डेडपूल-2 रिव्यू: इस सुपरहीरो मूवी की वो दिक्कत जो किसी को नहीं दिखी

एक अच्छी सुपर हीरो फिल्म ने एक बहुत बड़ा मौक़ा खो दिया है.

2016 में एक फिल्म आई थी डेडपूल. मार्वल कॉमिक्स का एक किरदार है. सुपर हीरो. लेकिन औरों से हटकर. रायन रेनॉल्ड्स ने इसका किरदार निभाया था. एकदम खांटी ऐसा हीरो जिसे सही होने से कोई मतलब नहीं. जिसे खून खराबे से कोई परेशानी नहीं. बल्कि उसे पसंद है ये काफी. बोलने से पहले दो बार नहीं सोचता. मुंहफट ऐसा है कि उसको बोलते हुए सुन कर हॉल में बैठे फिल्म देखते लोगों के मुंह खुले के खुले रह जाते हैं.

2018 में उसी फिल्म का दूसरा पार्ट आया है. पिछली फिल्म में डेडपूल के किरदार को इंट्रोड्यूस किया गया था. इस फिल्म में उसके आस पास के किरदारों पर और उनके डेडपूल से रिश्ते कैसे हैं ये दिखाया गया है. जैसा पहले लिखा गया है कि डेडपूल एक अलग तरह की सुपर हीरो फिल्म है. इसमें हर तरह के नॉर्म तोड़े गए हैं. लेकिन जिस बात में यह फिल्म बाक़ी की सुपर हीरो फिल्मों जैसी बन कर रह जाती है, वो है फिल्म में औरतों के रोल. जितनी भी सुपर हीरो फिल्में  बनती हैं, चाहे बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, फिल्म में सारा खेला हीरो और विलेन के बीच में ही हो जाता है . और लगभग हर बार वो मर्द ही होते हैं.

फिल्म का विलेन केबल. लेकिन इसके विलेन होने की वजह है. फिल्म का विलेन केबल. लेकिन इसके विलेन होने की वजह है.

डेडपूल ने कई मामलों में एक अच्छी फिल्म है. जैसे आम तौर पर सुपर हीरो काफी मैसकुलिन यानि मर्दाना होते हैं. चौड़ी छाती. पतली कमर. मोरालिटी का एक अलग ही स्टैण्डर्ड. डेडपूल में ये सब फालतू की लफ्फाजी नहीं है. लड़कों से भी फ्लर्ट कर लेता है. अपनी बीवी के लिए रोता है. पड़ोस के हंसोड़ जोकर सा लगता है जिसके पास दिल भी है.

ये सब इस फिल्म की अच्छी बातें हैं जो इसे एक अलग फिल्म बनाती हैं. हम बात करना चाहते हैं उन बातों पर जिनके बारे में कोई अभी बात कर नहीं रहा. डेडपूल के फीमेल रोल्स के बारे में.फिल्म में ले दे कर चार फीमेल किरदार हैं. एक- वैनेसा. जो डेडपूल की बीवी है. दूसरी- नेगासॉनिक. तीसरी उसकी गर्लफ्रेंड युकियो. चौथी डेडपूल की टीम की सबसे नई और सबसे तगड़ी मेंबर- डॉमिनो.

डेडपूल की पहली फिल्म से एक सीन. साथ में डेडपूल की पत्नी भी है. डेडपूल की पहली फिल्म से एक सीन. साथ में डेडपूल की पत्नी भी है.

अब सीधी-सीधी बात करते हैं. किसी भी मेनस्ट्रीम सुपर हीरो फिल्म में किसी फीमेल किरदार का होता है, उस पर ध्यान ना देकर फोकस इस फिल्म पर रखते हैं. इस फिल्म में डेडपूल की बीवी का रोल बहुत लिमिटेड है. उसका होना इस वजह से है ताकि वो डेडपूल को एक मकसद दे सके. उस मकसद को डिफाइन करना भी पूरी तरह उनके हाथ में नहीं होता. हीरो को खुद ही उसे ढूंढना है. उस तक पहुंचना है. और कुछ ऐसा करना है कि ऑडियंस तालियां पीटती रह जाए, और वो खुद फिल्म के अंत में एक दो सेकण्ड के मोंटाज की तरह दिख कर गायब हो जाए. वो सफ़र के अंत पर तैयार है. मिलने को. या शायद ना मिलने को. एंड ट्रैजिक हो, कॉमिक हो, या फिर हूय हो, उस फीमेल किरदार का हीरो से अंत में मिलना होगा. लेकिन तब तक पूरी फिल्म निकल चुकी होगी. हीरो की हीरोपंती लोगों के दिलों में पैठ चुकी होगी. और अब फिल्म की उस फीमेल किरदार के हिस्से में बस हीरो के लौटने का इंतज़ार लिखा होगा.

इस फिल्म का ह्यूमर काफी डार्क है. इस फिल्म का ह्यूमर काफी डार्क है.

