क्या होता है जब चाहकर भी मां नहीं बन पाती एक औरत

पता नहीं दोस्तों- रिश्तेदारों को क्या मजा आता है मुझे बुरा फील कराने में.

ऑडनारी ऑडनारी
जून 15, 2019

(ये ब्लॉग हमें हमारी 32 साल की एक रीडर ने भेजा है. वह 8 साल से शादीशुदा हैं. मां बनना चाहती हैं. लेकिन कंसीव नहीं कर पा रही हैं. उनकी निजता का ध्यान रखते हुए हम उनका असली नाम प्रकाशित नहीं कर रहे हैं.)

 मेरा नाम राधिका है. इंदौर में रहती हूं. पति और सास-ससुर के साथ. मेरी शादी को 8 साल हो गए हैं. मैं मां बनना चाहती हूं. मेरे पति बैंक में काम करते हैं. सास-ससुर भी गवर्नमेंट जॉब में हैं. घर में किसी चीज की कोई कमी नहीं है. लेकिन एक बच्चे की कमी खलती है.

शादी हुई तब 24 साल की थी. शुरुआत में एक-दो साल अच्छे से बीते. हमें भी कोई जल्दी नहीं थी बच्चे की. फिर धीरे-धीरे मेरी छोटी बहनों, सहेलियों की शादी हुई. शादी के एक दो साल में उनके घर बच्चे भी आ गए. हमने भी फैमिली प्लान करना शुरू किया. कुछ टाइम तक खुद से ट्राई किया, फिर डॉक्टर को भी दिखाया.

हमारी शादी के बाद का तीसरा-चौथा-पांचवा साल ऐसे ही बीता. किसी और की शादी या बच्चे के कार्यक्रमों में जाने में. जो मिलता यही पूछता- और गुड न्यूज कब दे रही हो.

मैं प्रेशर लेने लगी. हम दोनों ही तनाव लेने लगे. डॉक्टरों के पास जाने की फ्रिक्वेंसी बढ़ गई. मेरे कई टेस्ट्स हुए. मेरे पति ने भी अपना टेस्ट करवाया. सारी रिपोर्ट्स नॉर्मल थीं. डॉक्टर की कही हर बात फॉलो करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ.

प्रतीकात्मक फोटो- Pixabayप्रतीकात्मक फोटो- Pixabay

मैं शुरू से पढ़ाई में तेज थी. लेकिन कभी डॉक्टर, इंजीनियर या कुछ और बनने का सपना नहीं देखा. मैं हमेशा एक प्यारे से खुशहाल घर का सपना देखती थी. ऐसा घर जिसे मैं अपने तरीके से सजाऊं, आंगन में खूब-सारे पौधे हों, अलग-अलग तरह के फूलों के. मैं उनका ख्याल रखूं. एक परिवार जिसमें सब एक-दूसरे से प्यार करें. ऐसा घर मुझे मिला भी.

मैं पूजा-पाठ में यकीन रखती थी. ओझा-बाबा में कभी मुझे भरोसा नहीं रहा. लेकिन शादी के 5-6 साल बीत जाने के बाद, शहर के बड़े से बड़े डॉक्टर को दिखा लेने के बाद भी जब बच्चा नहीं हुआ तो लोगों ने नीम-हकीम के पास जाने का सुझाव देना शुरू कर दिया.

शुरू में हमने उन बातों को इग्नोर किया. लेकिन धीरे-धीरे लगने लगा कि ये भी ट्राई कर लेते हैं. क्या पता इससे ही कुछ हो जाए. तीन-चार महीने पहले हम उस बाबा के पास गए थे. मैं पहले ही काफी डरी हुई थी. हम वहां पहुंचे, बहुत ही दमघोंटू माहौल था.

उस बाबा ने सारे सवाल मुझसे ही पूछे. सारे उपाय मुझे बताए. बैठाकर नींबू काटकर, उसमें सिंदूर लगाकर नजर उतारने जैसा कुछ किया. सिर्फ मेरे साथ. जैसे दोष मुझ में ही हो. मैं अपने पति को देख रही थी, वो मुझे. हम दोनों अजीब फील कर रहे थे. मुझे उल्टी सी आ रही थी. रुलाई छूट रही थी पर जैसे-तैसे खुद को रोककर रखा. घर पहुंचकर मैं खूब रोई. 8 साल बच्चा नहीं हुआ तब इतना नहीं रोई जितना उस दिन रोई थी. मुझे लग रहा था जैसे मेरी सारी पढ़ाई बर्बाद हो गई उस दिन. जैसे मैंने जो कुछ भी सीखा अब तक वो सब खत्म हो गया.

हम अब भी कोशिश कर रहे हैं. मैं लकी हूं कि मेरे ससुराल वालों या पति ने इसका दोष कभी मुझपर नहीं डाला. मुझे इसके लिए ताने नहीं मारे. लेकिन दोस्त- रिश्तेदारों को पता नहीं क्या मजा आता है बार-बार एक ही टॉपिक छेड़ने में. मुझे बुरा फील कराने में. आखिर में मैं इतना ही बोलूंगी कि बच्चा होना न होना भगवान की मर्जी है. लेकिन मैं मां बनना चाहती हूं और इसकी उम्मीद कभी नहीं छोड़ूंगी.

 

 

लगातार ऑडनारी खबरों की सप्लाई के लिए फेसबुक पर लाइक करे      

Copyright © 2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today. India Today Group