उन्नाव रेप केस: चिट्ठी में लिखी ऐसी बातें फिर भी चीफ जस्टिस के पास क्यों नहीं पहुंची?

पीड़िता ने 12 जुलाई को जो चिट्ठी लिखी थी वो सामने आ गई है.

अभिषेक कुमार अभिषेक कुमार
जुलाई 31, 2019
चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्रार से जवाब मांगा है

28 जुलाई को हादसे के बाद से उन्नाव रेप पीड़िता अस्पताल में भर्ती है. जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है. लेकिन दूसरी तरफ इस केस में रोज ऐसी चीज़ें हो रही हैं, जिसे देखकर दिमाग में ख्याल आता है कि ये हो क्या रहा है.

30 जुलाई को खबर आई कि हादसे के 16 दिन पहले पीड़िता ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी थी. मदद और सुरक्षा की अपील की थी. लेकिन उसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई. लोग-बाग पूछने लगे कि जब 12 जुलाई को चिट्ठी दी गई फिर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई क्यों नहीं की. अब खबर आ रही है कि वो चिट्ठी चीफ जस्टिस के पास पहुंची ही नहीं थी.

CJI रंजन गोगोई को मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला कि पीड़िता ने उन्हें चिट्ठी लिखी थी. अब उन्होंने पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट मंगवाई है, साथ ही इस पर गुरुवार को सुनवाई की भी बात कही है. सीजेआई ने इस मामले पर रजिस्ट्रार को रिपोर्ट देने को कहा है. 

03_073119021026.jpgसीजेआई ने रजिस्ट्रार से चिट्ठी को लेकर जवाब मांगा है.

बुधवार के दिन पॉस्को एक्ट से जुड़े एक मामले पर बोलते हुए चीफ जस्टिस ने उन्नाव मसले पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा-

आज सुबह मैंने अखबारों में पढ़ा कि पीड़िता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी गई है. लेकिन मुझे चिट्ठी के बारे में कल ही पता लगा था. मेरे पास अभी तक चिट्ठी नहीं आई है. हम यहां पर इस तरह के माहौल के बीच भी सही व्यवस्था को स्थापित करना चाह रहे हैं, लेकिन फिर इस तरह की बातें निकल कर सामने आती हैं.

पीड़िता, उसकी मां और चाची की तरफ से लिखी गई चिट्ठी में 7-8 जुलाई की घटना का ज़िक्र था. परिवार ने चिट्ठी के ज़रिए धमकी की बात बताई थी. चिट्ठी में लिखा था-

सात जुलाई को बलात्कार मामले में एक आरोपी के बेटे नवीन सिंह, शशि सिंह, मनोज सिंह, (एक अन्य आरोपी कुलदीप सिंह के भाई) और कन्नू मिश्रा मेरे घर आए थे और धमकी दी. कहा- हम लोगों ने जज को खरीदकर कुलदीप सिंह और शशि सिंह की जमानत मंजूर करवा ली है और तुम लोगों को फर्जी मुकदमे में जेल में डालकर सज़ा कराकर सड़ा देंगे.

चिट्ठी के ज़रिए धमकी की बाद पीड़िता ने सीजेआई को बताई थीपीड़िता ने सीजेआई को लिखी चिट्ठी में धमकी की बात बताई थी.

इस चिट्ठी के साथ पीड़िता के परिवार वालों ने प्रूफ के तौर पर वो वीडियो भी शेयर किया था जिसमें आरोपी उनके घर आए थे. चिट्ठी के ज़रिए परिवार धमकी देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा था.

अब चिट्ठी और चीफ जस्टिस के पास उसके ना पहुंचने को लेकर जितने भी सवाल हैं, वो गुरुवार के दिन सुनवाई के बाद साफ होगी. लेकिन फिलहाल इस बात को लेकर विपक्ष के लोग बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गए हैं.

 

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