नेगासॉनिक और उसकी गर्लफ्रेंड युकियो का रोल भी इस फिल्म में ना के बराबर है. अब ये कहा जा सकता है कि भई जब स्क्रिप्ट में जगह ही नहीं होगी तो किरदारों को स्क्रीन पर कहाँ से फैला दिया जाएगा. यही तो दिक्कत है. जहां सुपर माचो वाली इमेज के सुपर हीरो के सामने बाकी के किरदार भी थोड़े दबे दबे से लगते हैं, वहीं स्क्रिप्ट से महिला किरदार बिल्कुल गायब ही हो जाते हैं. उनके डायलॉग. उनके सीन, उनकी इम्पोर्टेंस. सब कुछ परे हो जाता है. उनके लिए टीम का हिस्सा बनने की बात करना मुश्किल इसलिए हो जाता है क्योंकि वो बेंच पर बैठे खिलाड़ियों की तरह हो जाती हैं. यहां परेशानी ये है कि स्क्रिप्ट की जब बात की जाती है तो लोग यह भूल जाते हैं कि स्क्रिप्ट कोई अपने आप पैदा नहीं हो जाती जो बदली ना जा सके. स्क्रिप्ट लिखी जाती है, बाज़ार के हिसाब से. फिल्म की स्टारकास्ट के हिसाब से. उस समय दुनिया में चल रहे ट्रेंड के हिसाब से. वो ट्रेंड जिसमें पैसा बनाने वाले लोग मर्द हैं. जिसमें वो लोग रहते हैं जिनको एक ख़ास तरह की सुपर हीरो फिल्में पसंद आती हैं जिमें शुरू से मर्दों का दबदबा रहता आया है. इस फिल्म में चार महिला किरदार हैं. उनको कहाँ से कहाँ ले जाया जा सकता था. लेकिन नहीं हुआ ऐसा. 

डॉमिनो का कैरेक्टर और डेवलप हो सकता था. डॉमिनो का कैरेक्टर और डेवलप हो सकता था.

इस फिल्म में जो एक फीमेल किरदार उभर कर सामने आती है. वो है डॉमिनो. डेडपूल की टीम को ज्वाइन करती है. लेकिन उसकी भी कोई बैकस्टोरी नहीं है. केवल इतना कि वो इस फिल्म के प्लॉट से जुड़ी हुई है. कैसे जुड़ी है अब ये बता कर हम उन लोगों की बद्दुआ नहीं लेंगे जिन्होंने ये फिल्म अभी देखी नहीं है. लेकिन इतना जानने लायक है कि ले दे कर यही एक किरदार है जिसे थोड़े स्टंट सीन वगैरह मिले हैं. डेडपूल सिर्फ एक बहाना भर नहीं है. हम यहाँ इस बाबत क्यों बात कर रहे हैं. क्योंकि पॉपुलर कल्चर में रिप्रेजेंटेशन का महत्त्व हम इग्नोर करते आये हैं.

नेगासॉनिक और युकियो की जोड़ी एक अच्छा चेंज है. छोटा ही सही, मगर अच्छा. नेगासॉनिक और युकियो की जोड़ी एक अच्छा चेंज है. छोटा ही सही, मगर अच्छा.

आपको पता है कि मार्वेल कॉमिक्स के ही किरदार ब्लैक पैन्थर की पहली फिल्म जब रिलीज़ हुई तो अश्वेत, यानी ब्लैक लोग फिल्म थियेटरों में झुण्ड के झुण्ड बना कर पहुंचे थे? डायमंड कॉमिक्स की किरदार वंडर वुमन की पहली फिल्म जब रिलीज़ हुई तब छोटी छोटी लड़कियां उस फिल्म की हीरोइन गैल गडोट के पास पहुंचकर रो पड़ी थीं.

अंग्रेज़ी में एक कहावत है – यू कांट बी व्हॉट यू कांट सी. यानी आप वो नहीं बन सकते जिसको अपने देखा नहीं यानी जिसका अपने सामने कोई एक्जाम्पल नहीं है. जब तक किसी ने एवरेस्ट फतह नहीं की थी, तब तक किसी ने सोचा नहीं था कि ऐसा हो सकता है. किया जा सकता है. पर जब हुआ. तब थोड़ी सी तस्वीर बदली. दीवार की चिप्पी उखड़ी.

डेडपूल की दोनों फिल्मों में गर्लफ्रेंड और पत्नी वैनेसा का किरदार निभाने वाली मोरेना बैक्रिन. डेडपूल की दोनों फिल्मों में गर्लफ्रेंड और पत्नी वैनेसा का किरदार निभाने वाली मोरेना बैक्रिन.

डेडपूल यहां पे इसलिए भी सिग्नीफिकेंट हो जाती है क्योंकि ये ऐसी फिल्म है जो हर तरह के ढर्रे से हटकर चलती है. इसका सुपर हीरो हर किसी से अलग है. अपने साथ के माचो सुपर हीरो की बाहों में लिपटकर उसे दुलार लेने की हिम्मत है उसमें. अपनी गलती मानने की ताकत है उसमें. रो लेने का माद्दा है. ये सुपर हीरो फिल्मों के लिहाज से एक अच्छी फिल्म है. जहाँ आकर ये फिल्म खटक जाती है वो ये कि मुख्य ढर्रे पर फीमेल रोल्स की एक नियति सेट है. जब फिल्म ढर्रे से हटती है तो उसे ढर्रे से उन लोगों को साथ लेते हुए चल लेना चाहिए जो साइड में खड़े हैं. डेडपूल कर लेती तो अच्छा होता. पर नहीं हुआ है.

 

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