वो वियतनामी एयरलाइन जिसकी एयर होस्टेस बिकिनी पहनती हैं, अब इंडिया में शुरू हो रही है
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में आंखों से लड़कियों का एक्स-रे कर लेने वालों के लिए अच्छी खबर.
एक देश है वियतनाम. वहीं एक शहर है हो-ची-मिन्ह. वैसे तो दुनिया में तमाम देशों के तमाम शहर हैं लेकिन इसी शहर का ज़िक्र क्यों? काहे कि इच्छाएं होती हैं अनंत और सपनों के होते हैं पंख. इस देश ने हमारे यहां उम्मीद जगाई है. महज़ 9 (नौ ही है, कोई टाइपो नहीं है) रूपए में वियतनाम जाने की उम्मीद. लेकिन इससे बड़ी एक और उम्मीद है. इस फ्लाइट में जबरन गला सूखने की एक्टिंग करते लोग जब सीट बेल बजाएंगे तो जो एयर होस्टेस आएगी वो बिकिनी पहनी होगी. यानि सिर्फ़ नाम भर के कपड़े. हमारे यहां से हर दिन ‘बिज़नेस मीटिंग’ के नाम पर भर-भर के बैंकॉक और थाईलैंड जाने वाली जनता को और क्या उम्मीद चाहिए.
विएटजेट का एक नाम ‘बिकिनी एयरलाइन’ भी है. विएटजेट का नाम ‘बिकिनी एयरलाइन’ कैसे पड़ा? इसकी भी अपनी कहानी है.
बिकिनी एयरलाइन का नाम यही क्यों पड़ा इसकी भी अपनी कहानी है
# नाम का सीक्रेट
विएटजेट एयरलाइन का अतीत भी कम इंट्रेस्टिंग नहीं रहा है. उसकी अपनी इसी हिस्ट्री की वजह से इस एयरलाइन का नाम ही जनता जहान ने ‘बिकिनी एयरलाइन’ रख दिया. साल 2002 में एयरलाइन को आया एक अतरंगी आइडिया. बादलों के भीतर फ़ैशन शो करवाने का. अब मॉडल उड़कर तो आसमान में रैम्प वॉक करती नहीं. तो अपने एक हवाई जहाज़ के भीतर ही ये फैशन शो करवा दिया. स्विम सूट पहने लड़कियों ने उतनी सी जगह में पूरा फैशन शो निपटा दिया.
इसके बाद दो चीज़ें हुईं. पहली तो ये कि विएटजेट का नाम रख दिया लोगों ने ‘बिकिनी एयरलाइन.’ और दूसरा ये हुआ कि एयरलाइन के ऊपर लगा तगड़ा जुर्माना. क्योंकि उड़ते हवाई जहाज़ के भीतर रैम्प वॉक करवाने से यात्रियों की जान से खिलवाड़ हुआ था. और पिछले साल 2018 में तो विएटजेट ने CEO को बाक़ायदा माफ़ी मांगनी पड़ी थी. एक फुटबॉल टीम इसी एयरलाइन से यात्रा कर रही थी और एयरलाइन ने विमान की लैंडिंग के बाद टीम के सम्मान में ‘बिकिनी परेड’ करा डाली थी.
बाक़ायदा रैम्प वॉक करवा दी थी यात्रियों के लिए इस एयरलाइन ने
# इसका असर क्या होगा?
अभी ये तो पता नहीं है कि एयरलाइन दिल्ली वालों को भी बिकिनी वाली एयरहोस्टेस की ‘सुविधा’ उपलब्ध कराएगी या नहीं. लेकिन ‘ठरक’ का पूरा सिद्धांत ही ‘उम्मीद’ पर टिका हुआ है. ऐसे में ‘होप्स आर आई’.
20 से 22 अगस्त तक का टाइम था. दो दिन बीत चुके हैं. आज आख़िरी दिन है. कंपनी ने अपने प्रमोशनल फ़ेयर में बेस फ़ेयर रखा है 9 रुपया. सफ़र शुरू होगा 6 दिसंबर 2019 से. लेकिन हमारे यहां डीटीसी बस में कपड़ों के भीतर तक नज़रें फेर लेने वाले लोग महज़ 9 रूपए में बिना किसी व्यवधान ‘देह दर्शन’ का मौका कोई क्यों ही छोड़ने लगा.
अब ठरकी लोगों के पासपोर्ट पर लगेगा ठप्पा वियतनाम का
असल में बाज़ार समझता है कि ग्राहक को क्या चाहिए. ग्राहक ‘एक के साथ एक फ़्री’ सुनकर ज़हर की बोतल भी जोड़े में ले जाता है. और हमारा ये महादेश वियतनामी एयरलाइन के लिए भी तो एक ज़बरदस्त बाज़ार ही तो है.
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