बचपन में ट्रांसजेंडर होने के कारण घर छोड़ना पड़ा था, आज पद्म श्री मिला है

नर्तकी नटराज एक भरतनाट्यम डांसर हैं.

सरवत फ़ातिमा सरवत फ़ातिमा
जनवरी 27, 2019
नर्तकी नटराज का जन्म 1964 में हुआ था. फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर

हर रिपब्लिक डे, प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया कुछ लोगों को पद्म श्री अवॉर्ड से नवाज़ते हैं. भई, बड़ी बात है ये. क्योंकि ये हिंदुस्तान के आम नागरिक को दिए जाने वाला चौथा सबसे बड़ा अवॉर्ड है. इस साल भी कई लोगों को मिला. पर इस बार कुछ स्पेशल था. क्या? 54 साल की नर्तकी नटराज. ये एक भारतनाट्यम डांसर हैं. काफ़ी फेमस. तमिलनाडू से हैं. और एक ट्रांसजेंडर हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के किसी सदस्य को पद्म श्री से नवाज़ा गया है.

नर्तकी की पैदाइश मदुराई की है. बचपन में उनकी दोस्ती शक्ति से हुई. वो भी ट्रांसजेंडर थीं. दोनों को काफ़ी छोटी उम्र में ही इस बात का इल्म हो गया था कि वो सबसे थोड़ा अलग हैं. चीज़ें उनके के लिए काफ़ी मुश्किल रहीं. ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के बाकी कई लोगों की तरह उनको भी दिकत्तों का सामना करना पड़ा. लोग उनका मज़ाक उड़ाते. उनको धित्कारते. एक दिन परेशान होकर नर्तकी और शांति ने घर छोड़ दिया. पर घर छोड़ने के बाद पैसों की किल्लत शुरू हो गई. दोनों ने छोटी-मोटी नौकरियां करनी शुरू कर दी. ताकि रोज़ का खर्चा निकल सके.

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नर्तकी को पद्म श्री मिलना बड़ी बात है. न सिर्फ़ उनके लिए, बल्कि पूरी ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लिए. (फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर)

बचपन से ही नर्तकी को डांस का काफ़ी शौक था. उनको तलाश थी एक गुरु की जो उनको डांस सिखा सकें. 1984 में उनकी तलाश पूरी हुई. उनको मिले तंजोर श्री केपी किटप्पा पिल्लई. पिल्लई ने नर्तकी और शक्ति को अपने गुरुकुल में एक साल रहने की इजाज़त दे दी. साथ ही उनको भरतनाट्यम भी सिखाया. सालों की मेहनत रंग लाई. नर्तकी ने काफ़ी नाम कमाया. दुनिया भर में परफॉर्म किया है. शोहरत हासिल करने के बाद, नर्तकी ने ख़ुद का एक डांस स्कूल भी खोला.

एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी ख़बर के मुताबिक, उनके बारे में अब स्कूल बच्चे भी पढ़ते हैं. तमिलनाडू स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने नर्तकी के ऊपर एक पूरा चैप्टर छापा है. ये चैप्टर 11वीं क्लास के बच्चों को पढ़ाया जाता है.

nartaki-2_012719082548.jpgशोहरत हासिल करने के बाद नर्तकी ने अपना ख़ुद का डांस स्कूल भी खोला. फ़ोटो कर्टसी: ट्विटर

नर्तकी को पद्म श्री मिलना बड़ी बात है. न सिर्फ़ उनके लिए, बल्कि पूरी ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लिए. क्योंकि हम एक ऐसी वाले कमरे में बैठकर चाहे जितनी बातें कर लें. समाज ने ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को आज भी नहीं अपनाया है. उनके लिए ज़िन्दगी बहुत मुश्किल है. ऐसी में राष्ट्रीय स्टार पर अवार्ड जीतना एक खुशखबरी है.

 

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