बीजेपी नेता के भाई राजिंदर बब्बी CM महबूबा मुफ़्ती को माइक पर 'कुतिया' पुकार रहे हैं

और हम सोचते थे वो कैसे लोग हैं, जो कठुआ रेपिस्ट की गिरफ्तारी के खिलाफ थे.

कठुआ रेप कांड को हुए कुछ दिन हो गए. उसके बाद भी सैकड़ों रेप की ख़बरें हमने रोज पढ़ीं. हमने सोचा क्यों. क्यों ऐसा होता है कि बड़े-बड़े रेप कांड के बाद भी हम नहीं सुधरते.

फिर हमें इस सवाल का जवाब मिल जाता है, जब हम देखते हैं कि यहां रेपिस्ट के समर्थन में ही रैलियां निकाली जा रही हैं.

कठुआ रेप केस के बाद कई हिंदुत्ववादी समुदायों ने ये कहकर रेपिस्ट की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया कि ये समुदाय-विशेष पर हमला है.

ऐसे मौके पर सत्ताधारी पार्टी के एक प्रमुख लोकल नेता चौधरी लाल सिंह ऐसी ही एक रैली में भाग लेते हैं. लाल सिंह पहले पीडीपी-बीजेपी संगठन द्वारा चल रही जम्मू-कश्मीर सरकार में वनविभाग मंत्रालय देखते थे. फिर उनकी हरकतों ने साफ़ कर दिया कि जो उनके लिए जरूरी है वो एक 8 साल की बच्ची के अपराधी की सजा दिलाना नहीं, अपनी कौम को 'रेपिस्ट' के धब्बे से बरी रखना है. इसके चलते उन्हें रिजाइन करना पड़ा था.

तो इस बार उनके छोटे भाई बब्बी ने साफ़ कर दिया है कि दोनों भाइयों की प्राथमिकताएं कहां और क्या हैं. राजिंदर सिंह उर्फ़ बब्बी ने रैली में नारे लगाते हुए महबूबा मुफ़्ती को 'कुत्ती' यानी 'कुतिया' कहा. अपनी चीफ मिस्निटर, जो एक महिला है, को जब आप पब्लिक में गाली देते हैं, आप साफ़ कर देते हैं कि सिर्फ आप एक रेप केस में हुई गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं, बल्कि आप खुद ही प्रो-रेप हैं. माफ़ करें, मगर जो किसी औरत का मौखिक उत्पीड़न कर सकता है, वो किसी का शारीरिक उत्पीड़न नहीं करेगा, इसका क्या भरोसा.

अगर आपको वीडियो में बोले गए वाक्य समझ में नहीं आ रहे हैं तो,

'महबूबा कुत्तीसाड्डा बेड़ागरक करित्तासाड्डा देश लूट लिया मोदी भी फंसा लिया'

बब्बी की इस छोटी कविता पर तालियां पीटीए कि ये स्त्री-विरोधी होने की क्लासिक परिभाषा है. महबूबा मुफ़्ती के कुतिया होने की एक वजह ये भी है कि उनने मोदी जो फंसा लिया. बेचारे भोले-भाले मोदीजी. उन्हें सही-गलत क्या पता. महबूबा जैसी औरतें ही फंसाकर सीधे लोगों रेपिस्ट को सजा दिलवाने जैसे गलत काम करती हैं.

इतना सबकुछ होने के बाद भी लाल सिंह कहते हैं कि उन्हें गलत दिखाया जा रहा है. वो तो बस कठुआ की पीड़ित बच्ची को न्याय दिलवाना चाहते हैं. कमाल है, जो अपने भाई को नहीं संभाल पा रहे हैं, वो एक मंत्रालय संभाल रहे थे.

 

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