बुलाएंगी. उनके साथ शाम का खाना खाएंगी. वही खाना जो वो अपने हाथों से बनाएंगी. इसमें सबसे खास रहेगा 'मखाने की खीर'. ये खीर स्वाति ने अपनी मां से बनानी सीखी है. स्वाति दिवाली को लेकर काफी एक्साइटेड हैं. वो खुश हैं.

rtx14wif_110618100048.jpgप्रतीकात्मक फोटो- रॉयटर्स

3. जिनके लिए दिवाली का मतलब है- परिवार के साथ अच्छा वक्त

निष्ठा, नोएडा में जॉब करती हैं. दिवाली पर उनकी टीम के बहुत से लोग छुट्टी पर चले गए. जिसके कारण उनकी टीम में लोग कम थे. ऐसे में उन्हें बहुत काम करना पड़ रहा था, पिछले करीब 7 दिनों से. उनका परिवार दिल्ली में ही रहता है. वो अपने मम्मी-पापा के साथ ही रहती हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से ऑफिस में काम इतना ज्यादा था कि वो अपने परिवार के साथ ठीक से टाइम नहीं बिता पा रही थीं.

rtx2qykb_110618100104.jpgप्रतीकात्मक फोटो- रॉयटर्स

जब मैंने उनसे पूछा कि ये दिवाली उनके लिए स्पेशल क्यों है? जवाब मिला, 'इस हफ्ते पहली बार अपने परिवार के लोगों के चेहरे मैं ठीक से देख पाऊंगी. इतने दिनों में मैं काफी बिजी थी, जिसके कारण उनसे बात तक नहीं हो पाई थी. दिवाली मेरे लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि इस दिन हम परिवार वाले सब साथ होते हैं. सबसे मिलने का मौका मिलता है.' निष्ठा को दिवाली में सजे हुए घर अच्छे लगते हैं. इसलिए वो कल अपने घर को बहुत ही अच्छे से सजाएंगी. परिवार के साथ टाइम बिताएंगी.

rtx2q38m_110618100126.jpgप्रतीकात्मक फोटो- रॉयटर्स

4. कम पैसों में भी अच्छी दिवाली मनाने की तैयारी में स्वीटी

ऑफिस के सामने एक बिल्डिंग बन रही. कोई दूसरा ऑफिस ही बन रहा होगा. वहां कंस्ट्रक्शन के काम में जो मजदूर लगे हैं, उनके लिए कंस्ट्रक्शन साइट के बगल में ही एक बक्से बराबर टीन के कमरे बने हुए हैं. उसी में वो अपने परिवार के साथ रहते हैं. उन्हीं में से एक मजदूर की पत्नी हैं- स्वीटी. जैसा नाम, बोलने में भी बिल्कुल वैसी ही. स्वीट सी.

rtx1uaxe_110618100137.jpgप्रतीकात्मक फोटो- रॉयटर्स

दिवाली की तैयारी के बारे में सबकुछ बताया. कहा कोई हाई फाई दिवाली नहीं मनेगी, लेकिन जितना हो सके. उतना अच्छे से मनाने की तैयारी है. स्विटी ने बताया कि पहले वो भी मजदूरी करती थीं, लेकिन अभी उनका बच्चा बहुत छोटा है, इसलिए वो मजदूरी नहीं कर रही हैं. दिवाली मनाने के सवाल पर हंसते हुए कहती हैं, 'हर साल मनाते हैं, इस साल भी मनाएंगे. ज्यादा कुछ हाई फाई डेकोरेशन नहीं करेंगे. लेकिन दिए जलाऊंगी. बच्चे, पति और अपने लिए नए कपड़े खरीद लिए हैं. कुछ अच्छा खाने का बनाऊंगी. पूजा करूंगी. मैं बिहार की हूं, लेकिन काम के सिलसिले में इधर-उधर जाना पड़ता है. इसलिए बिहार में तो कम ही दिवाली मन पाती है.'

rtx14yvv_110618100159.jpgप्रतीकात्मक फोटो- रॉयटर्स

ये थी इन चार औरतों की दिवाली की कहानी. कोई घर से दूर है, तो कोई परिवार के साथ है, लेकिन दिवाली मनाने का हर किसी का अपना खास तरीका है.

 

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