मीनाक्षी नटराजन: 'टंच माल' वाले बयान से कहीं आगे है इनकी पॉलिटिक्स
पहले ही चुनाव में इतिहास रच दिया था
मध्य प्रदेश में एक जिला है, मंदसौर. इस लोकसभा सीट से कांग्रेस ने इस बार महिला प्रत्याशी को उतारा है. नाम है मीनाक्षी नटराजन. ये वही महिला नेता हैं, जिन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की टिप्पणी का समर्थन किया था और सुर्खियों में आ गई थीं.
पहले उस टिप्पणी के बारे में जानिए, जो कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने की थी-
“मीनाक्षी नटराजन जी लोकसभा की सदस्य हैं. गांधीवादी हैं, सरल हैं, ईमानदार हैं. सबके पास जाती हैं, गांव-गांव जाती हैं. मैं अभी कल से इनके इलाके देख रहा हूं. मुझे भी 40-42 साल का अनुभव है. मैं भी पुराना जौहरी हूं, राजनीतिज्ञों का. थोड़ी देर बाद पता ही चल जाता है कि कौन फर्जी है और कौन सही है. ‘ये सौ टंच माल हैं’. गरीबों की लड़ाई लड़ती हैं. मंदसौर जैसे जिलों की गुटबाजी में नहीं पड़ती हैं. सबको अपने साथ लेकर चलती हैं और दिल्ली में भी अपनी छाप छोड़ दी है. लोकसभा के अंदर भी बाहर भी. राहुल और सोनिया गांधी जी इनको बहुत मानते हैं.”
तस्वीर : फेसबुक.
इसके बदले में मीनाक्षी नटराजन बोंलीं-
“पिछले 10 साल से मेरा और माननीय दिग्विजय सिंह का रिश्ता बिल्कुल बेटी और बाप की तरह रहा है. मैं उन्हें पिता तुल्य समझ कर वैसा ही सम्मान करती हूं. रही बात ‘टंच माल’ की तो मालवी भाषा में इसका मतलब 'खरे सोने 'की तरह होता है. उन्होंने मेरी कार्य शैली को परखा और उसका मूल्यांकन कर उसपर टिप्पणी की. मैं उनकी आभारी हूं. और मालवी भाषा में किस तरह बात की जाती है, इसका ज्ञान मुझे और माननीय दिग्विजय सिंह को है, क्योंकि हम दोनों वहां राजनीति करते हैं.”
ये बयानबाजी जुलाई, 2013 की है. जब अधिकतर लोगों ने मीनाक्षी नटराजन का नाम सुना और अन्य नेताओं ने दिग्विजय सिंह को ट्रोल किया.
-मीनाक्षी उज्जैन के बिड़लाग्राम नाग्डा में जन्मीं. बायोकैमेस्ट्री में ये पोस्ट ग्रैजुएट हैं. बैचलर डिग्री इन्होंने लॉ से की. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी, इंदौर से अपनी पढ़ाई की.
-इन्होंने NSUI यानी नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया जॉइन किया. 1999- 2002 तक उसकी प्रेसिडेंट रहीं.
-2002 से 2005 तक ये मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस की प्रेसिंडेंट रहीं.
-2008 में राहुल गांधी ने मीनाक्षी नटराजन को AICC यानी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का प्रेसिंडेंट नियुक्त किया.
एक गांव में प्रचार के दौरान एक बुजुर्ग महिला मीनाक्षी को दुलारती हुई. फोटो : फेसबुक.
-2009 में ये आम चुनाव के लिए खड़ी हुईं मंदसौर से. राहुल गांधीं ने इन्हें नॉमिनेट किया. चुनाव हुआ. नतीजा आया चौंकाने वाला. क्योंकि जो 1974 से इस सीट से जीतते आ रहे थे, बीजेपी के उन लक्ष्मीनारायण पांडेय को मीनाक्षी ने 30 हजार वोट से हरा दिया.
-लॉ, पब्लिक ग्रीवेंसेज यानी लोक शिकायत और महिलाओं के सश्क्तिकरण समितियों की मेंबर रहीं.
-2014 में पासा पलट गया और बीजेपी के सुधीर गुप्ता ने मीनाक्षी नटराजन को 30 हजार वोट के अंतर से हरा दिया. इस बार भी चुनाव में सुधीर गुप्ता ही टक्कर देने जा रहे हैं.
हालांकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई है. लेकिन इस सीट पर एक बार जीत और एक बार हार मिली है. इस सीट पर अब क्या होगा, ये मई में आने वाले नतीजे बताएंगे.
इसे भी पढ़े -रेणुका सिंह: लोन न चुका पाने पर सुर्खियों में आईं थीं, अब लड़ेंगी लोकसभा चुनाव
लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे