देवरिया शेल्टर होम: नशे की दवा खिलाकर लड़कियों को सेक्स के लिए भेजा जाता था

गिरिजा त्रिपाठी पैसे लेती थी, और पावरफुल लोगों के पास लड़कियां भेज देती थी

शेल्टर होम्स, यानी आश्रय गृह. जहां मुसीबत के मारे, दुनिया में फिट ना हो पाने वाले लोग जिन्हें एक सहारे की ज़रूरत है, वो आ कर टिकते हैं. आश्रय का मतलब सराय की तरह रात को टिकाना भर नहीं होता. आश्रय शब्द के साथ एक सुरक्षा की भावना जुड़ी हुई होती है. ये माना जाता है कि जिसने आपको आश्रय दिया है वो आपको सुरक्षित रखेगा.

अब ये भावना तार तार होती जा रही है.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के मामले के सामने आने के बाद अब फोकस इन शेल्टर होम्स पर आ गया है. यहां चल रहे गोरखधंधे एक-एक करके सामने आते जा रहे हैं, और उसी के साथ सामने आ रहे हैं ऐसे वाकये जो सर झुका देने के लिए काफी हैं.

अगस्त में मामला सामने आया था देवरिया शेल्टर होम का. यहां के मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संस्कार गृह से भागी एक 13 साल की लड़की ने वहां चल रहे गड़बड़झाले के बारे में बताया था. पता चला था कि वहां मौजूद लड़कियों को नशे की दवा खिलाकर सेक्स के लिए भेजा जाता था, पावरफुल लोगों के पास.

छह अगस्त को पुलिस ने छापा मारकर वहां से 24 लड़कियों को छुड़ाया था. इस शेल्टर होम को गिरिजा त्रिपाठी चलाती थीं. जो बच्ची वहां से भागी, उसे ग्राउंड फ्लोर पर सफाई करने का काम दिया गया था. 

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लड़की ने अपने बयान में बताया था,

‘हर रोज शाम चार बजे के करीब बड़ी-बड़ी गाड़ियों में लोग आते थे. कभी लाल, कभी सफेद और कभी काली गाड़ी आती थी. मैम उन गाड़ियों में दीदी को ले जाती थीं. दीदी लोग अगले दिन सुबह वापस आती थीं. जब वो वापस आती थीं तो रोती हुई दिखती थीं. जब हम लोग पूछते तो कोई भी दीदी कुछ भी नहीं बताती थी. छोटे-छोटे बच्चों से पोछा लगवाया जाता था. जब बच्चे पोछा लगाने और सफाई करने से इन्कार कर देते थे, तो छोटी मैडम और बड़ी मैडम पिटाई करती थीं. इतना ही नहीं हम लोगों को खाना भी नहीं दिया जाता था’.

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अब इस मामले में पुलिस ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है तो और भी कई जानकारियां सामने आई हैं. जनसत्ता में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गिरिजा त्रिपाठी ने जबरन नौ लड़कियों की शादी करवाई और इसके पैसे मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए मिले फंड से आए. 2017 में इस शेल्टर होम को बंद करने का फरमान दिया गया था फिर भी ये चलता रहा. पुलिस वाले यहां पर लड़कियों को भी भेजते रहे. इस शेल्टर पर लगे आरोपों के बावजूद 2017 से लेकर 2018 के बीच में यहां शादियां करवाई गईं. चार्जशीट में ये भी लिखा गया है कि एक लड़की की शादी शारीरिक रूप से अक्षम बूढ़े से ज़बरदस्ती कराई गई, और एक की देख ना सकने वाले व्यक्ति से. यही नहीं, पहले से शादी-शुदा दो लड़कियों की भी फिर से शादी करवाई गई. इलाहबाद हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए जो स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई थी, उसके चार्जशीट दाखिल करने के बाद अब इस मामले में क्या मोड़ आता है, उसके बारे में हम आपको अपडेट देते रहेंगे.

 

 

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